सीईटी,बाढ़ और नूंह हिंसा को लेकर सदन में कांग्रेस लाएगी स्थगन प्रस्ताव: भूपेंद्र हुड्डा

Edited By Ajay Kumar Sharma, Updated: 17 Aug, 2023 07:17 PM

former cm bhupendra hooda held a press conference surrounded

विधानसभा के मानसून सत्र में कानून व्यवस्था व नूंह हिंसा और बाढ़ की वजह से हुए भारी नुकसान व सरकार के प्रबंधन पर चर्चा के लिए कांग्रेस ने स्थगन प्रस्ताव दिए हैं।

चंडीगढ़(चंद्रशेखर धरणी): विधानसभा के मानसून सत्र में कानून व्यवस्था व नूंह हिंसा और बाढ़ की वजह से हुए भारी नुकसान व सरकार के प्रबंधन पर चर्चा के लिए कांग्रेस ने स्थगन प्रस्ताव दिए हैं। साथ ही बेरोजगारी व सीईटी पर्चे में धांधलियां, सरस्वती नदी की खुदाई करने बारे, दलितों पर बढ़ते अत्याचार, बाजरे की फसल में नुकसान, बाढ़ का मुआवजा, परिवार पहचान पत्र की परेशानियां, कर्मचारियों व क्लर्कों के वेतनमान, शिक्षा की चिंताजनक स्थिति, प्रोपर्टी आईडी की धांधली, सहकारी श्रण व खाद्य बिक्री, आयुष्मान योजना की धांधलियों, किसान बीमा की धांधलियों और शामलात व जूमला मालकान आदि जमीन को पंचायतों के नाम करने जैसे मुद्दों पर चर्चा के लिए ध्यानाकर्षण प्रस्ताव दिए गए हैं। इसके अलावा तमाम विधायक अपने-अपने क्षेत्र के मुद्दों पर सरकार से सवाल-जवाब करेंगे। बुधवार को हुई कांग्रेस विधायक दल की बैठक में तमाम मुद्दों पर विस्तार से चर्चा हुई।

यह जानकारी पूर्व मुख्यमंत्री व नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने पत्रकार वार्ता में दी। इस मौके पर कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष चौधरी उदयभान भी उनके साथ मौजूद रहे। हुड्डा ने कहा कि मौजूदा बीजेपी-जेजेपी सरकार हर मोर्चे पर विफल साबित हुई है। सरकार द्वारा सीईटी और कौशल निगम के नाम पर प्रदेश के युवाओं के भविष्य से खिलवाड़ किया जा रहा है। आज प्रदेश का युवा देश में सबसे ज्यादा बेरोजगारी झेल रहा है। सरकार की इस विफलता पर मॉनसून सत्र में जवाब मांगा जाएगा। इस सीजन में बारिश के बाद आई बाढ़ के लिए भी सरकार की कारगुजरियां जिम्मेदार रहीं। क्योंकि सरकार द्वारा वक्त रहते रोकथाम के लिए उचित कदम नहीं उठाए गए। कांग्रेस विधायक विधानसभा में इस मुद्दे को उठाएंगे और बाढ़ की वजह से किसानों, मकानों व दुकानों को हुए नुकसान के लिए मुआवजे की मांग की जाएगी।

हुड्डा ने कहा कि किसान लगातार मुआवजे के लिए आंदोलनरत हैं। लेकिन उनको मुआवजा देने की बजाए सरकार बाढ़ की वजह से किसानों के खेतों में आए रेत का खनन करके पैसे कमाना चाहती है। ना सरकार किसान को मुआवजा दे रही है और ना ही फसल बीमा कंपनियां। इस बीमा योजना में भी लगातार अनियमितताएं सामने आ रही हैं। इस मुद्दे को भी विधानसभा में पुरजोर तरीके से उठाया जाएगा, ताकि सूबे के किसानों को उनका हक मिल सके।

नूंह हिंसा और कानून व्यवस्था के मसले पर पूछे गए सवाल के जवाब में नेता प्रतिपक्ष ने सरकार की मंशा पर सवाल उठाए। उन्होंने पूछा कि सब कुछ पहले से पता होते हुए भी सरकार ने सही वक्त पर उचित कदम क्यों नहीं उठाए? आखिर सरकार पूरे मामले की न्यायिक जांच से क्यों भाग रही है? चौधरी उदयभान ने कहा कि सीआईडी द्वारा सरकार को पहले से ही सूचित कर दिया गया था कि इलाके में कई दिनों से तनाव बना हुआ है। शरारती तत्वों द्वारा सोशल मीडिया पर भड़काऊ बयानबाजी की जा रही है। लेकिन हैरानी की बात है कि बावजूद इसके यात्रा वाले दिन मौके के एसपी छुट्टी पर भेज दिए गए।

