खिलाड़ियों के साथ अन्याय कब तक... 2 बार विश्व विजेता बेटियों को 3 साल बाद मिला आधा ईनाम

Edited By Isha, Updated: 10 Sep, 2020 05:25 PM

how long have the players been treated unfairly

भिवानी व चरखी दादरी की विश्व विजेता बॉक्सर बेटियां हमारे सिस्टम व सरकार के काफी परेशान हैं और हो भी क्यों न पहले तो उन्हें अपनी ईनामी राशि पाने के लिए इतनी जद्दोजहद करनी पड़ी लेकिन अब जब ईनाम मिल तो वो भी अधूरा।

भिवानी (अशोक):  भिवानी व चरखी दादरी की विश्व विजेता बॉक्सर बेटियां हमारे सिस्टम व सरकार के काफी परेशान हैं और हो भी क्यों न पहले तो उन्हें अपनी ईनामी राशि पाने के लिए इतनी जद्दोजहद करनी पड़ी लेकिन अब जब ईनाम मिल तो वो भी अधूरा। ऊपर से इनकी ईनाम राशी तीन साल बाद स्वीकृत हुई और जब हुई तो अब महीने से ज्यादा समय से ईनाम राशी के चैक का भुगतान नहीं हो रहा। इन विश्व विजेता बेटियों के कोच जगदीश ने सवाल उठाया है कि देर से मिला न्याय व ईनाम भी अन्याय के बराबर होता है।

कहते हैं देर से मिला न्याय भी अन्याय जैसा होता है। ऐसा ही कुछ हो रहा है मिनी क्यूबा कहे जाने वाले भिवानी की विश्व विजेता बेटियों के साथ। ना केवल भिवानी बल्कि चरखी दादरी की दो बेटियों के साथ भी कुछ ऐसा ही हुआ है। यूं तो कोरोना काल से कोई अछुता नहीं रहा, लेकिन रिंग में दो दो हाथ करती ये नीतू व साक्षी हैं। अपने मुक्कों की बदौलत इन दोनों बेटियों ने ना केवल देश में भिवानी का नाम रोशन किया बल्कि पूरी दुनिया में धाक जमाई। 

नीतू व साक्षी एक बार नहीं बल्कि दो-दो बार विश्व विजेता रही हैं पर इससे सिस्टम व सरकार की ढिलाई कहें या इनका दुर्भाग्य की इन्हे जो विश्व विजेता का ईनाम मिलना था वो पहले तो आधा किया गया और फिर उसे स्वीकृत करने में तीन साल लग गए। यही नहीं अब वो स्वीकृत राशी के चैक का भुगतान नहीं हो रहा। नीतू व साक्षी ने साल 2017 व 2018 में गोहाटी व हंग्गरी में हुई विश्व महिला बॉक्सिंग चैंपियनशिप में गोल्ड जीत कर देश व देश की बेटियों का गौरव बढाया था।
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तीन साल के संघर्ष के बाद आधा मिला ईनाम
नीतू व साक्षी तथा इनके कोच का कहना है कि विश्व चैंपियन के लिए 20 लाख रुपये का ईनाम प्रदेश सरकार द्वारा दिया जाता था जो उन्हे तीन साल के संघर्ष के बाद आधा यानी 10-10 लाख रुपये मिला। विश्व विजेता बॉक्सर नीतू व साक्षी का कहना है कि तीन साल बाद उनके 20-20 लाख रुपये ईनाम राशी स्वीकृत तो हुई लेकिन अब एक महिने से भी ज्यादा समय से ईनाम राशी के चैक का भुगतान नहीं हो रहा। इन दोनों बॉक्सर बेटियों ने सीएम मनोहरलाल से जल्द ईनाम राशी का भुगतान करने की मांग की है।

6 अगस्त का चैक लगाया अभी तक नही मिला
वहीं नीतू व साक्षी के गुरू द्रोणाचार्य अवार्डी कोच जगदीश ने दुख जाहिर करते हुए कहा कि प्रदेश सरकार ने युवा वर्ग पुरस्कार राशी 20 लाख से घटा कर 10 कर दी। पर तीन साल के संघर्ष के बाद नीतू व साक्षी तथा चरखी दादरी जिला के दो ऐसी ही बेटियों की ईनाम राशी के अब चैक का भुगतान नहीं किया जा रहा। उन्होने बताया कि 6 अगस्त के इन बेटियों के चैक लगाए गए थे जो बताया जाता है कि ट्रेजरी से वित्त विभाग में चले गए। उन्होने बताया कि पूरा सिस्टम ऑॅनलाईन है, ऐसे में ऑॅनलाई का फायदा तो तब होता जब एक दो दिन में चैकों का भुगतान होता। उन्होने कहा कि इससे सो ऑॅफलाईन सिस्टम बेहतर था। तय समय पर भुगतान तो होता।
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सीएम से जल्द भुगतान की प्रार्थना की
कोच जगदीश ने बताया कहा कि देर से मिला न्याय व ईनाम भी अन्याय जैसा है। साथ ही कहा कि सुनने में आया है कि एक दो लाख से ज्यादा के चैक का भुगतान सरकार कर ही नहीं रही। ऐसे में खिलाङियों के ईनाम राशी का भी भुगतान ना करना खिलाङियों के साथ छलावा है। उन्होने भी सीएम से जल्द भुगतान की प्रार्थना की। पीएम मोदी बेटियों को बचाने के लिए हरियाणा की धरती से आगाज करते हैं, लेकिन उसी धरती की विश्व विजेता बेटियों को कटोती के बाद भी ईनाम के पैसे मिलने में देरी अपने आपस में सरकार व सरकार के सिस्टम पर बङा सवाल खङा करता है। अब देखना होगा कि देश व देश की बेटियों का गौरव बढाने वाली इन बेटियों की सुनवाई कब तक हो पाती है।

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