राहुल से ईडी की पूछताछ और ‘अग्निपथ’ के विरोध में कांग्रेस ने राज्यपाल को सौंपा ज्ञापन

Edited By Vivek Rai, Updated: 18 Jun, 2022 08:01 PM

congress submitted memorandum to governor in protest against  agneepath

राहुल गांधी के खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय की अवैध कार्रवाई और सेना भर्ती के लिए अपनाई गई अग्निपथ योजना के विरोध में पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा की अगुवाई में आज हरियाणा कांग्रेस ने राज्यपाल के नाम ज्ञापन सौंपे। कांग्रेस का एक प्रतिनिधिमंडल...

चंडीगढ़(धरणी): राहुल गांधी के खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय की अवैध कार्रवाई और सेना भर्ती के लिए अपनाई गई अग्निपथ योजना के विरोध में पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा की अगुवाई में आज हरियाणा कांग्रेस ने राज्यपाल के नाम ज्ञापन सौंपे। कांग्रेस का एक प्रतिनिधिमंडल राज्यपाल आवास और महामहिम की अनुपस्थिति के कारण उनके प्रतिनिधि को ज्ञापन सौंपने पहुंचा। इस ज्ञापन के माध्यम से कहा गया कि केंद्र की भाजपा सरकार राजनीतिक प्रतिशोध की भावना के चलते संवैधानिक संस्थाओं का दुरुपयोग कर लगातार कांग्रेस पार्टी के शीर्ष नेताओं को निशाना बना रही है। भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की अध्यक्ष सोनिया गांधी और राहुल गांधी पर नेशनल हेराल्ड समाचार पत्र मामले में झूठे मुकदमे दर्ज कर उन्हें परेशान किया जा रहा है। सरकार तानाशाही की सारी सीमाएं लांघ कर देश के लोकतंत्र को कुचलने का प्रयास कर रही है।

बीजेपी पर संवैधानिक संस्थाओं का दुरुपयोग करने का लगा आरोप

कांग्रेस द्वारा कहा गया कि पिछले आठ वर्षों के दौरान भाजपा सरकार ने भारत में लोकतंत्र और संवैधानिक संस्थाओं को नष्ट करने का कोई भी मौका नहीं छोड़ा है। ऐसा प्रतीत होता है कि सरकार अपने निरंकुश शासन के लिए सभी विपक्षी दलों की आवाज दबाना चाहती है। अगर सरकार का यही रवैया रहा तो यह हमारे संवैधानिक मूल्यों और काफ़ी त्याग, संघर्ष से अर्जित की गई आजादी को कमजोर कर देगी। जिस नेशनल हेराल्ड मामले में हमारे शीर्ष नेतृत्व को बेवजह परेशान किया जा रहा है, उसकी स्थापना पंडित जवाहरलाल नेहरू, सरदार पटेल, पुरुषोत्तम दास टंडन, आचार्य नरेन्द्र देव, रफी अहमद किदवई और अन्य नेताओं द्वारा वर्ष 1937 में की गई, ताकि स्वतंत्रता आंदोलन को मजबूत आवाज दी जा सके। 

सेना भर्ती में ‘अग्निपथ’ योजना को लेकर भी सौंपा ज्ञापन

दूसरे ज्ञापन में कहा कि गया है कि सेना भर्ती के लिए केंद्र सरकार द्वारा लागू की गई ‘अग्निपथ’ योजना को लेकर हरियाणा समेत पूरे देश के लोगों, खासकर युवाओं में जबरदस्त रोष है। यह योजना न तो देशहित में है, न ही युवाओं के हित में है। इस नई पॉलिसी के लागू होने के बाद जो नौजवान पिछले कई वर्षों से सेना भर्ती की आस लगाए बैठे थे, न सिर्फ उनको, बल्कि उन नौजवानों को जिन्होंने सेना भर्ती के लिए लिखित परीक्षा, फिजिकल टेस्ट दे दिये थे और परिणाम का इंतजार कर रहे थे, की भी उम्मीदों पर भी पानी फिर गया है।

अग्निपथ योजना को लेकर देश भर के नौजवानों में मायूसी है। इस योजना को तैयार करते समय इसके दूरगामी परिणामों पर पूरी तरह से विचार नहीं किया गया है। लंबे समय में इस पॉलिसी का असर बेहद बुरा होगा जो देश की सुरक्षा के हित में भी नहीं है। ऐसा लगता है कि सरकार वेतन, पेंशन, ग्रेच्युटी का पैसा बचाने और सैन्य बल की क्षमता को घटाकर आधा करने की नीयत से देश की सुरक्षा के साथ समझौता कर रही है। अग्निवीर के तौर पर जिन्हें सेना में भर्ती किया जायेगा उनमें से 75 प्रतिशत जवानों को 4 साल बाद रिटायर कर दिया जायेगा। उन्हें 4 साल की नौकरी के बाद न पेंशन, न मिलिट्री अस्पताल न कैंटीन की सुविधा ही मिल पाएगी।

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