Edited By Isha, Updated: 20 Dec, 2025 10:51 AM

घर खरीदारों के 600 करोड़ रुपये से अधिक का गबन करने, फर्जी बैंक गारंटी दस्तावेज से आवासीय परियोजना का लाइसेंस लेने और मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में गिरफ्तार हुए पानीपत की समालखा विधानसभा सीट घर खरीदारों के 600 करोड़ रुपये से अधिक का गबन करने, फर्जी...
गुरुग्राम: घर खरीदारों के 600 करोड़ रुपये से अधिक का गबन करने, फर्जी बैंक गारंटी दस्तावेज से आवासीय परियोजना का लाइसेंस लेने और मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में गिरफ्तार हुए पानीपत की समालखा विधानसभा सीट से कांग्रेस के पूर्व विधायक धर्म सिंह छौक्कर की जमानत याचिका अदालत ने खारिज कर दी है।
अदालत ने मामले की गंभीरता के साथ ही पूर्व विधायक के रवैये को देखते हुए जमानत याचिका खारिज की है। यह आदेश स्पेशल जज वाणी गोपाल शर्मा की अदालत ने दिया है। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने इसी साल पांच मई को पूर्व विधायक को दिल्ली के होटल से गिरफ्तार किया था। पूर्व विधायक धर्म सिंह छौक्कर के अधिवक्ता की तरफ से अदालत में दलील दी गई थी कि उनके मुवक्किल के खिलाफ 2021 सुशांत लोक थाने में दर्ज हुए मामले में पुलिस ने चार्जशीट पेश कर दी थी। चार्ज शीट में उन्हें आरोपी नहीं बनाया गया था। इसके साथ ही निवेशकों के रुपयें के गबन के दौरान वह माहिरा ग्रुप के निदेशक भी नहीं थे। ईडी की तरफ से जमानत याचिका का विरोध करते हुए दलील दी गई थी कि आरोपी और उनके परिवार के सदस्यों ने मिलकर घर खरीदारों के साथ धोखाधड़ी की है। माहिरा होम्स के नाम से उन्होंने फर्जी दस्तावेज के आधार पर ग्रुप हाउसिंग के नाम पर लाइसेंस लिए गए थे। आरोपी के खिलाफ कई गैर जमानती वारंट भी जारी किए गए थे लेकिन वह अदालत में पेश नहीं हुए।
अदालत ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद याचिका को खारिज करते कहा कि जांच के दौरान याचिकाकर्ता ने एजेंसी के साथ असहयोग करने, अदालत के समन से बचने और गैर-जमानती वारंट जारी होने के बाद भी अदालत में पेश नहीं हुआ था। उच्च न्यायालय की खंडपीठ ने तो जांच प्रक्रिया से जानबूझकर बचने के कारण उसकी गिरफ्तारी का निर्देश भी दिया था। जिला अदालत ने उनकी अग्रिम जमानत याचिका पहले ही खारिज कर दी गई थी और उच्च न्यायालय ने भी इस अस्वीकृति को बरकरार रखा है।