Edited By Pawan Kumar Sethi, Updated: 17 Apr, 2025 05:33 PM

देश की सीमा पर दुश्मनों से लोहा लेने वाला फौजी पिछले 12 साल से अपने हक की लड़ाई लड़ रहा है। पूर्व फौजी का आरोप है कि न तो उसकी सुनवाई प्रदेश सरकार कर रही है और न ही केंद्र सरकार कर रही है।
गुड़गांव,(ब्यूरो): देश की सीमा पर दुश्मनों से लोहा लेने वाला फौजी पिछले 12 साल से अपने हक की लड़ाई लड़ रहा है। पूर्व फौजी का आरोप है कि न तो उसकी सुनवाई प्रदेश सरकार कर रही है और न ही केंद्र सरकार कर रही है। ऐसे में अब वह अपनी लड़ाई को आगे बढ़ाने के लिए नवीन जयहिंद का साथ मांगने रोहतक चल दिए है। रोहतक भी ऐसे नहीं बल्कि व्हीलचेयर पर कड़कड़ाती धूप में वह चल दिए हैं। फौजी की मानें तो सरकार से समाज के हक के लिए लड़ाई कर जीत दिलाने वाले नवीन जयहिंद उनकी आखिरी आस है।
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दरअसल, मनोज कुमार एयरफोर्स में सार्जेंट पद से रिटायर हुए हैं। जम्मू कश्मीर में पोस्टिंग के दौरान एक हादसे में उनका आधा शरीर पैरालाइज हो गया जिसके कारण वह आज तक व्हील चेयर पर हैं। उन्होंने बताया कि नियम के अनुसार सरकार ने उन्हें 200 वर्गगज का एक प्लॉट देना था, लेकिन यह प्लॉट आज तक नहीं दिया गया है। इस प्लॉट को लेने के लिए वह साल 2012 से अपनी लड़ाई लड़ रहे हैं। 8 साल की लड़ाई के बाद उन्हें विभाग की तरफ से एक प्लॉट देकर फोटो भी खिंचवाई गई, लेकिन यह भी विवादित निकला और इस मामले में कोर्ट में मामला विचाराधीन था जिससे उनकी भावना आहत हुई। इसके बाद से आज तक उन्हें कोई प्लॉट नहीं दिया गया। उन्होंने कहा कि सरकार के दो कार्यकाल बदल गए, कई डीसी भी बदले, लेकिन उनकी मांग पर आज तक कोई सुनवाई नही हुई। अब वह केवल समाज के हक की लड़ाई लड़ने वाले नवीन जयहिंद के पास अपनी गुहार लेकर जा रहे हैं ताकि वह उनकी इस लड़ाई में उनकी आवाज बने।
फिलहाल कड़कड़ाती धूप में वह रोहतक के लिए निकल चुके हैं। उनका कहना है कि वह गुड़गांव से रोहतक तक अपनी इसी व्हीलचेयर के माध्यम से जाएंगे और अपने हक की आवाज नवीन जयहिंद के साथ मिलकर बुलंद करेंगे। अब देखना यह होगा कि देश की सेवा करने वालों की प्रदेश सरकार कब तक सुनवाई करती है।