...ताकि रेस्टोरेंट के खाने में न मिले कीड़े, मैदान में उतरा फूड सेफ्टी विभाग

Edited By Pawan Kumar Sethi, Updated: 18 Jul, 2025 08:04 AM

food safety department organize awareness camp

फूड सेफ्टी विभाग की तरफ से रेस्टोरेंट संचालकों और वर्करों को जागरुक करने के साथ ही उन्हें हाइजीन अपनाने के लिए प्रेरित कर रहा है ताकि लोगों को हेल्दी फूड मिल सके। इसके लिए विभाग की तरफ से जागरुकता कैंप का आयोजन किया गया।

गुड़गांव,(ब्यूरो): पिछले दिनों एक रेस्टोरेंट के खाने में मिले कैटरपिलर और कई रेस्टोरेंट में मिली गंदगी के बाद अब फूड सेफ्टी विभाग हरकत में आ गया है। विभाग की तरफ से रेस्टोरेंट संचालकों और वर्करों को जागरुक करने के साथ ही उन्हें हाइजीन अपनाने के लिए प्रेरित कर रहा है ताकि लोगों को हेल्दी फूड मिल सके। इसके लिए विभाग की तरफ से जागरुकता कैंप का आयोजन किया गया।

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इस कैंप में न केवल रेस्टोरेंट में हाइजीनिक तरीके से खाना बनाने और सर्व करने की जानकारी दी गई बल्कि घटिया और पुरानी खाद्य सामग्री को इस्तेमाल न करने के लिए भी प्रेरित किया गया। फूड सेफ्टी ऑफिसर डॉ रमेश चौहान की मानें तो चंद रुपयों की लालच में कुछ रेस्टोरेंट संचालकों द्वारा पिछले दिनों लोगों के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ किए जाने के मामले सामने आए थे। चाहे खाने में कैटरपिलर मिलने की बात हो या किचन में बेहद ही गंदगी होने की बात हो। यह रेस्टोरेंट संचालक किसी के भी स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ न कर सकें इसके लिए जागरुकता कैंप का आयोजन किया गया है।

 

 

 

 

फूड सेफ्टी ऑफिसर रमेश चौहान की मानें तो गुड़गांव के 32 माइल स्टोर में काफी अधिक संख्या में रेस्टोरेंट हैं। इसी स्थान पर ही एक रेस्टोरेंट में खाने में कैटरपिलर मिलने का मामला भी सामने आया था। ऐसे में जागरुकता कैंप की शुरूआत भी इसी स्थान से की गई है। इसके साथ ही रेस्टोरेंट संचालकों को हिदायत भी दी गई है कि अगर वह खाने को हाइजीनिक तरीके से नहीं पकाते हैं और फूड सेफ्टी स्टैंडर्ड नियमों का पालन नहीं करते हैं तो उनके खिलाफ नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने लोगों को यह भी जागरुक किया कि वह रेस्टोरेंट में खाना खाने जाते हैं तो यह भी जांच लें कि उस रेस्टोरेंट ने विभागीय अनुमति ली है अथवा नहीं और वह हाइजीनिक तरीके से खाना बनाते और परोसते हैं अथवा नहीं। अगर कोई रेस्टोरेंट संचालक ऐसा नहीं करता है तो उसकी शिकायत विभाग में की जा सकती है।

 

रमेश चौहान ने बताया कि रेस्टोरेंट संचालकों को यह भी निर्देश दिए गए हैं कि वह पुराने पहले भी प्रयोग हो चुके घी तेल का दोबारा इस्तेमाल न करें। इन्हें नष्ट करने के लिए संबंधित एजेंसी को इसे सौंपे ताकि किसी भी व्यक्ति को अनहाइजीनिक खाना न परोसा जा सके। इसके साथ ही उन्होंने यह भी साफ कर दिया कि वह अब जिले में औचक जांच करेंगे और जिन स्थानों पर बिना अनुमति लिए रेस्टोरेंट अथवा किचन चलती मिली तो उसके खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी। इसके साथ ही यह भी सुनिश्चित किया जाएगा कि खाना हाइजीनिक तरीके से ही पकाया जा रहा हो।

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