सोमवार को कांग्रेस का हाथ थामेंगे निशान सिंह, 30 साल बाद घर करेंगे वापसी, जेजेपी प्रदेश अध्यक्ष पद से दिया था इस्तीफा

Edited By Nitish Jamwal, Updated: 27 Apr, 2024 08:44 PM

nishan singh will join hands with congress on monday

टोहाना से पूर्व विधायक और हरियाणा में जननायक जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष और पार्टी से इस्तीफा देने वाले निशान सिंह सोमवार को दो बजे चंडीगढ़ में कांग्रेस जॉइन करेंगे। सूत्रों की मानें तो वे 29 अप्रैल को अपने समर्थकों के साथ कांग्रेस का दामन थामेंगे।

टोहाना (सुशील सिंगला): टोहाना से पूर्व विधायक और हरियाणा में जननायक जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष और पार्टी से इस्तीफा देने वाले निशान सिंह सोमवार को दो बजे चंडीगढ़ में कांग्रेस जॉइन करेंगे। सूत्रों की मानें तो वे 29 अप्रैल को अपने समर्थकों के साथ कांग्रेस का दामन थामेंगे। हालांकि निशान सिंह ने खुद इसके बारे में ज्यादा कुछ नहीं कह रहे हैं, लेकिन यदि वे कांग्रेस में जाते है तो इसे करीब 30 वर्ष बाद घर वापसी कही जाएगी। निशान सिंह से जुड़े समर्थक उनके कांग्रेस में जाने की बात की पुष्टि कर चुके है।

बता दें कि पूर्व विधायक निशान सिंह ने 8 अप्रैल को जेजेपी पार्टी और प्रदेश अध्यक्ष पद छोड़ दिया था। इस दौरान उनके साथ पार्टी के वरिष्ठ प्रदेश उपाध्यक्ष सुरेंद्र लेगा सहित अनेक पदाधिकारियों ने भी पार्टी छोड़ दी थी। निशान सिंह के पार्टी छोड़ने के बाद जेजेपी में इस्तीफों की झड़ी लगी जिसके तहत फतेहाबाद जिले में निशान सिंह के तमाम समर्थकों ने जेजेपी पार्टी को अलविदा कह दिया था।

कांग्रेस में लंबी हो जाएगी टिकट के दावेदारों की लिस्ट

जेजेपी के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष निशान सिंह यदि कांग्रेस में जाते हैं तो टोहाना से कांग्रेस की टिकट के प्रबल दावेदार और पार्टी के पूर्व मंत्री सरदार परमवीर सिंह के लिए मुश्किलें बढ़ सकती हैं। इसी साल होने वाले प्रदेश में विधानसभा के चुनाव में तब टोहाना सीट से पार्टी के दो बड़े नेता आमने-सामने होंगे। अभी तक कांग्रेस में परमवीर सिंह ही टोहाना से टिकट के प्रबल दावेदार माने जा रहे थे इसके अलावा यहां एसआरके गुट तथा हुड्डा गुट के नेता एकजुट होने की बात कर चुके है लेकिन सच्चाई तो लोकसभा चुनाव में सामने आएगी।

2000 में इनेलो की टिकट में बने थे विधायक

निशान सिंह वर्ष 2000 में इनेलो के टिकट पर टोहाना से विधायक चुने गए थे इस दौरान उन्हें तब 43,076 वोट मिले थे। इसके बाद वे लगातार तीन चुनाव हार गए। 2005 और 2009 में उन्हें कांग्रेस के पूर्व मंत्री परमवीर सिंह ने हराया जबकि 2014 में वह भाजपा के सुभाष बराला से मात खा गए। 2019 का विधानसभा इलेक्शन निशान सिंह नहीं लड़ पाए थे क्योंकि तब जेजेपी ने चुनाव के ऐन मौके पर कांग्रेस छोड़कर आए देवेंद्र सिंह बबली को उम्मीदवार बना दिया था। वही इनेलो की टिकट पर चुनाव लड़ने से पहले वे कांग्रेस के कार्यकर्ता के तौर पर कार्य कर चुके है इसलिए इसे उनकी घर वापसी कहा जाएगा।

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