पुलिस थानों में दलालों की एंट्री बैन होने का पत्र वायरल होने से मचा हड़कंप,विज ने जारी किए थे आदेश

Edited By Gourav Chouhan, Updated: 07 Dec, 2022 10:46 PM

etter banning entry of brokers in police stations created a stir

अनिल विज द्वारा यह भी आदेश जारी किए गए थे कि सुविधा शुल्क के लेनदेन के जरिया (दलालों) पर तुरंत प्रभाव से नकेल कसी जाए।

चंडीगढ़(चंद्रशेखर धरणी): प्रदेश की बिगड़ी पुलिसिया कार्य प्रणाली में सुधार करने को लेकर प्रदेश के गृह मंत्री अनिल विज के  आदेशों के बाद एक और बेहतरीन बड़ा बदलाव सामने आया है। दरअसल गृह मंत्री अनिल विज के खुले दरबार में प्रदेश के कोने-कोने से पहुंचे पीड़ित लोग अधिकतर पुलिस के खिलाफ शिकायतें लेकर पहुंचते थे। लगातार विज के दरबार में बढ़ने वाली भीड़ बेशक अनिल विज के प्रति प्रदेशवासियों के बढ़ते विश्वास को दर्शाती हो, लेकिन दूसरे नजरिए से प्रदेश पुलिस की दिशा और दशा सही नहीं है यह बात भी अनिल विज दिमाग में घर किए हुए थी। गृह मंत्री अनिल विज ने इस मामले में तुरंत प्रभाव से पुलिस महानिदेशक को आदेश जारी किए थे कि हर पुलिस अधीक्षक अपने कार्यालय में रोजाना एक घंटा तक लोगों की समस्याएं सुनेगा और हर थाना- चौकियों में आम जनमानस खुले मन से विश्वास के साथ पहुंचे, ऐसा माहौल पैदा किया जाए। इसके साथ साथ अनिल विज द्वारा यह भी आदेश जारी किए गए थे कि सुविधा शुल्क के लेनदेन के जरिया (दलालों) पर तुरंत प्रभाव से नकेल कसी जाए। क्योंकि बहुत से ऐसे मामले अनिल विज के दरबार में भी पहुंचे थे, जिसमें हुई जांच में दलालों के थ्रू पुलिस अधिकारियों से पैसे के लेनदेन का मामला सामने आया था।

 

एसपी पानीपत शशांक सिंह सावन ने 63 दलालों के नाम, जाति व पता सहित लिस्ट की जारी

 

गृह मंत्री अनिल विज के सपने को साकार करने का काम सबसे पहले पानीपत पुलिस अधीक्षक शशांक सिंह सावन ने किया है। वायरल इस पत्र ने हड़कम्प मचा दिया है।पानीपत पुलिस अधीक्षक ने जिले के 63 ऐसे लोगों के नाम- जाति- पता सहित सूचीबद्ध जारी किए हैं जो अनावश्यक थाना-चौकियों में घूमते पाए जाते थे।  शिकायतकर्ता या आरोपी पक्ष से संपर्क साध कर पुलिस के नाम पर पैसा ऐंठते थे। ऐसे लोगों को चौकी- थानों में एंट्री ना होने देने के भी आदेश जिला पुलिस को दिए गए हैं। पानीपत पुलिस अधीक्षक के साफ़ आदेश है कि अगर इन लोगों द्वारा पुलिस के नाम पर किसी भी प्रकार के लेनदेन की सूचना मिले तो तुरंत प्रभाव से इनके खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई अमल में लाई जाए। साफ तौर पर अनिल विज के आदेशों के बाद पानीपत पुलिस अधीक्षक का यह फैसला जिले की जनता के लिए बेहद सुखद और न्यायप्रिय परिणाम लेकर आएगा। यह वायरल पत्र जारी होने के बाद हड़कंप मचना स्वाभाविक है। हरियाणा के अंदर किसी भी जिले के किसी भी क्षेत्र में इस प्रकार की पहली सूची जारी होने का वायरल पत्र सोशल मीडिया पर घूम रहा है। इस बारे में यह भी जानकारियां मिल रही है कि जिन लोगों के नाम इस सूची में क्रमबद्ध किए गए हैं इनकी अभी पड़ताल पानीपत पुलिस ने करनी है।

 

मोबाइल वीडियो-ऑडियो रिकॉर्डिंग के डर से पुलिस नहीं करती थी सीधा लेनदेन

 

सूत्रों के अनुसार इसमें कोई दो राय नहीं कि आजकल मोबाइल फोन में ऑडियो -वीडियो रिकॉर्डिंग के डर से पुलिस आरोपी या फरियादी से सीधे सुविधा शुल्क नहीं पकड़ती। इसके लिए कुछ विश्वसनीय लोग या दुकानदार पुलिस द्वारा चिन्हित किए हुए हैं। आरोपी या फरियादी कानूनी कार्रवाई अपने पक्ष में करवाने को लेकर अगर लेन-देन की बात करता भी है तो इन लोगों के फोन नंबर बात करने के लिए बोल दिया जाता है। इस प्रकार से लेनदेन के कई मामले वरिष्ठ अधिकारियों के सामने भी लगातार आते रहते थे। जिस पर पानीपत के पुलिस अधीक्षक बेहद गंभीर थे और अनिल विज के आदेशों के बाद इसे और अधिक संजीदगी से लेते हुए यह लिस्ट जारी करने का सराहनीय काम पानीपत पुलिस अधीक्षक द्वारा किया गया है।

