Edited By Gourav Chouhan, Updated: 22 Aug, 2022 06:18 PM
ग्रामीणों का कहना है कि उनके प्लॉट पर गांव के ही कुछ दबंग लोगों द्वारा नाजायज कब्जा किया हुआ है। जिसे ना तो वे खुद छोड़ रहे हैं और ना ही कब्जा हटवाने में प्रशासन के अधिकारी कोई रुचि ले रहे हैं।
कैथल(जयपाल): बीपीएल परिवारों को सौ-सौ गज के प्लॉट देने की घोषणा के 12 साल बाद भी लोगों को अपना हक नहीं मिल पाया है। प्लॉट की रजिस्ट्री होने के एक दशक बाद भी प्लॉट्स पर अपना हक पाने के लिए ग्रामीण दर-दर की ठोकरें खाने को मजबूर है। ग्रामीणों का कहना है कि उनके प्लॉट पर गांव के ही कुछ दबंग लोगों द्वारा नाजायज कब्जा किया हुआ है। जिसे ना तो वे खुद छोड़ रहे हैं और ना ही कब्जा हटवाने में प्रशासन के अधिकारी कोई रुचि ले रहे हैं। इसके चलते गरीब बीपीएल परिवारों को दिए गए सौ-सौ गज के प्लॉट्स की रजिस्ट्री, मात्र कागज का एक टुकड़ा बन कर रह गई है।
इंदिरा आवास योजना के तहत सरकार द्वारा दिए गए थे प्लॉट
बता दें कि सरकार ने ग्रामीण आंचल में जीवन यापन करने वाले गरीब व बीपीएल परिवारों के जीवन स्तर को बेहतर बनाने के लिए उन्हें "इंदिरा आवास योजना" के तहत सौ-सौ गज के प्लॉट दिए गए थे। इसके पीछे सरकार की सोच थी कि हर गरीब व्यक्ति को रहने के लिए साफ सुथरा घर मिल सके। लेकिन कैथल जिले के गांव पाई व चंदाना के बीपीएल परिवारों को 12 वर्षों के लंबे इंतजार के बाद भी प्लॉट नसीब नहीं हुए हैं। ग्रामीणों का आरोप है कि गांव के ही कुछ दबंग लोगों ने उन पर कब्जा किया हुआ है। कई बार शिकायत करने के बाद भी कोई विभागीय अधिकारी इन प्लॉट को कब्जा मुक्त करवाने के लिए तैयार नहीं है। इसके चलते दोनो गांव के करीब दर्जनों परिवार काफी समय से प्रशासनिक अधिकारियों के कार्यालय के चक्कर लगाने को मजबूर हैं। लेकिन कोई सुनवाई न होने के चलते बीपीएल परिवार के लोगों में भारी रोष है।
कई बार शिकायत देने के बाद भी नहीं हो रही कार्रवाई
ग्रामीणों का कहना है कि गांव के लाल डोरे के अंदर आने वाले परिवारों को स्वामित्व योजना के तहत निशुल्क रजिस्ट्री करवा कर सरकार अपनी पीठ थपथपा रही है। वहीं 12 सालों से हाथों में रजिस्ट्री लिए घूम रहे लोगों को उनके हक की जमीन पर कब्जा तक नहीं दिलवाया जा रहा। इसे लेकर दर्जनों ग्रामीणों ने कैथल जिला उपायुक्त संगीता तेतरवाल से मिलकर प्लाट पर कब्जा दिलाने की गुहार भी लगाई थी। लोगों को उम्मीद है कि जल्द से जल्द उनकी समस्या का समाधान कर उन्हें उनके हक की जमीन पर कब्जा मिल सके।
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