Haryana: नशे की शुष्क बंदरगाह बना सिरसा, चिट्टा ले रहा जान

Edited By Manisha rana, Updated: 23 Mar, 2025 12:55 PM

drug addiction is increasing in sirsa

अभी एक दिन पहले ही सिरसा से पुलिस ने 25 करोड़ रुपए कीमत की हैरोइन के साथ दो आरोपियों को काबू किया है।

सिरसा (नवदीप सेतिया) : अभी एक दिन पहले ही सिरसा से पुलिस ने 25 करोड़ रुपए कीमत की हैरोइन के साथ दो आरोपियों को काबू किया है। इसी तरह से अंबाला से 7 करोड़ की हेराइन के साथ एक आरोपी काबू किया गया तो दो दिन पहले फतेहाबाद से भी 20 करोड़ की हैरोइन बरामद की गई। इन घटनाओं से यह जाहिर हो जाता है कि अपनी खास भौगोलिक परिस्थिति की वजह से पंजाब के साथ लगते हुए हरियाणा के सिरसा, फतेहाबाद, अंबाला जैसे जिले नशा तस्करों के लिए एक तरह से शुष्क बंदरगाह बने हुए हैं।

19 मई 2020 को इंटरनैशनल तस्कर रणजीत सिंह उर्फ चीता को पंजाब पुलिस तथा एन.आई.ए. की टीमों ने सिरसा से गिरफ्तार किया था। चीता जून 2019 में अटारी से मिले 532 किलोग्राम हैरोइन में वांछित था। 29 जून 2019 को पाकिस्तान से आई 532 किलो हैरोइन मामले में कस्टम तथा पुलिस ने 20 से अधिक लोगों को काबू किया था, जबकि रणजीत फरार हो गया था। अभी एक दिन पहले ही सिरसा से पुलिस ने 25 करोड़ रुपए कीमत की हैरोइन के साथ 2 आरोपियों को काबू किया है। इन 2 घटनाओं से यह जाहिर हो जाता है कि अपनी खास भौगोलिक परिस्थिति की वजह से सिरसा नशा तस्करों के लिए एक तरह से शुष्क बंदरगाह बना हुआ है। वैसे भी पिछले साल पुलिस ने सिरसा में 40 किलोग्राम हैरोइन बरामद की थी। 2020 से 2024 तक हरियाणा पुलिस ने 26 हजार तस्करों को जेल के पीछे भेजा। पुलिस की ओर से नशा तस्करों के 100 से अधिक अवैध भवनों को गिराया गया है तो 50 करोड़ रुपए की संपत्ति को अटैच किया है।

दरअसल सिरसा हरियाणा के अंतिम छोर पर बसा है। पंजाब व राजस्थान से सटा हुआ है। तीन तरफ से पंजाब तो 2 तरफ से राजस्थान की सीमा लगती है। भौगोलिक परिस्थिति ऐसी है कि नैशनल हाइवे एवं स्टेट हाइवे के बाद बहुत से अंतर कस्बाई मार्गों के अलावा गांवों से भी पंजाब व राजस्थान को अनेक रास्ते जाते हैं। बॉर्डर पर हरियाणा पुलिस की ओर से गांव मुसाहिबवाला के अलावा डबवाली शहर में नाका लगाया गया है। इसके अलावा नशा तस्करों के लिए अन्य सभी रुट सेफ हैं। ऐसे में तस्कर आसानी से पंजाब के जरिए यहां पहुंच जाते हैं। अब अगर हम हैरोइन यानी चिट्टा के तस्करी के नेटवर्क को देखें तो यह एक ऐसा नैक्सस बन गया है, जिसे तोड़ना अब एक चुनौती है।

हैरोइन का सबसे बड़ा उत्पादक अफगानिस्तान

अफीम और हैरोइन का सबसे बड़ा उत्पादक अफगानिस्तान है। इसके साथ ही नाइजेरियन तस्कर पुलिस के लिए सिरदर्द बने हुए हैं। अफगानिस्तान में करीब 3 लाख 28 हजार हेक्टेयर में अफीम यानी खसखस की खेती होती है। खसखस से अफीम बनती है और फिर अफीम को रिफाइन करने के बाद स्मैक व चिट्टा आदि बनता है। एक रिपोर्ट के अनुसार साल 2021 में अफगानिस्तान में 9 हजार टन अफीम का उत्पादन हुआ। अफगानिस्तान से ड्रग्स पाकिस्तान में आता है। पाकिस्तान से यह भारत-पाक सीमा पर भारत में तस्करी के जरिए पहुंचता है। पाकिस्तान में एक किलोग्राम हेरोइन की कीमत 2 से 6 लाख रुपए है। सीमा पर यह 20 से 25 लाख हो जाती है। इस कारोबार का आर्थिक जम्प देखिए कि नशे के बड़े मगरमच्छों से होते हुए छोटी मछलियों और फिर नशेड़ियों तक पहुंचने का इस का दाम 1 करोड़, 2 करोड़ और 5 करोड़ रुपर किलोग्राम तक हो जाता है। चंडीगढ़ और लुधियावा व सिरसा जैसे शहरों में एक ग्राम चिट्टे की कीमत 5 से 8 हजार के बीच है। एक नशेड़ी एक बार 2 हजार रुपए की डोज लेता है। यहीं से चिट्टे का क्राइम कनैक्शन शुरू हो जाता है। चोरी, डकैती, लूट, चेन स्नैचिंग, अपने ही भाइ-बहन, मां से मारपीट यह अब पंजाब और हरियाणा में सामान्य घटवाएं हैं।

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