शहीद के परिवार पर अपनों का कहर, प्रापर्टी डिलरों संग मिलकर हड़पी 30 करोड़ की जमीन

Edited By Deepak Paul, Updated: 10 Jan, 2019 05:53 PM

grabbed the family s land worth 30 crores

अपने ही शहीद जवान के दुश्मन बन गए। उन्होंने धोखे से उसकी 30 करोड़ रुपये की जमीन सिर्फ 90 लाख बेच डाली, धोखे का सच आया सामने। मामला हरियाणा के भिवानी का है। आजाद हिंद फौज के शहीद सैनिक रामधन की करीब 30 करोड़ की जमीन को उसके अपने ही भतीजे ने तीन...

भिवानी(ब्यूरो): अपने ही शहीद जवान के दुश्मन बन गए। उन्होंने धोखे से उसकी 30 करोड़ रुपये की जमीन सिर्फ 90 लाख बेच डाली, धोखे का सच आया सामने। मामला हरियाणा के भिवानी का है जहां आजाद हिंद फौज के शहीद सैनिक रामधन की करीब 30 करोड़ की जमीन को उसके अपने ही भतीजे ने तीन प्रॉपर्टी डीलरों के साथ महज 90 लाख रुपये में बेच डाला। धोखाधड़ी के लिए आरोपियों ने फर्जी महिलाओं को खड़ा कर मृतक की बहन बनाकर कागजात तैयार करवाए थे।

आर्थिक अपराध शाखा ने फर्जीवाड़े का खुलासा कर आरोपी भतीजे और तीन प्रॉपर्टी डीलर को गिरफ्तार किया है। इसमें पांच-छह अन्य लोग भी शामिल है, जिनकी गिरफ्तारी के लिए पुलिस तलाश कर रही है। जिले के गांव चांग निवासी रामधन ने आजाद हिंद फौज के सिपाही रहते देश की आजादी के लिए अपनी जान दी थी। रामधन अविवाहित था।

सरकार की ओर से शहीद रामधन की मां हरबाई को हिसार में साढ़े 12 एकड़ जमीन दी गई थी। ये साढ़े 12 एकड़ जमीन हरबाई की मौत के बाद उसकी दो बेटियों समुंदी व दया के साथ चार बेटों शिवधन, बनारसी, प्यारेलाल और मौजीराम के नाम हो गई। हरबाई के चार बेटों की मौत हो चुकी है, जबकि उसकी दो बेटियां अभी जिंदा है।

हिसार एयर पोर्ट के समीप साढ़े 12 एकड़ जमीन की कीमत अब करीबन 30 करोड़ रुपये आंकी जा रही है। इस जमीन पर रामधन के करीबन 30 वारिसों का हिस्सा है। जमीन के लालच में मृतक रामधन के भाई शिवधन के बेटे रामबाबू ने तिगड़ाना गांव निवासी राजकुमार उर्फ बबली, रेवाड़ीखेड़ा निवासी मनबीर व मालपोस निवासी मुकेश के साथ मिलकर सारी जमीन हड़प ली।

मास्टरमाइंड भतीजे ने तैयार कराए थे फर्जी दस्तावेज
सितंबर 2018 में शहीद रामधन के भाई शिवधन की बेटी सुमन व खुद रामबाबू ने एसपी गंगाराम पूनिया को इस पूरे मामले की शिकायत देकर जांच की मांग की। शिकायत की जांच एसपी गंगाराम पूनिया ने आर्थिक अपराध शाख के इंचार्ज एसआई राजबीर सिवाच को सौंप दी। आर्थिक शाखा ने जांच मामले का खुलासा करते हुए भतीजे रामबाबू सहित मुकेश, प्रेम व अनूप को गिरफ्तार किया। धोखाधड़ी की साजिश का मास्टर माइंड भी रामबाबू ही था। पुलिस पूछताछ में रामबाबू ने बताया कि उसने समुंदी व दया के नाम से भिवानी में ही फर्जी आधार कार्ड, फर्जी राशन कार्ड व अन्य दस्तावेज तैयार कराए थे। इसके बाद 30 करोड़ की जमीन को मात्र 90 लाख रुपये में बेच डाला।

ऐसे दिया जमीन घोटाले को अंजाम
रामधन के भतीजे बाबूराम ने भिवानी तहसील कार्यालय में जमीन बेचने के लिए पहले तो समुंदी व दया के फर्जी दस्तावेज तैयार कराए। उसने प्रेम नामक युवक को तहसील कार्यालय में शहीद रामधन के भाई प्यारेलाल के बेटे संजय की जगह खड़ा किया। भंवर नंबरदार और अनूप को  गवाह के तौर पर लाया ग या। इसके बाद दो फर्जी महिलाओं को भी समुंदी व दया बनाकर तहसील कार्यालय में खड़ा किया गया।

जिसके बाद 30 लोगों के नाम की जमीन को समुंदी देवी के नाम सवा छह एकड़ और दया के नाम सवा छह एकड़ जमीन का फर्जी इकरारनामा कराया। इसी के आधार पर ये जमीन वर्ष 2014 में गुलजार व रामोतार गुर्जर नामक दो लोगों को 90 लाख रुपये में बेच दी। जबकि जमीन की वास्तविक मालिक समुंदी ओडिशा में रहती है और दया रेवाड़ी में रह रही है। जिन्हें इसकी कोई खबर तक नहीं थी।  

ऐसे खुला राज
शिवधन के बेटे बाबूराम को जब जमीन बेचने के बाद उसका पूरा हिस्सा नहीं मिला तो वो आरोपियों से बगावत कर बैठा उसने अपनी बहन सुमन के साथ मिलकर इस मामले की शिकायत समुंदी व दया के नाम से ही पुलिस को कर दी। जब पुलिस ने इस मामले की पड़ताल की तो खुद शिकायतकर्ता ही इस पूरी साजिश का मास्टर माइंड निकला।

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