Edited By Shivam, Updated: 03 Aug, 2018 07:51 PM
हरियाणा के अंदर विभिन्न कालेजों में कार्यरत पांच हजार के करीब एक्सटेन्कशन लेक्चरार (असिस्टेंट प्रोफेसर्स ) के लिए भरी राहत भरी खबर है। हरियाणा व पंजाब हाई कोर्ट ने सरिता वासी सिरसा द्वारा दायर एक याचिका पर निर्णय देते हुए कहा है कि अगर सरकार इन पदों...
चंडीगढ़ (धरणी): हरियाणा के अंदर विभिन्न कालेजों में कार्यरत पांच हजार के करीब एक्सटेन्कशन लेक्चरार (असिस्टेंट प्रोफेसर्स ) के लिए भरी राहत भरी खबर है। हरियाणा व पंजाब हाई कोर्ट ने सरिता वासी सिरसा द्वारा दायर एक याचिका पर निर्णय देते हुए कहा है कि अगर सरकार इन पदों के विरुद्ध स्थायी नियुक्तियां भी करती है तो वर्कलोड से एक्सटेन्कशन लेक्चरार को जहां वह कार्यरत हैं या किसी दूसरे कालेज में दस दिनों में री-अंगेज व कंटीन्यू किया जाए।
हरियाणा व पंजाब हाई कोर्ट में सरिता वासी सिरसा द्वारा दायर याचिका में बतौर वकील पेश हुए दलबीर सिंह ने बताया कि एक्सटेन्कशन लेक्चरार (असिस्टेंट प्रोफेसर्स ) को पहले विभिन्न कालेजों में 250 रूपये प्रति पीरियड मिलता था व गर्मी की छुट्टियों की सैलरी नहीं मिलती थी, वहीं इन्हें जब मर्जी रिप्लेस कर दिया जाता था।
जिसपर हाई कोर्ट ने पहले दिए निर्णय में एक्सटेन्कशन लेक्चरार को प्रति पीरियड एक हजार रूपये व प्रति माह 25000 रूपये कम से कम देने की व्यवस्था की थी। हाईकोर्ट ने कहा था कि स्थायी नियुक्ति तक इन्हें न हटाया जाए। अब इस याचिका में आए निर्णय में कहा है कि अगर सरकार इन पदों के विरुद्ध स्थायी नियुक्तियां भी करती है तो वर्कलोड से एक्सटेन्कशन लेक्चरार को जहां वह कार्यरत हैं या किसी दूसरे कालेज में दस दिनों में री-अंगेज व कंटीन्यू किया जाए।