Edited By Manisha rana, Updated: 20 Dec, 2020 10:35 AM
केंद्र सरकार द्वारा लागू 3 अध्यादेशों को वापस लेने के लिए हरियाणा-पंजाब के किसानों ने सिंधु बॉर्डर पर सरकार के खिलाफ आंदोलन छेड़ रखा है। शनिवार को खानपुर के राजपुताना नारायणगढ़ से सरपंच मोङ्क्षहद्र सिंह सैनी...
अम्बाला शहर : केंद्र सरकार द्वारा लागू 3 अध्यादेशों को वापस लेने के लिए हरियाणा-पंजाब के किसानों ने सिंधु बॉर्डर पर सरकार के खिलाफ आंदोलन छेड़ रखा है। शनिवार को खानपुर के राजपुताना नारायणगढ़ से सरपंच मोहिंद्र सिंह सैनी, पंच विक्रम बक्शी, नम्बरदार जोगिंद्र सिंह, पूर्व पंच अजमेर सिंह आंदोलन में शामिल गांव के किसानों से जाकर मिले, वहीं सिंधु बॉर्डर पर बाबे नानक की फौज वंड छको किरत कमाओ, लंगर की सेवा की गई।
नारायणगढ़ बार एसोसिएशन के पूर्व प्रधान अधिवक्ता धर्मवीर ढींडसा ने बताया कि अपने हक के लिए किसान काफी समय से अपने स्तर पर धरना-प्रदर्शन कर 3 अध्यादेशों का विरोध कर रहे थे लेकिन सरकार द्वारा कोई सुध नहीं ली गई। किसानों के सब्र का बांध टूट गया ओर 26 नवम्बर को हरियाणा व पंजाब के किसानों ने दिल्ली कूच कर दिया लेकिन किसानों को पुलिस प्रशासन द्वारा सिंधु बॉर्डर पर ही रोक दिया गया है। तभी से किसानों ने सिघु बॉर्डर पर ही जमकर बैठ गए और जब तक सरकार तीनों बिलों को वापस नहीं लेती तब तक वह यहां से उठेंगे नहीं, वहीं किसानों रोजाना हजारों की संख्या में किसान आंदोलन में शामिल हो रहे हैं। किसानों के इस आंदोलन मेंं विभिन्न संगठन व सामाजिक संस्थाएं भी आगे आकर उनकी मदद कर रही हैं। इस मौके परअधिवक्ता संजीव बख्तुआ व अपने अन्य साथियों के साथ मिले।