Edited By Manisha rana, Updated: 19 Apr, 2025 10:44 AM

सांसद दीपेंद्र हुड्डा ने हरियाणा की मंडियों में 12 लाख टन गेहूं खुले में पड़े होने और खरीद एजैंसियों की अव्यवस्था पर गहरी चिंता जताते हुए कहा कि प्रदेशभर में गेहूं खरीद में किस कदर अव्यवस्था फैली हुई है।
चंडीगढ़ (बंसल) : सांसद दीपेंद्र हुड्डा ने हरियाणा की मंडियों में 12 लाख टन गेहूं खुले में पड़े होने और खरीद एजैंसियों की अव्यवस्था पर गहरी चिंता जताते हुए कहा कि प्रदेशभर में गेहूं खरीद में किस कदर अव्यवस्था फैली हुई है। 12 लाख टन गेहूं खुले में पड़ा है, अगर बारिश से गेहूं खराब हुआ तो किसान नहीं सरकार जिम्मेदार होगी। क्योंकि, मौसम विभाग ने अगले 1-2 दिनों में ही बारिश का पूर्वानुमान दिया है। ऐसे में अचानक बारिश से अगर फसल को नुक्सान हुआ तो इसकी पूरी कसूरवार हरियाणा सरकार और उसकी खरीद एजैंसियां होंगी क्योंकि एजैंसियों ने पहले खरीद शुरू करने में देरी की।
उन्होंने कहा कि मंत्री मंडियों में जाने की बात तो कह रहे लेकिन अब तक उन्हें किसी मंडी में नहीं देखा गया। वहीं, सरकार ने किसानों पर 12 प्रतिशत नमी की ऐसी शर्त लगा दी कि उससे बचने के लिए किसान मंडी में अपनी फसल लाकर सुखाने को मजबूर हो या। उन्होंने मांग की कि 12 प्रतिशत मी वाली शर्त में राहत देकर उसे कम से कम 14 प्रतिशत किया जाए।
जांच एजैंसियों की भूमिका पर प्रश्नचिन्ह लगा
दीपेंद्र ने भाजपा सरकार द्वारा पूरे देश में जांच एजेंसियों के राजनीतिक प्रयोग के खेल पर गहरी चिंता जताते हुए कहा कि हरियाणा समेत अन्य राज्यों के बहुत से ऐसे नेता हैं जिन पर मुकद्दमे दर्ज हुए लेकिन दबाव में आकर जब उन्होंने भाजपा ज्वाइन कर ली तो उन्हें मुकद्दमों से राहत मिल गई। इतना ही नहीं भाजपा के शीर्ष नेता जिन्हें भ्रष्टाचारी बताते थे उन्हें अपना प्रमुख सहयोगी बना लिया है। हरियाणा, महाराष्ट्र, असम, पश्चिम बंगाल जैसे राज्यों के नेता इसका ज्वलंत उदाहरण हैं। इसलिए पूरे देश में आज जांच एजेंसियों की भूमिका पर प्रश्नचिन्ह लग गया है।
(पंजाब केसरी हरियाणा की खबरें अब क्लिक में Whatsapp एवं Telegram पर जुड़ने के लिए लाल रंग पर क्लिक करें)