चौधरी उदयभान ने कहा कि सरकार ना विपक्ष के सवालों का जवाब दे पा रही है और ना ही खुद बीजेपी के मंत्री राव इंद्रजीत के सवालों का। क्योंकि राव इंद्रजीत सिंह ने भी स्पष्ट तौर पर हिंसा के लिए पूरी तरह प्रदेश सरकार की विफलता को जिम्मेदार करार दिया है। चौधरी उदयभान ने कहा कि अगर मुख्यमंत्री और गृहमंत्री प्रदेश की जनता को सुरक्षा नहीं दे सकते तो उन्हें पद पर बने रहने का कोई अधिकार नहीं है।

भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि सरकार के भीतर समन्वय का भारी अभाव है। हैरानी की बात है कि गृह मंत्री के पास सीआईडी का विभाग नहीं है, बिना सीआईडी के बिना आंख-कान का गृह मंत्रालय बनकर रह गया है। इसका खामियाजा प्रदेश की जनता को भुगतना पड़ रहा है। केंद्र सरकार द्वारा जारी किए गए सामाजिक प्रगति सूचकांक में बताया गया है कि हरियाणा पूरे देश का सबसे असुरक्षित राज्य है, जो अपने नागरिकों को सुरक्षा देने में विफल रहा है। हुड्डा और उदयभान ने प्रदेश की जनता के धैर्य व भाईचारे की भावना को भी सराहा। उन्होंने कहा कि जनता ने दंगे भड़काने वालों को करारा जवाब दिया और आपसी भाईचारे को बनाए रखा।

पूर्व मुख्यमंत्री ने बताया कि मौजूदा सरकार कि प्रत्येक योजना में घोटाले सामने आ रहे हैं। आयुष्मान भारत योजना में घोटाले का खुलासा खुद कैग ने किया है। इसमें बताया गया है कि हरियाणा में मरे हुए लोगों का इलाज करने के नाम पर भी भारी भरकम क्लेम लिया गया। वहीं, सरकार द्वारा 3 लाख प्रतिवर्ष से कम आय वाले 38 लाख परिवारों को आयुष्मान भारत योजना का लाभ पहुंचाने का लक्ष्य रखा है। हरियाणा में कुल 55 लाख परिवार हैं। यानी उनमें से 70% परिवार की आए 3 लाख सालाना से कम है। इसका मतलब हुआ की प्रदेश की 70% आबादी की प्रति व्यक्ति आय ₹60000 से कम है। इससे स्पष्ट होता है कि आज प्रदेश की आर्थिक स्थिति क्या हो गई है। बीजेपी-जेजेपी ने हरियाणा को बीमारू राज्यों की कगार और सबसे कर्जवान राज्यों की सूची में पहुंचा दिया है।

हुड्डा ने बताया कि केंद्र सरकार द्वारा प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत मिले 405 करोड़ रुपए हरियाणा सरकार खर्च ही नहीं कर पाई। 1,30,879 मकान की ग्रांट को सरकार ने सरेंडर कर दिया। वहीं बीएलसी के तहत केंद्र सरकार द्वारा 47,116 मकान के लिए जो फंड जारी किया गया था, उसमें से सिर्फ 4459 मकान ही बनकर तैयार हो पाए हैं। जाहिर है कि सरकार द्वारा 2022 तक हर सिर पर छत देने का वादा खोखला साबित हुआ। खुद की योजनाओं को सिरे चढ़ाना तो दूर मौजूदा सरकार ने कांग्रेस कार्यकाल के दौरान गरीब परिवारों के लिए शुरू की गई सौ-सौ गज के प्लॉट आवंटन और मकान बनाने की योजनाओं को भी बंद कर दिया। इतना ही नहीं कांग्रेस कार्यकाल में गरीब परिवारों को मकान देने के लिए शुरू की गई योजना के साथ भी सरकार छेड़छाड़ कर रही है। इस योजना के तहत मिलने वाले मकान के रेट में भी 20% तक के बढ़ोतरी कर दी गई है।

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