 

पुलिस थाने- चौकियां बनी थी दलालों के अड्डे

 

सेवा, सुरक्षा और सहयोग का नारा देने वाले पुलिस प्रशासन में क्या दलालों की भूमिका सक्रिय है, क्या किसी आपराधिक मामले में मोटी राशि लेकर दलाल और बिचौलिए कानूनी कार्यवाही को प्रभावित करते हैं और क्या पानीपत पुलिस के थाने दलालों का ऐसा अड्डा बने हुए हैं ? जहां कानून, आपराधिक मामलों और न्याय को फुटबॉल समझते हुए किक मारी जाती है। सवाल बेहद गंभीर हैं, लेकिन उक्त सवाल उठाने पर किसी और नहीं बल्कि पानीपत जिला के पुलिस कप्तान ने मजबूर किया है। एसपी पानीपत ने मौखिक रूप से नहीं बल्कि लिखित रूप से जो आदेश जिला के तमाम थाना प्रभारियों को दिए हैं, उनकी गंभीरता को यदि आ्का जाए तब सामने आता है कि पुलिस थानों में दलालों की मौजूदगी और सक्रियता से एसपी अंजान नहीं है। दलालों की थानों में सक्रीयता से कानून किस तरह से प्रभावित होता है और पीड़ित के साथ कैसे नाइंसाफी होती है, इस बात को बेहद बारीकी से समझते हुए एसपी ने जो आदेश पारित किए हैं, उनकी जिले भर में न केवल चर्चा हो रही है बल्कि एसपी की खूब सराहना भी की जा रही है। 

 

एसपी शशांक सिंह सावन ने पानीपत जिला के तमाम पुलिस थाना प्रभारियों को निर्देश दिए हैं कि थानों में दलालों की सक्रिय भूमिका पर तुरंत प्रभाव से रोक लगाई जाए। एसपी के इन आदेशों ने साफ कर दिया है कि थाने दलालों का अड्डा बने हुए थे और दलालों की पैठ पुलिस अधिकारियों और कर्मचारियों के साथ काफी गहरी है। एसपी पुलिस दलाल के इस गठबंधन और इसके दुष्परिणाम-दुषप्रभाव से भली प्रकार से वाकिफ थे जिसके चलते यह कदम उठाया गया है। एसपी द्वारा लिखे गए आदेश पत्र में स्पष्ट रूप से कहा गया है कि थानों के भीतर और बाहर दलाल घूमते रहते हैं, इस बात की जानकारी आईजी करनाल रेंज द्वारा पत्र क्रमांक 16306 दिनांक 10 नवंबर 2022 की ओर से दी गई है। थानों के बाहर भटकने वाले दलाल शिकायतकर्ता से संपर्क करते हैं उसकी शिकायत पर तुरंत प्रभाव से काम करवाने का भरोसा देते हैं और पुलिस के नम पर मोटी राशि वसूल करते हैं। इससे जहां पुलिस की छवि खराब होती है वहीं भ्रष्टाचार को भी बढावा मिलता है। इसके साथ ही पीड़ित को इंसाफ मिलने की संभावनाएं जहां कम होती हैं, वहीं गलत आदमी द्वारा पैसे के प्रभाव से कानून को बदनाम करने की संभावना बढ जाती हैं।

 

पुलिस के प्रति बढेगा विश्वास, सही होगा न्याय

 

इस सूची को जारी करने के पीछे एसपी पानीपत का उद्देश्य लोगों में पुलिस प्रशासन के प्रति लोगों में विश्वास पैदा करने के साथ ही शिकायतकर्ताओं को सही और न्यायोचित समय में उचित न्याय दिलवाना है। एसपी के मुताबिक इस बात को कदापि स्वीकार नहीं किया जा सकता, कदापि माफ नहीं किया जा सकता और कदापि आंखों से देखकर मक्खी नहीं उंगली जा सकती कि पुलिस महकमें के कर्मचारी अपनी जेब गर्म करने के लिए किसी पीड़ित के साथ अन्याय करें, किसी निर्दोष को झूठे मामले में फंसाएं और कानून के रखवाले होते हुए भी कानून का मजाक बनाएं। इस बात को सहज रूप से समझा जा सकता है और इसे स्वीकार करने में भी गुरेज नहीं है कि दलाल पुलिस कार्यप्रणाली में दखल देने और उसे प्रभावित करने का प्रयास करते हैं लेकिन यदि विभाग के कर्मचारी और अधिकारी अपने विवेक से काम करें तब दलालों पर न केवल अंकुश लगाया जा सकता है बल्कि उन्हें थानों से दूर भी रखा जा सकता है। एसपी ने सख्त आदेश दिए हैं कि यदि दलाल अब थानों के पास भी दिखाई दिए तब उनके खिलाफ ऐसी सख्त कार्यवाही की जाएगी कि उन्हें खुद को कानूनी चंगुल से छुडवाना मुश्किल हो जाएगा।

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