मशरूम लेडी के नाम से मशहूर है हरियाणा की ये महिला, 5 साल पहले शुरू की खेती, अब हर महीने कमा रही लाखों रुपये

Edited By Deepak Kumar, Updated: 27 Oct, 2025 02:30 PM

couple from sonipat are earning lakhs of rupees from mushroom farming

सोनीपत जिले के पति-पत्नी ने एक मिशाल पेश की है। दोनों पति-पत्नी ने न केवल शिक्षा के क्षेत्र में योगदान दिया बल्कि कृषि क्षेत्र में भी अपनी अलग पहचान बनाई है।

सोनीपत (सन्नी मलिक) : सोनीपत जिले के पति-पत्नी ने एक मिशाल पेश की है। दोनों पति-पत्नी ने न केवल शिक्षा के क्षेत्र में योगदान दिया बल्कि कृषि क्षेत्र में भी अपनी अलग पहचान बनाई है। जिले के गांव बड़वासनी की बेटी डॉ. सोनिया दहिया महिला उद्यमी होने के साथ-साथ एक शिक्षाविद् भी है। वह सोनीपत के दीनबंधु छोटूराम विज्ञान एवं तकनीकी विश्वविद्यालय मुरथल में असिस्टेंट प्रोफेसर है और बायोटेक्नोलॉजी में पीएचडी कर चुकी है। उनके पति डॉ. विजय दहिया दिल्ली के महाराजा सूरजमल इंस्टीट्यूट में गणित के प्रोफेसर के रूप में कार्यरत हैं। दोनों पति-पत्नी ने न केवल शिक्षा के क्षेत्र में योगदान दिया बल्कि कृषि क्षेत्र में भी अपनी अलग पहचान बनाई है। सोनिया ने कड़ी मेहनत और लगन से मशरूम की खेती में उल्लेखनीय सफलता हासिल की है। 

 सोनिया ने बताया, साल 2020 से पहले दोनों ही पति-पत्नी ने मिलकर गांव बड़वासनी में 1 एकड़ जमीन खरीदी थी। इस जमीन पर भी स्कूल बनाना चाहते थे। और स्कूल के माध्यम से गरीब और कमजोर वर्ग के लोगों के लिए बेहतरीन शिक्षा का एक प्रयास का विचार किया था। लेकिन इस दौरान करोना महामारी का दौर आ गया। इस दौरान जो स्कूल चल रहे थे वह भी बंद हो गए। जिसके चलते स्कूल बनाने का विचार खत्म करके उन्होंने कृषि के क्षेत्र में कदम रखने का विचार बनाया।हालांकि उनके लिए यह बिल्कुल नया करने जैसा था। इससे पहले कृषि का कोई अनुभव उनके पास नहीं था। लेकिन जिद जुनून और हौसले ने उन्हें इस काबिल बना दिया कि उन्होंने गांव बड़वासनी में मशरूम की खेती के लिए मशरूम एसी चैंबर बनवाएं। यहीं से उन्होंने अपनी शुरुआत की। सोनिया को तकनीकी एवं जैव प्रौद्योगिकी में शुरुआत से ही रुचि रही है और जिसका फायदा उसे मशरूम की खेती के दौरान मिला।
बाइट - सोनिया 

 सोनिया ने बताया कि पहली बार रिस्क लेकर दोनों ने मिलकर 40 लाख रुपए का निवेश करके दो ग्रोइंग रूम के रूप में मशरूम चैंबर की शुरुआत की। जानकारी के मुताबिक के पहली बार उन्होंने करीबन 5600 मशरूम बैग तैयार किए थे। वही इस दौरान ने अच्छी खाद ना मिलने के चलते भी उन्हें काफी परेशानी का सामना करना पड़ा और उसके बाद उन्होंने खुद की कंपोस्ट खाद भी तैयार करने का निर्णय किया। 
इस प्रकार उनकी शुरुआत आज एक बड़ा कारवां बन चुकी है।

ये प्रतिष्ठित सम्मान मिले 

  • जम्मू-कश्मीर में सर्वश्रेष्ठ किसान पुरस्कार
  • जिला बागवानी विभाग द्वारा राज्य स्तर की कार्यकारी सदस्य के रूप में चयन
  • 2022 में इंटरनेशनल बायोटेक्नोलॉजी इवेंट में सम्मान
  • 2023 में हरियाणा के राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय द्वारा पुरस्कार
  • 23 दिसंबर किसान दिवस पर हिसार में सम्मानित

मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने सोनिया को किया सम्मानित

लगभग एक साल पहले करनाल में आयोजित 11वीं मेगा सब्जी एक्सपो 2025 में प्रदेश के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने सोनिया को सम्मानित किया है। करनाल में आयोजित 11वीं मेगा सब्जी एक्सपो 2025 में प्रदेश के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने सोनिया को सम्मानित किया है। सोनीपत के गांव की एक बेटी को मशरूम की खेती में उत्कृष्ट कार्य करने पर मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने कृषि प्रोत्साहन के रूप में द्वितीय पुरस्कार से नवाजा है। मशरूम की खेती में सोनिया का सालाना टर्नओवर करीबन 1 करोड़ 20 लाख है। सभी खर्च निकाल कर वह साल में 25 से 30 लाख रुपए बचा लेती है। वो कई पुरस्कार से नवाजी जा चुकी है।

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