Edited By Shivam, Updated: 17 May, 2020 05:09 PM

वैश्विक महामारी कोविड 19 के चलते हुए लॉकडाउन के कारण देश के कई कोनों में पहुंचने वाली हरियाणा की मिठास खेतों में सड़ रही है। दरअसल, यमुनानगर में भारी मात्रा में पैदावारी वाले फल खरबूजे की, जिस पर लॉकडाउन के बेहद बुरा असर पड़ा है। कभी इन खरबूजों की...
यमुनानगर (सुमित): वैश्विक महामारी कोविड 19 के चलते हुए लॉकडाउन के कारण देश के कई कोनों में पहुंचने वाली हरियाणा की मिठास खेतों में सड़ रही है। दरअसल, यमुनानगर में भारी मात्रा में पैदावारी वाले फल खरबूजे की, जिस पर लॉकडाउन के बेहद बुरा असर पड़ा है। कभी इन खरबूजों की कीमत बाजार में 30 से 35 रुपये प्रति किलो तक होती थी, लेकिन इन दिनों मात्र 10 से 15 रुपए प्रति किलो में ही ये खरबूजा बिक रहा है, जिससे किसानों को इसकी लागत भी नहीं मिल रही है।

विदेश से आते हैं बीज
किसान रमनजीत सिंह ने इस खरबूजे के बीज को विदेश से मंगवाया जाता है और 6 महीने की मेहनत के बाद ये रस भरा खरबूजा तैयार होता है, जो दिल्ली, पानीपत और खासकर चंडीगढ़ के होटलों में अपनी मिठास का जलवा बिखेरता था, लेकिन लॉकडाउन के चलते आज होटल बंद हैं और इन खरबूजों की मिठास या तो लोकल मंडी और या फिर खेतों में सड़ रही है। इस खरबूजे की खेती करने वाले किसान जो कभी इससे अच्छा खासा मुनाफा कमाया करते थे आज उनकी लागत भी पूरी नहीं हो रही।
रमनजीत सिंह ने कहा कि हमें फल सब्जियों की खेती छोड़कर धान-गेहूं की तरफ ही जाना पड़ेगा, क्योंकि उसकी खरीद भी सरकार करती है, लेकिन फल-सब्जी का उत्पादन करने वाले किसान के बारे में सरकार कुछ नहीं सोचती। उन्होंने बताया कि पॉलीहाउस में का खीरे के जो कभी अच्छे दाम मिलते थे आज वो भी 5 रुपए तक रह गया है।