Edited By Isha, Updated: 23 Jul, 2023 02:31 PM

पिछले दिनों हुई बारिश में कालका विधानसभा क्षेत्र के मकानों, फसलों, पुलों, सड़कों, खेती भूमि को हुए नुकसान के मद्देनजर शिवालिक विकास मंच प्रदेश अध्यक्ष एवं पूर्व चेयरमैन हरियाणा सरकार विजय बंसल एडवोकेट ने मुख्यमंत्री को ज्ञापन भेजकर हरियाणा प्रदेश के...
चंडीगढ़( चन्द्र शेखर धरणी): पिछले दिनों हुई बारिश में कालका विधानसभा क्षेत्र के मकानों, फसलों, पुलों, सड़कों, खेती भूमि को हुए नुकसान के मद्देनजर शिवालिक विकास मंच प्रदेश अध्यक्ष एवं पूर्व चेयरमैन हरियाणा सरकार विजय बंसल एडवोकेट ने मुख्यमंत्री को ज्ञापन भेजकर हरियाणा प्रदेश के एकमात्र पहाड़ी और बाढ़ ग्रस्त क्षेत्र कालका विधानसभा को बारिश से हुए फसलों के नुकसान का मुआवजा देने, पुलों, सड़कों, टूटे मकानों के पुनर्निर्माण और विकास कार्यों के लिए विशेष अनुदान दिए जाने की मांग की है।
विजय बंसल एडवोकेट ने बताया कि कालका विधानसभा क्षेत्र के कालका, पिंजोर दोनों शहरों दून और रायतन, मोरनी, रायपुररानी हरियाणा प्रदेश का एकमात्र पहाड़ी क्षेत्र है जो शेष हरियाणा में हुए विकास के मामले में काफी पिछड़ा हुआ क्षेत्र है। यहां पर संसाधनो की भारी कमी है बेरोजगारी अधिक है किसानों के पास छोटी-छोटी जमीनें हैं। इसलिए कालका जैसे पिछड़े क्षेत्र में अधिक विकास कार्य करवाने और सरकार द्वारा अधिक फंडस जारी करने के उद्देश्य से सन 1993 में तत्कालीन चौधरी भजन लाल की कांग्रेस सरकार ने शिवालिक विकास बोर्ड का गठन किया था जिसके तहत क्षेत्र में काफी विकास कार्य हुए थे। लेकिन बाद की सरकारों ने शिवालिक विकास बोर्ड के बजट में काफी कटौती कर दी थी जिससे कालका क्षेत्र काफी पिछड़ गया है। जहां एक ऒर कालका के खेड़ा सीताराम, अप्पर मोहल्ला, टिब्बी मोहल्ला, पिपरा भैरों की सैर, पिंजौर के दून और रायतन क्षेत्र के गांव प्रेमपुरा, खोल फतेह सिंह, बाढ़, गोदाम, धामसु, डखरोग, गवाही, भवाना, टोरन, कजियाना मल्लाह, जबरोट, नाला, कुतबेवाला, मंगनीवाला आदि दर्जनों गांव दुर्गम पहाड़ी क्षेत्रों में बसे हुए हैं वहीं दूसरी ओर मोरनी हिल्स के सभी गांव भी पहाड़ों पर बसे हुए हैं।
पिछले दिनों हुई मूसलाधार बारिश से पहाड़ों पर बहुत ज्यादा भूस्खलन हुआ जिससे ना केवल ग्रामीण बल्कि शहरी क्षेत्र वासियों को भी भारी नुकसान उठाना पड़ा है। भूस्खलन और बारिश के पानी के तेज बहाव के कारण जहां दर्जनों मकान टूट चुके हैं वहीं सैकड़ों मकान गिरने की कगार पर है। किसानों की फसलों को भारी नुकसान हुआ है खेतों की उपजाऊ भूमि का भारी मात्रा में भूमि कटाव हुआ है, वहीं दूसरी ओर पिंजौर कालका दून, रायतन, मोरनी, रायपुर रानी क्षेत्र के राष्ट्रीय राजमार्ग, स्टेट मार्ग, लिंक रोड और कई पुल टूट चुके हैं जिसमें सरकार का करोड़ों रुपए का नुकसान हुआ है। इसलिए कालका क्षेत्र के विकास के लिए सरकार को अधिक से अधिक फंड्स जारी करना चाहिए। क्योंकि पहाड़ी एरिया होने की वजह से यहां पर किसी भी कार्य को करवाने के लिए निर्माण लागत में भी खर्चा अधिक आता है।
विजय बंसल ने सुझाव देते हुए कहा कि इसके लिए सरकार को अलग से फंड्स जुटाने के लिए नेशनल डिजास्टर मैनेजमेंट एक्ट 2005 द्वारा जारी की गई 216 करोड़ की अनुदान राशि, मुख्यमंत्री रिलीफ फंड्स और प्रधानमंत्री रिलीफ फंड्स में से अधिक से अधिक अनुदान कालका क्षेत्र को दिया जाना चाहिए।
विजय बंसल ने मुख्यमंत्री मनोहर लाल से बाढ़ ग्रस्त कालका क्षेत्र के लिए विशेष अनुदान जारी करने की मांग की है।