हरियाणा में गंगा के पानी को लाने की तैयारी, SYL विवाद के बीच नायब सरकार बना रही ये प्लान

Edited By Deepak Kumar, Updated: 03 Jul, 2025 12:06 PM

nayab government plan bring ganga water to haryana syl dispute

एसवाईएल नहर विवाद के बाद अब हरियाणा सरकार ने गंगा के पानी से जनता की प्यास बुझाने का निर्णय लिया है। लगभग ढाई साल पहले केंद्रीय ऊर्जा, आवासन एवं शहरी विकास मंत्री मनोहर लाल ने गंगा का पानी हरियाणा लाने के प्रयास शुरू किए थे।

Haryana News: एसवाईएल नहर विवाद के बाद अब हरियाणा सरकार ने गंगा के पानी से जनता की प्यास बुझाने का निर्णय लिया है। लगभग ढाई साल पहले केंद्रीय ऊर्जा, आवासन एवं शहरी विकास मंत्री मनोहर लाल ने गंगा का पानी हरियाणा लाने के प्रयास शुरू किए थे। अब इन प्रयासों को गंभीरता से आगे बढ़ाते हुए मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने सिंचाई एवं जल संसाधन विभाग के अधिकारियों को गंगा का पानी उत्तर प्रदेश से हरियाणा लाने के सभी विकल्पों पर काम करने के निर्देश दिए हैं। सिंचाई एवं जल संसाधन मंत्री श्रुति चौधरी के निर्देशानुसार इंजीनियर इन चीफ वीरेंद्र सिंह ने चीफ इंजीनियर के नेतृत्व में एक उच्च स्तरीय समिति का गठन किया है, जो उत्तर प्रदेश के अधिकारियों के साथ गंगा का पानी हरियाणा लाने के विभिन्न विकल्पों और चैनलों पर बातचीत करेगी।

मुख्यमंत्री रहते हुए मनोहर लाल की सोच गंगा-यमुना लिंक नहर बनाने की थी। नवंबर 2022 में विभागीय अधिकारियों की बैठक में मनोहर लाल ने केंद्रीय जल संसाधन मंत्रालय और उत्तर प्रदेश सरकार को पत्र लिखकर गंगा का पानी हरियाणा लाने में सहयोग मांगा था। इसके बाद चुनावों की व्यस्तता के कारण काम कुछ रुक गया। अब मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने विभागीय अधिकारियों को निर्देश दिया है कि पहले गंगा का पानी हरियाणा में लाने की सभी संभावनाओं, विकल्पों और तरीकों पर विचार किया जाए।

उत्तर प्रदेश के अधिकारियों ने हरियाणा को पांच विकल्प सुझाए हैं, जिनमें खतौली के पास हिंडन बैरियर, बदरूद्दीन नगर, मुरादनगर और यमुनानगर के चैनल प्रमुख हैं, जिनके माध्यम से गंगा का पानी हरियाणा लाया जा सकता है। चीफ इंजीनियर के नेतृत्व वाली समिति एक माह के भीतर अपनी रिपोर्ट हरियाणा सरकार को सौंपेगी, जिसके बाद मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी केंद्र एवं उत्तर प्रदेश सरकार से गंगा-यमुना लिंक नहर बनाने की संभावनाओं पर चर्चा को आगे बढ़ाएंगे।

हरियाणा को गंगा का पानी क्यों चाहिए?

हरियाणा सरकार का मानना है कि पूरे राज्य में पीने के पानी का संकट गंभीर होता जा रहा है। खासकर एनसीआर के दो प्रमुख जिले, गुरुग्राम और फरीदाबाद, पानी की कमी से प्रभावित हैं। दिल्ली में भी पानी की मांग लगातार बढ़ रही है। यदि राज्य को एसवाईएल का पानी मिल जाता तो यह समस्या काफी हद तक हल हो जाती, लेकिन पंजाब पानी की कमी का हवाला देते हुए सुप्रीम कोर्ट के फैसले को मानने से इंकार कर रहा है। इस वजह से हरियाणा ने अब गंगा के पानी से अपने साथ-साथ दिल्ली के लोगों की प्यास बुझाने की योजना बनाई है।

यमुना नदी के पानी पर निर्भरता कम होगी

यदि गंगा का पानी हरियाणा लाने की परियोजना को मंजूरी मिलती है तो हरियाणा इसे 2031 तक पूरा करने का लक्ष्य रखता है। इस परियोजना के तहत गंगा के पानी को यमुना नदी में मिलाया जाएगा और फिर हरियाणा तक पहुंचाया जाएगा। इससे यमुना नदी के पानी पर राज्य की निर्भरता काफी हद तक कम हो सकेगी।

सिंचाई एवं जल संसाधन मंत्री श्रुति चौधरी ने विभागीय अधिकारियों को इस परियोजना के क्रियान्वयन में आने वाली सभी संभावित कठिनाइयों की अलग से रिपोर्ट तैयार करने के निर्देश भी दिए हैं, ताकि उच्च स्तरीय वार्ताओं में इन मुद्दों को उठाकर समाधान किया जा सके।

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