Edited By Isha, Updated: 15 Oct, 2020 01:08 PM
कार के अंदर खुद के जिंदा जल जाने की कहानी रचने वाले राममेहर ने अपने ही गांव के युवक रमलू को मौत के घाट उतारा था। रमलू , जो बेहद गरीब परिवार से था और गांव-गांव डेरू बजाकर आजीविका कमाता था। आज आखिर रमलू के परिवार को सरकार की तरफ से आर्थिक सहायता...
हांसी(संदीप): कार के अंदर खुद के जिंदा जल जाने की कहानी रचने वाले राममेहर ने अपने ही गांव के युवक रमलू को मौत के घाट उतारा था। रमलू , जो बेहद गरीब परिवार से था और गांव-गांव डेरू बजाकर आजीविका कमाता था। आज आखिर रमलू के परिवार को सरकार की तरफ से आर्थिक सहायता मिल गई है। अनुसूचित जाति से संबंध रखने वाला मृतक रमलू की पत्नी के कंधों पर 6 बच्चों के भरण-पोषण की जिम्मेदारी है। डीएनटी विकास बोर्ड के चेयरमैन डॉ बलवान सिंह ने बताया कि बोर्ड की तरफ से उन्होंने सरकार से तुरंत प्रभाव से रमूल के परिवार को आर्थिक सहयोग करने की अपील की थी। सरकार ने उनकी मांग पर गंभीरता से विचार करते हुए बुधवार को 4.50 लाख रुपये मंजूर कर दिए।
उन्होंने बताया की मृतक रमलू की पत्नी के ग्रामीण बैंक के खाते में ये राशि जमा करवाई गई है। ग्रामीण भी लगातार रमलू के परिवार की सहायता करने की मांग कर रहे थे। डॉ बलवान सिंह ने कहा कि डीएनटी बोर्ड द्वारा दो स्कूल चलाए जा रहे हैं जहां घुमंतू जनजाति के बच्चों को पढ़ाया जाता है, रमलू के बच्चों को यहां पढ़ाने के लिए परिवार से बातचीत की जाएगी। बता दे कि व्यापारी राममेहर को बीते दिन छत्तीसगढ़ के बिलासपुर से गिरफ्तार किया गया था। राममेहर की गिरफ्तारी के बाद इस मामले में नया मोड़ आ गया।