Edited By Manisha rana, Updated: 20 Feb, 2024 07:17 PM
सरकार और किसानों के बीच चल रहे इस संघर्ष के बीच अब खाप भी लगातार अपने विचार रखती हुई नजर आ रही हैं। मंगलवार को घनघस खाप के प्रधान एडवोकेट जगदीप घनघस ने सरकार को इसमें हल्के में न लेने की सलाह दी है।
चंडीगढ़ (चंद्रशेखर धरणी): सरकार और किसानों के बीच चल रहे इस संघर्ष के बीच अब खाप भी लगातार अपने विचार रखती हुई नजर आ रही हैं। मंगलवार को घनघस खाप के प्रधान एडवोकेट जगदीप घनघस ने सरकार को इसमें हल्के में न लेने की सलाह दी है। उन्होंने कहा कि सरकार ही नहीं चाहती कि इसका समाधान हो। किसान को बदनाम करने के लिए इस प्रकार के खेल किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि इस मामले में स्वयं देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तथा गृहमंत्री अमित शाह को हस्तक्षेप करने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि आज प्रदेश सरकार किसानों को दिल्ली ना जाने देने की जिद पर अड़ी है जबकि किसान को पिछले आंदोलन के दौरान एमएसपी देने का वादा किया गया था। किसानों ने सरकार पर विश्वास किया और आंदोलन को स्थगित करने का काम किया था। 3 साल तक बड़े इंतजार के बाद अब फिर से किसान अपने हक के लिए खड़ा हुआ है। लेकिन सरकार किसानों से किए वायदे पूरे करने की बजाय किसानों को ही पीछे धकेलने की जिद पर खड़ी हुई है।
अब किसान न रुकेगा- ना झुकेगा- ना हीं पीछे हटेगा : घनघस
जगदीप घनघस ने कहा कि 3 साल पहले लगभग 700 किसानों ने इस आंदोलन के दौरान अपनी शहादत दी। अब फिर से दो-तीन घटनाएं घट चुकी हैं। किसान पूरे देश का पेट भरता है, सर्दी -गर्मी- धूप- आंधी -तूफान की बिना परवाह किए देशवासियों के लिए अनाज का उत्पादन करता है। बॉर्डर पर किसान के पुत्र देश के लिए जान गंवाते आए हैं। देश की आंतरिक सुरक्षा भी किसानों के पुत्र ही करते हैं। इनके बलिदानों की अनदेखी सरकार को नहीं करनी चाहिए। इस मामले में खुद प्रधानमंत्री को आगे आकर बड़ा दिल दिखाना चाहिए। घनघस ने कहा कि किसान हर कुर्बानी के लिए सदा खड़ा रहा है। लेकिन यह वक्त अपने अधिकार लेने का है। स्वामीनाथन रिपोर्ट के आधार पर किसान को एमएसपी क्यों नहीं दी जा रही। जब हर उत्पादक के उत्पाद का रेट निर्धारित हो सकता है तो किसान की फसल का दाम क्यों नहीं तय होता। उन्होंने कहा कि किसान कभी भी देश के नुकसान में नहीं होता। पहले भी सरकार की जिद के कारण देश का एक बड़ा नुकसान हुआ, इस बार भी सरकार की अनदेखी एक बड़ा नुकसान का कारण बन सकती है। क्योंकि किसान अब न रुकेगा- ना झुकेगा- ना हीं पीछे हटेगा। किसान को कमजोर समझने की गलती सरकार बिल्कुल ना करें। किसान अपने अधिकार लिए बिना अपने घर नहीं लौटेगा। उन्होंने कहा कि देश की व्यवस्थाएं पूरी तरह से बिगड़ चुकी हैं और ऐसे समय में अब सरकार को बड़ा दिल दिखाने की जरूरत है।