भावांतर भरपाई योजना: अब ऑन दि स्पॉट किसानों का रजिस्टे्रशन करेगा बागवानी विभाग

Edited By Isha, Updated: 19 Nov, 2019 12:25 PM

horticulture department will now register farmers on the spot

भावांतर भरपाई योजना को सिरे चढ़ाने के लिए बागवानी विभाग ने अब सीधे किसानों के द्वार पर पहुंचने की रणनीति तैयार कर ली है। जिसके अंतर्गत बागवानी विभाग की टीम अब सब्जी उत्पादक किसान

सोनीपत (विकास): भावांतर भरपाई योजना को सिरे चढ़ाने के लिए बागवानी विभाग ने अब सीधे किसानों के द्वार पर पहुंचने की रणनीति तैयार कर ली है। जिसके अंतर्गत बागवानी विभाग की टीम अब सब्जी उत्पादक किसान के खेत में पहुंचकर उसी समय किसान का रजिस्ट्रेशन करेगी। इसके लिए विभाग ने अपनी कर्मचारियों को लैपटॉप व टैब देकर फील्ड पर उतार दिया है।  दरअसल, प्रदेश सरकार द्वारा सब्जी उत्पादक किसानों को बाजार के जोखिमों से बचाने के लिए भावांतर भरपाई योजना शुरू की थी। जिसके अंतर्गत आलू, गोभी, प्याज और टमाटर की फसल का रजिस्ट्रेशन करवाया जाता है।


सीजन के दौरान अगर सब्जी मंडी में किसानों को सरकार द्वारा निर्धारित किए गए भाव से कम भाव प्राप्त होते हैं तो सरकार उस किसान को मंडी के भाव व सरकार द्वारा निर्धारित किए गए भाव के अंतर की भरपाई करती है और मुआवजा राशि सीधे किसान के खाते में भेजी जाती है। परन्तु काफी कोशिशों के बावजूद किसान अधिक संख्या में रजिस्ट्रेशन नहीं कर रहे हैं। ऐसे में बागवानी विभाग ने अब खुद किसानों के पास जाकर रजिस्ट्रेशन करने का फैसला किया है। रजिस्ट्रेशन के लिए किसान को किसी प्रकार की कोई फीस अदा नहीं करनी पड़ती।

 प्रत्येक टीम में 2 या 2 से अधिक कर्मचारियों को किया तैनात  
मौके पर पहुंचकर किसान का रजिस्ट्रेशन करने की योजना को सफल बनाने के लिए बागवानी विभाग ने 5 टीमों का गठन किया है। प्रत्येक टीम में 2 या 2 से अधिक कर्मचारियों को तैनात किया गया है। यह टीमें सीधे किसान के खेतों में पहुंच रही हैं और वहीं पर किसान का ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन कर रही हैं। मौजूदा समय में बागवानी विभाग आलू और गोभी की फसल का रजिस्ट्रेशन कर रहा है। भावांतर भरपाई योजना के तहत आलू और गोभी के तहत रजिस्ट्रेशन करने की अंतिम तारीख 30 नवम्बर निर्धारित की गई है। आलू के लिए 2 हजार हैक्टेयर तो गोभी के लिए 100 हैक्टेयर के रजिस्टे्रशन का लक्ष्य 

बागवानी विभाग ने भावांतर भरपाई योजना के तहत जिले में आलू की फसल के रजिस्ट्रेशन के लिए 2 हजार हैक्टेयर भूमि का लक्ष्य रखा है। जबकि गोभी के लिए विभाग 100 हैक्टेयर भूमि का लक्ष्य रखा है। विभाग को यह लक्ष्य 30 नवम्बर तक पूरा करना होगा। इसके बाद बागवानी विभाग आगामी 15 दिसम्बर से टमाटर और प्याज के रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया शुरू कर देगा। मौजूदा सीजन में बागवानी विभाग ने जहां टमाटर के रजिस्टे्रशन के लिए 300 हैक्टेयर भूमि का लक्ष्य रखा गया है, वहीं प्याज के लिए यह लक्ष्य 150 हैक्टेयर निर्धारित किया गया है। भावांतर भरपाई योजना के तहत किसानों को जागरूक करने के लिए विभाग ने किसान जागरूकता कैंप भी आयोजित करने का फैसला किया है। विभाग का फोकस सब्जी उत्पादक 100 गांवों पर टिका हुआ है। 

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