Edited By Pawan Kumar Sethi, Updated: 15 Jul, 2024 06:59 PM
मांग न माने जाने के विरोध में आज स्वास्थ्य विभाग के डॉक्टरों ने पेन डाउन हड़ताल कर दी। इस हड़ताल के दौरान आज दो घंटे तक ओपीडी सेवाएं बाधित रही। सोमवार सुबह मरीज अस्पताल तो पहुंचे, लेकिन न तो डॉक्टरों ने मरीजों का स्वास्थ्य जांचा और न ही मरीजों को...
गुड़गांव, (ब्यूरो): मांग न माने जाने के विरोध में आज स्वास्थ्य विभाग के डॉक्टरों ने पेन डाउन हड़ताल कर दी। इस हड़ताल के दौरान आज दो घंटे तक ओपीडी सेवाएं बाधित रही। सोमवार सुबह मरीज अस्पताल तो पहुंचे, लेकिन न तो डॉक्टरों ने मरीजों का स्वास्थ्य जांचा और न ही मरीजों को कोई उपचार मिला। इलाज न मिलने के कारण मरीजों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा।
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हरियाणा सिविल मेडिकल सर्विसेज एसोसिएशन के पदाधिकारियों की मानें तो अगर 25 जुलाई तक सरकार ने उनकी मांगों को न माना तो वह पूरे प्रदेश में अनिश्चितकालीन हड़ताल कर देंगे। पहले भी सरकार उनकी मांगों को मानने के बाद उन्हें जल्द ही लागू करने का आश्वासन दे चुकी है, लेकिन उनकी फाइल को फाइनेंस डिपार्टमेंट में अटका दिया है। अब डॉक्टरों ने एकजुट होकर आंदोलन का आगाज कर दिया है।
डॉक्टरों की मानें तो उनकी चार मांगे वर्षों से लंबित पड़ी हुई हैं। इनमें से दो मांगे ऐसी हैं जिन्हें सरकार ने भी स्वीकृति दे दी है और दो वर्ष से स्वास्थ्य विभाग में ही लंबित पड़ी हुई हैं। उनकी इन मांगों का फायदा आम जनता को भी मिलेगा और अस्पताल में इलाज के लिए आने वाले मरीजों को भी न तो इंतजार करना पड़ेगा और न ही उन्हें दूसरे अस्पतालों के धक्के खाने पड़ेंगे। उनकी मांगों को लेकर सरकार गंभीर नहीं है।
फिलहाल डॉक्टरों ने साफ कर दिया है कि वह अपनी मांगों को मनवाने के लिए आंदोलन को तेज करेंगे और अगर सरकार उनकी मांगों पर ध्यान नहीं देती है तो वह 25 जुलाई से अनिश्चितकालीन हड़ताल चले जाएंगे। इसके अंतर्गत इमरजेंसी सेवाएं भी ठप की जाएंगी। वहीं, डॉक्टर केशव शर्मा की मानें तो अस्पताल में आए मरीजों को आज इलाज देकर भेजा जाएगा चाहे सभी डॉक्टरों को ओपीडी समय समाप्त होने के बाद भी बैठना पड़े। उनकी लड़ाई सरकार के उन नुमाइंदों के साथ है जो उनकी फाइल को अटकाकर बैठे हुए हैं। सरकार और चिकित्सकों के बीच में मजबूरन मरीजों को पिसना पड़ रहा है।