कार्यपालिका, न्यायपालिका, विधानपालिका और मीडिया हैं प्रजातंत्र के चार स्तंभ: विज

Edited By Gourav Chouhan, Updated: 18 Sep, 2022 07:49 PM

executive judiciary legislature and media are four pillars of democracy vij

पत्रकारों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि आप लोग प्रजातंत्र के प्रहरी है और आपके हाथ में छडी है। विज ने कहा कि इस प्रजातंत्र को मजबूत करने व सहेजने के लिए और इस व्यवस्था को सफलतापूर्व चलाने के लिए पत्रकारों की बहुत बड़ी भूमिका है।

अंबाला/चंडीगढ़(चंद्रशेखर धरणी): गृह मंत्री अनिल विज ने मीडिया को प्रजातंत्र का चौथा स्तंभ बताते हुए कहा कि मीडिया ही समाज का आईना है। इसी के साथ विज ने लोकतंत्र को लेकर भी सवाल खड़े किए। उन्होंने कहा कि पहले मुख्यमंत्री विधायकों से पूछकर हर फैसला लेते थे। मगर आज बात-बात पर व्हिप जारी होता है। अगर आपका किसी विषय पर मत अलग है, तो आप उसे व्यक्त नहीं कर सकते। जो व्हिप जारी होता है, वहीं विधायकों को बोलना पड़ता है, हाथ खड़ा करना पड़ता है और तालियां बजानी पड़ती हैं। ऐसी परिस्थितियों में प्रजातंत्र कहां बचा है। पत्रकारों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि आप लोग प्रजातंत्र के प्रहरी है और आपके हाथ में छडी है। विज ने कहा कि इस प्रजातंत्र को मजबूत करने व सहेजने के लिए और इस व्यवस्था को सफलतापूर्व चलाने के लिए पत्रकारों की बहुत बड़ी भूमिका है। पार्टियां आपस में मिल सकती है और मिट्टी डाल सकती हैं। मगर मीडिया एक आईना है और उसे जो दिखता है, वो दिखाता है। उन्होंने यह भी कहा कि सत्तापक्ष क्या कह रहा है, विपक्ष क्या कह रहा है, समाज से जुड़ी हर खबर को आपको लोगों तक पहुंचाना हैं। समाचार पत्र में वही दिखाना है, जो वास्तविक है। चारों दिशाओं के समाचार पत्र आप अपने तंत्र के माध्यम से समाचारों में प्रकाशित करते हैं।

 

पीपल रिप्रेजेंटेशन एक्ट की तब्दीली के बाद से मुख्यमंत्री ज्यादा तानाशाह हुए: विज

 

अनिल विज ने कहा कि विशेष तौर पर राजीव गांधी के समय से जब उन्होंने पीपल रिप्रेजेंटेशन एक्ट को तब्दील कर दल-बदल को खत्म करने के लिए जो कानून लाया, उसके बाद मुख्यमंत्री ज्यादा तानाशाह हो गए। राजीव गांधी राजनीतिज्ञ नहीं, एक पायलट थे। उन्हें राजनीति विषय पर प्रतिक्रिया का एहसास नहीं था। उन्होंने दल-बदल का ईलाज किया, मगर उसके साथ पचास समस्याएं और खड़ी हो गई। आज लोगों की जो सोच व जरूरतें है आज वह सरकारों में जाकर उनकी सोच को पहुंचा नहीं सकते। 

उन्होंने कहा कि किसी तानाशाह के हाथ में देश आ गया तो क्या होता है, आपने देखा है। मगर यदि सीएम का विधायक दल गलत काम करता है, तो जनता उसको सजा देती है। यदि उसका मुखिया गलत काम करता है, तो जनता उसे सजा देती है। मगर आज जनता सजा नहीं दे सकती और आपको सहना और झेलना पड़ेगा। यदि दल बदल कानून लागू ही करना था, तो यह करना चाहिए था कि जो जिस दल से खड़ा है, वह अपना दल बदल नहीं सकता।

 

पक्ष और विपक्ष अपने हित के लिये कुछ भी कह सकता है, लेकिन खबरों को सही रूप से प्रकाशित करना मीडिया का दायित्व: विज

 

