Edited By Isha, Updated: 14 Jul, 2020 10:08 AM
केंद्रीय वस्तु एवं सेवाकर (सीजीएसटी) आयुक्तालय की ओर से जिले की 106 एक्सपोट्र्स और ट्रेडर्स को रिस्क मैंनेजमेंट फेक्टर के तहत संदिग्ध की श्रेणी में रख गया है। जल्द ही इनकी व्यापक स्तर पर जांच शुरू की जाएगी
फरीदाबाद(ब्यूरो): केंद्रीय वस्तु एवं सेवाकर (सीजीएसटी) आयुक्तालय की ओर से जिले की 106 एक्सपोट्र्स और ट्रेडर्स को रिस्क मैंनेजमेंट फेक्टर के तहत संदिग्ध की श्रेणी में रख गया है। जल्द ही इनकी व्यापक स्तर पर जांच शुरू की जाएगी। विभाग की ओर से जांच के लिए 6 टीमें गठित की गई है जो अलग-अलग जिलों में जाकर मौके पर कंपनियों की जांच करेंगी। इस दौरान देखा जाएगा कि जो कंपनियों एक्सपोर्ट या ट्रडिंग कर रही है वह सीजीएसटी में नियमों के तहत कार्य कर रही है या नहीं। विभाग को 20 अगस्त तक जांच रिपोर्ट उच्च अधिकारियों के समक्ष पेश करनी होगी।
केंद्रीय वस्तु एंव सेवाकर विभाग के इनालेटिक एवं रिस्क मैंनेजमेंट (एआरएम) सेल की स्थापना की गई है जो पिछले एक साल से ज्यादा समय से कार्य कर रहा है। इसका मुख्य कार्य है डाटा का मूल्यांकन करना है। वर्तमान में जीएसटी व सीजीएसटी से संबंधित सभी कार्यों को ऑनलाइन कर दिया गया है। इसके तहत व्यापारी को सीजीएसटी में पंजीकरण कराना होगा, ई-वे बिल तैयार करना होगा, रिटर्न और रिफं ड संबंधी सभी चीजें ऑनलाइन है।
कई बार देखने को मिला है कि नए व्यापारियों के कारोबार में अचानक से बढ़ौतरी हो जाती है। एक-दो महीने में ही करोड़ों का व्यापार (एक्सपोर्ट) करने लगते हैं। करोड़ों रुपये की इनवायस उसके पास पहुंचने लगती है या वह खुद जनरेट करने लगता है। इसे रिस्क फैक्टर की श्रेणी में रखा जाता है। रिस्क फैक्टर में आने के बाद व्यापारी की जांच जरूरी हो जाती है। इसमें देखा जाता है कि व्यापारी ने कागजों में जो पता दिया है उस पते वह कंपनी या ऑफि स है कि नहीं है, जो कारोबार किया जा रहा है उसके कागजात मौके पर है या नहीं है, कर्मचारी है कि नहीं, जिससे की ये सुनिश्चति हो सके ये कोई बोगस कंपनी नहीं है। जिनका कोरोबार ज्यादा है कि उनके पास पीछे से सप्लाई कहां से आ रही है। इसकी जांच की जाती है।