सैंकड़ों पोल्ट्री फार्मों पर छाए संकट के बादल, फीड न पहुंचने के कारण दफनाने पर हुए मजबूर

Edited By Isha, Updated: 06 Apr, 2020 11:42 AM

hundreds of poultry farms dominated the crisis forced

कोरोना वायरस (कोविड-19) के फैलाव को रोकने के लिए किए गए राष्ट्रव्यापी लॉकडाऊन के कारण मुर्गी पालन (पोल्ट्री) का कार्य करने वाले किसानों....

टोहाना (विजेंद्र) : कोरोना वायरस (कोविड-19) के फैलाव को रोकने के लिए किए गए राष्ट्रव्यापी लॉकडाऊन के कारण मुर्गी पालन (पोल्ट्री) का कार्य करने वाले किसानों व इस कार्य से जुड़े लोगों के समक्ष फीड की समस्या उत्पन्न हो गई है। अब तो पोल्ट्री व्यवसाय से जुड़े लोगों को इस बात का भय सताने लगा है कि अगर फीड की सप्लाई को बहाल नहीं किया गया तो उनकी मुर्गियां मरने के कगार पर पहुंच जाएंगी। पोल्ट्री व्यवसाय से जुड़े लोगों का कहना है कि मक्का, सोयाबीन, मूंगफली केक, बाजरा इत्यादि पोल्ट्री फीड की आपूर्ति रुक गई है जिसके कारण क्षेत्र के पोल्ट्री फार्मों को भारी नुक्सान उठाना पड़ रहा है।

हिसार और जींद के फीड प्लांट बंद हो चुके हैं। पोल्ट्री फार्म व्यवसायी राजकुमार का कहना है कि कोरोना वायरस फैलने के पीछे मीट व अंडों के खाए जाने की अफवाह के बाद पोल्ट्री व्यवसाय दम तोड़ चुका है। इस कार्य से जुड़े लोगों का इतना नुक्सान हो चुका है कि अब वो चूजों, मुर्गियों व मुर्गों को जे.सी.बी. से जमीन में गड्ढे खुदवाकर उसमें दफनाने पर मजबूर हो रहे हैं। इनका कहना है कि कोरोना वायरस के कारण लगे लॉकडाऊन के बाद पोल्ट्री फीड नहीं आ रहा।

देश में चिकन और अंडे की आपूर्ति मुख्य रूप से राजस्थान, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश और गुजरात से होती है लेकिन वहां से भी इस समय हरियाणा में पोल्ट्री से जुड़े व्यवसाइयों को फीड की सप्लाई नहीं हो रही। प्रत्येक पोल्ट्री व्यवसायी 5 से 7 दिनों का मुर्गी चारा ही अपने स्टॉक में रखता है और अब स्टॉक खत्म हो गया है लेकिन सरकार का इस ओर कोई ध्यान ही नहीं है अगर सरकार द्वारा पोल्ट्री फीड की आपूर्ति के लिए जल्द ही कोई ठोस कदम नहीं उठाए गए तो पोल्ट्री फार्म के पक्षी मरने शुरू हो जाएंगे। फीड की कमी के कारण कई पोल्ट्री व्यवसायी अपनी मुर्गियों को दफनाने पर मजबूर हैं।

उपमंडल के गांव ललौदा-फतेहपुरी मार्ग पर रेलवे फाटक के नजदीक की ढाणी में स्थित कुकड़ेजा पोल्ट्री फार्म के परवेश कुमार और देवेंद्र कुमार का कहना है कि इसी भय के कारण उन्होंने लगभग 9000 चूजों को जे.सी.बी. मशीन द्वारा 15 फुट गहरी जमीन खोदकर दबाया है व इसके ऊपर नमक वगैरा डाल दिया है ताकि पर्यावरण साफ व स्व४छ रहे।

पोल्ट्री व्यवसायियों का कहना है कि कोरोना वायरस के कारण पहले ही मुर्गी व अंडों की बिक्री में गिरावट के कारण नुक्सान हो रहा था, अब इस हालात में तो पोल्ट्री उद्योग के लिए ही संकट पैदा हो गया है। इन व्यवसायियों ने सरकार से मांग की है कि फीड और अंडों के वाहनों को भी आवाजाही से छूट प्रदान की जाए अन्यथा मुर्गी पालन (पोल्ट्री) का व्यवसाय बंद हो जाएगा व हजारों लोगों के सामने बेरोजगारी की समस्या पैदा हो जाएगी।

Related Story

Trending Topics

IPL
Chennai Super Kings

176/4

18.4

Royal Challengers Bangalore

173/6

20.0

Chennai Super Kings win by 6 wickets

RR 9.57
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!