Edited By Isha, Updated: 04 Dec, 2024 02:20 PM
शिवालिक विकास मंच के प्रदेश अध्यक्ष एवं पूर्व हरियाणा प्रदेश कांग्रेस कमेटी सचिव विजय बंसल एडवोकेट ने गत दिवस मोरनी का दौरा कर लोगों की समस्याएं सुनी और उनके समाधान के लिए मुख्यमंत्री को ज्ञापन भी भेजा।
चंडीगढ़( चंद्रशेखर धरणी ): शिवालिक विकास मंच के प्रदेश अध्यक्ष एवं पूर्व हरियाणा प्रदेश कांग्रेस कमेटी सचिव विजय बंसल एडवोकेट ने गत दिवस मोरनी का दौरा कर लोगों की समस्याएं सुनी और उनके समाधान के लिए मुख्यमंत्री को ज्ञापन भी भेजा।
विजय बंसल एडवोकेट ने इस विषय में पत्रकारों को संबोधित करते हुए कहा कि हरियाणा प्रदेश के एकमात्र पहाड़ी क्षेत्र में समस्याएं बहुत ज्यादा हैं कई दशकों से लोग इन समस्याओं के हाल की मांग करते आ रहे हैं शिवालिक विकास मंच भी समय-समय पर आवाज उठाता रहा है लेकिन सरकार ने कोई समाधान नहीं निकाला। विशेष कर नौतोड़ भूमि की समस्या सबसे बड़ी है जिसमें लोग अपनी ही जमीन पर कोई भी निर्माण नहीं कर पा रहे हैं विजय बंसल ने मुख्यमंत्री से मोरनी को पहाड़ी क्षेत्र घोषित कर यहां पर हिमाचल प्रदेश की तर्ज पर विकास कार्य करवाने, यहां की नदियों पर मंजूर किए गए डैम बनाने की भी मांग की।
विजय बंसल ने कहा कि सरकार जल्द से जल्द नौतोड़ भूमि का मामला निपटाकर लोगों को सुविधा दे और सरकार एक पॉलिसी बनाकर लोगों को मालिकाना हक दे जिसमें लोगों को उन्हीं की जमीन पर मकान दुकान आदि बनाने की अनुमति भी दी जाए। उन्होंने बताया कि लोगों की समस्याओं के समाधान के लिए उन्होंने पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट में जनहित याचिका भी दायर कर रखी है। उन्होंने कहा कि इसके अलावा सरकार पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए और पर्यटन उद्योग में मोरनी के युवाओं को भागीदार बनने के लिए वहां पर युवाओं को रेस्टोरेंट, होटल, गेस्ट हाउस आदि बनाने की अनुमति देने की भी मांग की। विजय बंसल ने कहा कि कई गांवो के लिए रास्ते बनाने पर वन विभाग अड़चन पैदा करता है जबकि स्थानीय लोगों को जंगल से लकड़ी घास लेने और रास्ते बनाने जैसे मूलभूत अधिकार मिलते हैं इन्हीं अधिकारों को दिलाने के लिए विजय बंसल ने वन विभाग के प्रधान मुख्य वन संरक्षक से मुलाकात कर उन्हें ज्ञापन भी दिया था।
विजय बंसल ने बताया कि हरियाणा सरकार ने वर्ष 2006 में मोरनी में खेल स्टेडियम बनाने के लिए 40 लाख रुपए की राशि मंजूर की थी लेकिन अभी तक खेल स्टेडियम नहीं बना और मंजूर की गई आईटीआई भी नहीं बनाई गई। उन्होंने बताया कि इसके अलावा डांगरी नदी पर बांध निर्माण को भी मंजूरी दी गई थी वह भी आज तक नहीं बनाया गया। विजय बंसल ने बीजेपी सरकार पर कालका विधानसभा में विकास कार्यों के मामले में भेदभाव करने का आरोप लगाते हुए कहा कि सरकार द्वारा हरियाणा के एकमात्र पहाड़ी क्षेत्र में लोगों को शिक्षा, स्वास्थ्य, सड़क, रोजगार आदि मूलभूत सुविधाएं मुहैया ना करवाने के कारण मजबूरन लोगों को मोरनी से पलायन कर विभिन्न शहरों में जाकर रहना पड़ रहा है। इसलिए यहां पर समस्या अधिक होने के कारण अब तक मोरनी ब्लॉक से लगभग 25% स्थानीय लोग यहां से पलायन कर चुके हैं और यहां रह रहेअन्य कुछ लोग भी पलायन करने का विचार कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि सरकार की नाकामियों के कारण मोरनी ही नहीं बल्कि कालका विधानसभा क्षेत्र काफी पिछड़ चुका है। एडवोकेट विजय बंसल ने कहा कि मोरनी क्षेत्र के लगभग 40 गांवो के लिए यहां एकमात्र शमशान घाट है किसी की अकस्मात मृत्यु के बाद उनके संबंधी कई कई किलोमीटर दूर पैदल उनका दाह संस्कार करने जाते हैं।
विजय बंसल ने कहा कि बीजेपी सरकार के तत्कालीन कवरपाल गुर्जर सहित तत्कालीन वन मंत्री ने यहां के प्राचीन लाल मुनिया गेस्ट हाउस के नवीनीकरण और वन कर्मचारियो के लिए यहां पर हॉस्टल भवन बनवाने की आधारशिला रखी थी लेकिन बीजेपी सरकार के लगभग दोनों कार्यकाल समाप्त होने तक यहां पर आगे काम आरंभ नहीं हो सका है। उन्होंने बताया कि पिछली कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में यहां पर पॉलिटेक्निक का निर्माण किया गया हालांकि आईटीआई संस्थान को भी मंजूरी दी थी लेकिन वर्तमान सरकार ने आईटीआई संस्थान नहीं बनाया, वर्ष 2006 में कांग्रेस सरकार ने यहां पर छामला नदी में सिंचाई डैम मंजूर किया था लेकिन डैम अभी तक नहीं बनाया गया, यहां तक की मोरनी को पहाड़ी क्षेत्र भी घोषित नहीं किया गया यहां पर लोगों को बिजली की समस्या से भी जूझना पड़ रहा है।
विजय बंसल ने कहा कि पहाड़ी क्षेत्र में दर्जनों गांव स्वास्थ्य के मामले में एकमात्र प्रायमरी हेल्थ सेंटर पर निर्भर हैं पीएचसी का दर्जा बढ़ाकर इसे सीएचसी बनाया जाए ताकि लोगों को किसी बीमारी के इलाज के लिए 35 किलोमीटर दूर पंचकूला के अस्पताल में न जाना पड़े क्योंकि पीएचसी में पर्याप्त स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध नहीं है। विजय बंसल ने कहा कि शिवालिक पहाड़ी क्षेत्र में विकास के लिए तत्कालीन कांग्रेस की चौधरी भजनलाल की सरकार ने वर्ष 1993 में शिवालिक विकास बोर्ड का गठन किया था जिसके तहत मोरनी के विभिन्न स्थानों पर नलकूप लगाए गए थे जो अब लगभग सभी खराब पड़े हुए हैं।
सरकार ने उनकी रिपेयर तक नहीं करवाई, कई गांवो में लिंक रोड बनवाई, स्कूल भवन बनवाए, स्वास्थ्य केंद्र भी खोले गए थे, शिवालिक विकास मंच ने जंगली जानवरों से ग्रामीणों के पशुओं और फसलों को होने वाले नुकसान के मुआवजे का प्रावधान करवाया लेकिन वर्तमान सरकार ने मोरनी क्षेत्र के विकास की ओर कोई ध्यान नहीं दिया। उन्होंने बताया कि मोरनी के स्थानीय निवासियों के यहां पर कानूनी अधिकार हैं लेकिन वन विभाग उन अधिकारों को दरकिनार करते हुए उनके रास्ते और उनकी जमीनों आदि में काम करने तक में अड़चन लगा रहा है शिकायत करने के बाद भी सरकार और प्रशासन कोई कार्यवाही नहीं करता। सरकार ने अभी तक नोतोड़ भूमि मामले का समाधान नहीं किया है लोग अपनी ही जमीन पर मालिकाना हक की गुहार कई बार लगा चुके हैं लेकिन सरकार के कानों में जू तक नहीं रेंग रही।