Edited By Isha, Updated: 20 Oct, 2024 08:11 AM
आमतौर पर ऐसा देखा जाता है कि जब भी सर्दियों का मौसम शुरू होता है, तो पराली जलाने की घटनाएं सामने आना शुरू हो जाती हैं।इससे वायु प्रदूषण होता है। इन सबसे निजात पाने को सरकार द्वारा किसानों को प्रोत्साहन राशि देने की भी शुरुआत की गई, लेकिन फिर भी ऐसी...
करनाल: आमतौर पर ऐसा देखा जाता है कि जब भी सर्दियों का मौसम शुरू होता है, तो पराली जलाने की घटनाएं सामने आना शुरू हो जाती हैं।इससे वायु प्रदूषण होता है। इन सबसे निजात पाने को सरकार द्वारा किसानों को प्रोत्साहन राशि देने की भी शुरुआत की गई, लेकिन फिर भी ऐसी घटनाएं सामने आ जाती हैं।इससे तमाम योजनाएं धरी की धरी रह जाती है।
इसके बावजूद, कुछ युवा ऐसे भी हैं जो अपने हुनर का इस्तेमाल करके न केवल पर्यावरण संरक्षण का संदेश दे रहे हैं, बल्कि अच्छा खासा पैसा भी कमा रहे हैं।करनाल के गांव औंगद का युवक शेखर राणा इसी का एक जीता जागता उदाहरण हैं।शेखर अवशेष प्रबंधन से लाखों रुपए कमा रहे हैं और लोगों को भी रोजगार दे रहे हैं। 4 साल पहले शेखर ने एक बेलर मशीन से इस काम की शुरुआत की थी।
उनके विदेश जाकर बसने का सपना था, लेकिन उन्होंने अपने इस विचार को त्याग कर गांव में ही कुछ करने की ठानी। शुरू में उन्होंने फसल अवशेष प्रबंधन के लिए साल 2021 में एक बेलर मशीन खरीदी. उसके बाद दूसरे साल धान सीजन में दो बेलदार मशीनें खरीद ली। आज वह लगभग 60 युवकों को रोजगार दे रहे हैं. वह पराली के गट्ठे बनाकर अपने खेतों में स्टॉक लगाते हैं और आइओसीएल पानीपत रिफाइनरी में उन्हें पहुंचा देते हैं. इससे उन्हें अच्छा खासा मुनाफा हो रहा है।