गृहमंत्री ने यह भी कहा कि मैने इमरजेंसी के भी हालात देखे हैं, उस समय की परिस्थितियों में भी पत्रकारों ने अपनी दायित्व को बखूबी निभाया है। इंडियन एक्सप्रेस की बिल्डिंग को जला दिया गया था तथा पंजाब केसरी कार्यालय की लाइट बंद कर दी गई थी। ऐसे समय में पंजाब केसरी समूह के संपादक ने ट्रैक्टर की लाइट के माध्यम से खबरों को प्रकाशित करवाने का काम किया था। आप (मीडिया) ही प्रहरी है, पक्ष और विपक्ष तो अपने हित के लिये कुछ भी कह सकता है, लेकिन खबरों को सही रूप से प्रकाशित करना आपका दायित्व है। जो अच्छे कार्य करे उसे भी दिखाना है और जो बुरा करे, उसे भी दिखना आपका दायित्व है। 

 

मीडिया वेलबींग एसोसिएशन द्वारा जो संस्था बनाई गई है, उसको अपना लक्ष्य बनाना है: विज

 

गृह मंत्री ने कहा कि मीडिया वेलबींग एसोसिएशन द्वारा जो संस्था बनाई गई है, उसको अपना लक्ष्य बनाना है कि प्रजातंत्र को जिंदा रखने के लिये कार्य करना है। यही आज के समय की सबसे बड़ी जरूरत है। इस मौके पर एसोसिएशन द्वारा गृहमंत्री को मांगो से सम्बन्धित एक ज्ञापन भी सौंपा गया। गृहमंत्री ने ज्ञापन में रखी मांगों के तहत कहा कि सभी मांगों पर विचार किया जाएगा और सरकार से मंजूर करवाने के लिए वह प्रयासरत रहेंगे। उन्होंने कहा कि सरकारी कर्मचारियों की तरह मेडिकल की सुविधा पत्रकारों को मिले, इसके लिये उन्होंने यह मांग पहले से ही एजेंडे में रखी हुई है। एक अन्य मांग जिसमें एसोसिएशन ने प्रेस क्लब के लिए जो प्लाट सम्बन्धी फाईल सरकार के पास लंबित है, उसे पूरा करवाने के लिये वे दस्तावेज उन्हें उपलब्ध करवाएं, इस मांग के दृष्टिगत जो कार्रवाई होनी है, उसके लिये वे उनके साथ खड़े हैं। 

 

एसोसिएशन के विस्तार के लिये 20 लाख रुपये देने की घोषणा

 

गृहमंत्री ने एसोसिएशन के विस्तार के लिये 20 लाख रुपये देने की घोषणा भी की। उन्होंने इस मौके पर पत्रकारिता जगत से जुड़े पत्रकारों से साथ-साथ समाज सेवी व अन्य को स्मृति चिन्ह देकर उनका स्वागत भी किया। 

 

पहली सूची के तहत 46 पत्रकारों की पॉलिसी की गई: धरणी

 

इस मौके पर मीडिया वेलबींग एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष चंद्रशेखर धरणी ने मुख्य अतिथि के साथ-साथ अन्य विशिष्ठ अतिथियों व वरिष्ठ पत्रकारों का स्वागत करते हुए एसोसिएशन द्वारा किये जाने वाले कार्यों बारे विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने बताया कि पहली सूची के तहत 46 पत्रकारों की पॉलिसी की गई है और इस कार्य के लिये एक भी रुपया पत्रकारों से नहीं लिया जाएगा। एसोसिएशन द्वारा पत्रकारों सहित उनके परिवार का भी हेल्थ इंश्योरेंस हो, इसके लिये प्रयासरत रहेंगे। उन्होंने पत्रकारों के हितों से सम्बन्धित एक मांगपत्र भी गृह मंत्री को सौंपा।  इस मौके पर एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष चंद्रशेखर धरणी, कार्यक्रम संयोजक डा अनिल दत्ता, अंकुर कपूर, तरुण कपूर, सुरेन्द्र मेहता, डा0 सुनील सादिक, सुरेन्द्र तिवारी, भूपिन्द्र ओबेरॉय, आशीष गुलाटी, दीपक भसीन, राम बाबू यादव के साथ-साथ वरिष्ठ पत्रकार व गणमान्य लोग मौजूद रहे।

 

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