Edited By Mohammad Kumail, Updated: 18 Apr, 2023 01:49 PM

प्रदेशभर में कोरोना के दौरान सेवाएं देने वाले स्वास्थ्य कर्मचारी मंगलवार को अंबाला में इकट्ठा हुए और उन्हें नौकरी पर रखने की मांग रखी। निकाले गए कर्मचारियों का कहना है सभी विभागों के कच्चे कर्मचारियों का 1 वर्ष...
अंबाला (अमन कपूर) : प्रदेशभर में कोरोना के दौरान सेवाएं देने वाले स्वास्थ्य कर्मचारी मंगलवार को अंबाला में इकट्ठा हुए और उन्हें नौकरी पर रखने की मांग रखी। निकाले गए कर्मचारियों का कहना है सभी विभागों के कच्चे कर्मचारियों का 1 वर्ष का कार्यकाल बढ़ाया गया है लेकिन कोरोना योद्धाओं को निकाल दिया गया है।
करोना कर्मचारी एसोसिएशन ने प्रदर्शन कर उन्हें काम पर वापस रखने की मांग की। प्रदेशभर से कर्मचारी इकट्ठा हुए और कहा कि एनएचएम कोविड-19 स्टाफ के लिए पिछले वर्ष 24. 5 करोड रुपए 1 वर्ष के लिए जारी कर हरियाणा कौशल रोजगार निगम के माध्यम से स्वास्थ्य विभाग में वापस लगाया गया था। अब सभी 22 जिले के करोना कर्मचारियों को 31 मार्च 2023 को हटा दिया गया है। जो किसी भी कोरोना कर्मचारी को मंजूर नहीं है। क्योंकि सभी विभागों में कोरोना योद्धाओं को छोड़कर सभी कच्चे कर्मचारियों का हर वर्ष 1 वर्ष का सेवा विस्तार हो रहा है।
कर्मचारी एसोसिएशन हरियाणा कि मांग है कि सभी 22 जिले के कोरोना योद्धाओं का 1 वर्ष का सेवा विस्तार करके रोजगार सुरक्षित किया जाए। कोरोना एसोसिएशन के प्रधान कैथल संदीप सिंधु का कहना है कि हमें धरना देने का कोई शौक नहीं है। धरना देना हमारी मजबूरी है। पुरूष ही नहीं महिलाएं भी अपने छोटे-छोटे बच्चों को घर छोड़कर धरने पर आकर बैठती हैं क्योंकि हमारे पास कोई और कमाई का साधन नहीं है। हमें चाहे पक्का ना किया जाए कच्चा ही रखा जाए लेकिन हमें समान वेतन मिलना चाहिए।
वहीं नीतू स्टाफ नर्स सिरसा का कहना है हमें 1 वर्ष के लिए हरियाणा कौशल रोजगार निगम के माध्यम से स्वास्थ्य विभाग में वापस लगाया गया था। लेकिन अब जिला में कोरोना कर्मचारियों को 31 तारीख को हटा दिया गया है। हम आज अंबाला बहुत उम्मीद के साथ पहुंचे हैं। पहले भी हमें गृह एवं स्वास्थ्य मंत्री के प्रयासों से लगाया गया था और अब भी हमें उनसे पूरी उम्मीद है कि वह हमारी उम्मीद पर खरे उतरेंगे।
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