हरियाणा में मजदूरों के लिए बनेंगे सेफ कैंप, भोजन के साथ मिलेंगी तमाम सुविधाएं

Edited By vinod kumar, Updated: 28 Mar, 2020 09:09 PM

haryana news safe camp will be made for laborers in haryana

हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने सभी जिला प्रशासन के अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि लॉकडाउन अवधि के दौरान प्रवासी श्रमिकों के लिए जिलों में सेफ कैंप बनाकर, इन श्रमिकों के ठहरने और भोजन की व्यवस्था की जाए। इसके साथ ही, सेफ कैंपों में इन सभी...

चंडीगढ़(धरणी): हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने सभी जिला प्रशासन के अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि लॉकडाउन अवधि के दौरान प्रवासी श्रमिकों के लिए जिलों में सेफ कैंप बनाकर, इन श्रमिकों के ठहरने और भोजन की व्यवस्था की जाए। इसके साथ ही, सेफ कैंपों में इन सभी श्रमिकों के स्वास्थ्य की जांच की जाए। ताकि यदि कोई भी व्यक्ति कोरोना के संक्रमण की चपेट में आया हो, उसकी समय रहते जांच हो सके और उसे क्वारंटाइन किया जा सके।

यह निर्देश मुख्यमंत्री ने आज यहां वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से वरिष्ठ अधिकारियों के साथ संकट समन्वय समिति की बैठक की अध्यक्षता करते हुए दिए।
मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि वे अपने-अपने जिलों में ऐसे श्रमिकों की आवाजाही पर कड़ी निगरानी रखें। ऐसे श्रमिकों को यह समझाया जाए कि वे सेफ कैंपों में रहें और इन्हें खाना, चिकित्सा व अन्य सुविधाएं मुहैया करवाई जाएंगी।

उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि वह यह सुनिश्चित करें कि राज्य में कार्य करने वाले अधिक से अधिक श्रमिकों को इन सेफ कैंपों में रखा जाए। इसके अलावा, विशेष चिकित्सा शिविर लगाकर इन श्रमिकों को चिकित्सा परीक्षण की सुविधा दी जाए, ताकि कोरोना वायरस के संक्रमण की श्रृंखला को फैलने से रोका जा सके। उन्होंने कहा कि अधिकारी अपने-अपने जिलों में और जिले की सीमाओं पर नाकाबंदी करके इन श्रमिकों को आगे बढऩे से राेके। 

अधिकारी अपने-अपने जिलों में उद्योगपतियों से अनुरोध करें कि वे कारखानों और औद्योगिक इकाइयों में काम करने वाले श्रमिकों के रहने और भोजन की व्यवस्था करें और श्रमिकों को किसी भी हाल में जाने के लिए न कहा जाए। मुख्यमंत्री ने गरीब लोगों के लिए चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि जो लाभार्थी मुख्यमंत्री परिवार समृद्धि योजना और निर्माण श्रमिक बोर्ड सूची में शामिल नहीं हैं, ऐसे लोगों के पंजीकरण के कार्य में तेजी लाई जाए। ताकि इन लोगों को 1,000 रुपये प्रति सप्ताह की वित्तीय सहायता दी जा सके। इसके साथ ही, इन लोगों को सभी बुनियादी आवश्यकताएं भी मुहैया करवाने पर जोर दिया जाए।

उन्हाेंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति श्रृंखला को सुचारू रूप से चलाने के लिए स्वयंसेवकों, सामाजिक संगठनों और गैर-सरकारी संगठनों की अधिकतम भागीदारी को सुनिश्चित करें। आवश्यक वस्तुओं की घर द्वार पर आपूर्ति के लिए प्रत्येक जिले में मोबाइल वैन की भी उपलब्धता सुनिश्चित की जाए।

मुख्यमंत्री ने यह भी निर्देश दिए कि चूंकि कुरुक्षेत्र एक धार्मिक नगरी है और कई संत और साधु पहले से ही वहां रह रहे हैं, इसलिए उनके लिए उचित व्यवस्था की जानी चाहिए और उनके रहने और भोजन की पूर्ण व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। उन्होंने कहा कि कुरुक्षेत्र में कई सामाजिक संगठन भी काम कर रहे हैं, इसलिए उनसे समन्वय स्थापित करके भोजन और रहने की सुविधाओं को सुनिश्चित करने में इनकी भागीदारी बढ़ाई जाए।

जिलों में राशन की दुकानें खुली हैं, यह अच्छी बात है, परंतु बाजारों में भीड़ को कम रखने के लिए और सोशल डिस्टेंसिंग के मानदंडों का अनुपालन सुनिश्चित करते हुए प्रत्येक जिले में दुकानें खोलने के बजाय, आपूर्ति श्रृंखला को मजबूत करके घर द्वार पर वितरण की व्यवस्था की जानी चाहिए।  पड़ोसी राज्यों से आने वाली सब्जियों और अन्य आवश्यक वस्तुओं की निर्बाध आवाजाही भी सुनिश्चित की जाए।

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