कांग्रेस ने नववर्ष का रोडमैप बनाया:हुड्डा के नेतृत्व ने कई जगह होंगी जन आक्रोश रैलियां

Edited By Isha, Updated: 10 Dec, 2023 03:30 PM

congress made a roadmap for the new year

हरियाणा प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने नव वर्ष 2024 के लिए रोडमैप बना लिया है।प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष उदयभान ने इसे स्वीकृति दी है।नेता प्रतिपक्ष व पूर्व मुख्यमंत्री भूपेन्द्र सिंह हुड्डा के नेतृत्व में कई जगह  जन आक्रोश रैलियां होंगी।24 दिसंबर को पार्टी...

चंडीगढ़(चंद्र शेखर धरणी):  हरियाणा प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने नव वर्ष 2024 के लिए रोडमैप बना लिया है।प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष उदयभान ने इसे स्वीकृति दी है।नेता प्रतिपक्ष व पूर्व मुख्यमंत्री भूपेन्द्र सिंह हुड्डा के नेतृत्व में कई जगह  जन आक्रोश रैलियां होंगी।24 दिसंबर को पार्टी सिरसा में किसान-मजदूर जन आक्रोश रैली करने जा रही है। इसके बाद 25 दिसंबर को सफीदों, 31 दिसंबर को लाडवा में जन आक्रोश रैली होगी।  1 जनवरी को करनाल, 2 जनवरी को नूंह, 3 जनवरी को फरीदाबाद, 5 जनवरी को नारनौल, 6 जनवरी को गुरुग्राम में जिला कार्यकर्ता सम्मेलन होगा। इसके बाद 7 जनवरी को बरोदा में जन आक्रोश रैली होगी। 9 जनवरी को दादरी, 10 जनवरी को कुरुक्षेत्र में जिला कार्यकर्ता सम्मेलन होगा। 21 जनवरी को मुलाना, 28 जनवरी को बादली, 4 फरवरी को तिगांव, 10 फरवरी को कलायत, 11 फरवरी को होडल में जन आक्रोश रैली की जाएगी। 17 फरवरी को हिसार में राज्य स्तरीय पिछड़ा वर्ग सम्मेलन होगा। 18 फरवरी को महेंद्रगढ़ में जन आक्रोश रैली होगी और 24 फरवरी को झज्जर में राज्य स्तरीय संत रविदास जयंती कार्यक्रम किया जाएगा।

     पूर्व मुख्यमंत्री और नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा का कहना है कि हरियाणा कौशल रोजगार निगम युवाओं के शोषण और भ्रष्टाचार का अड्डा है। कौशल रोजगार के अंतर्गत लगे हुए कर्मचारियों ने भूपेंद्र सिंह हुड्डा से मिल इस निगम में खामियों को लेकर ज्ञापन सौंपा। हुड्डा ने कहा कि इसमें सवैंधानिक नियम अनुसार न धरातल पर आरक्षण का प्रावधान है और न ही मैरिट है न ही योग्यता, और पारदर्शिता का तो मतलब ही नहीं है। युवाओं को पक्की नौकरी देने की बजाय सरकार खुद ठेकेदार बनकर कच्ची नौकरियां दे रही है। प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनने पर खाली पड़े करीब 2 लाख पदों पर पक्की भर्ती कर युवाओं को रोजगार दिया जाएगा।

उन्होंने कहा कि हरियाणा में थोथे प्रचार, झूठे समाचार और बेलगाम भ्रष्टाचार वाली सरकार चल रही है। थोथे प्रचार के लिए सरकारी मशीनरी का दुरुपयोग किया जा रहा है, जिसका ताजा उदाहरण विकसित भारत संकल्प यात्रा है। अपने राजनीतिक एजेंडा के लिए बीजेपी-जेजेपी स्कूली बच्चों और सरकारी कर्मचारियों का इस्तेमाल कर रही है। अध्यापकों समेत अलग-अलग विभागों के कर्मचारियों को उनका काम छुड़वाकर राजनीतिक प्रचार में झोंक दिया गया है। जबकि प्रदेश सरकार के पास गिनवाने के लिए एक भी उपलब्धि नहीं है। अखबारों में बड़े-बड़े विज्ञापन देकर सरकार जनता को बरगलाने की कोशिश कर रही है। लेकिन सरकार की सच्चाई खुद सरकारी आंकड़ों में देखी जा सकती है।

 हुड्डा ने एनसीआरबी द्वारा जारी 2022 के ताजा आंकड़ों का हवाला देते हुए कहा कि बीजेपी-जेजेपी राज में बेटियां सुरक्षित नहीं हैं। सिर्फ एक साल के भीतर महिलाओं के विरूद्ध अपराध के 16,743 मामले यानी रोज़ 46 मामले सामने आए हैं। एक साल में बलात्कार के 1,787 केस यानी रोज़ 5 बेटियों की अस्मत लूटने के मामले सामने आए। 2022 में ही प्रदेश से 2640 बच्चे लापता हो गए, जिनमें 1124 लड़के और 1516 लड़कियां हैं। जींद के बाद अब कैथल जिले में बच्चियों के साथ यौन शोषण का मामला सामने आया। कांग्रेस ने ऐसे तमाम मामलों की उच्च स्तरीय जांच करवाने की मांग उठाई है। साथ ही सुझाव दिया है कि स्कूलों में कंप्लेन बॉक्स होना चाहिए, जिसमें कोई भी अपनी शिकायत लिखकर डाल सके। लेकिन ऐसा लगता है कि सरकार बेटियों की सुरक्षा को लेकर गंभीर नहीं है। 'बेटी बचाओ' का नारा देने वाली सरकार बेटियों को बचाने में नाकाम साबित हुई है। 

 

हुड्डा ने कहा कि गठबंधन सरकार ने हरियाणा को शराब, चिट्टा, हीरोइन, स्मैक और सिंथेटिक नशे का अड्डा बना दिया है। 2022 में नशाखोरी के चलते हरियाणा में 73 लोगों ने आत्महत्या कर ली। जबकि पंजाब में यह आंकड़ा 54 और हिमाचल प्रदेश में 26 था। यानी दोनों पड़ोसी राज्यों के बराबर नशे की वजह से हरियाणा के लोग अपनी जान दे रहे हैं। कुल आत्महत्याओं की बात की जाए तो 2022 में हरियाणा में 3,783 आत्महत्याएं हुईं। आत्महत्या करने वाले 61 प्रतिशत लोग गरीब थे, जिनकी सालाना आय 1 लाख से कम थी। रिपोर्ट बताती है कि प्रदेश में रोज 3 हत्याएं होती हैं। 2022 में 1020 लोगों की हत्या कर दी गई। दिन-दिहाड़े वारदातों के मामले में हरियाणा ने यूपी-बिहार को भी पीछे छोड़ दिया है। महाराष्ट्र के बाद ऐसी वारदातों में दूसरा नंबर हरियाणा का आता है।

 

ज़हरीली शराब से मौतों का सिलसिला रुकने का नाम नहीं ले रहा है। 3 साल के भीतर हरियाणा में सोनीपत, पानीपत, अंबाला और यमुनानगर जैसे कांड हुए हैं जिनमें ज़हरीली शराब से दर्जनों लोगों की मौत हुई। सरकारी संरक्षण के बिना यह संभव नहीं है। बड़ी-बड़ी घटनाओं के बावजूद सरकार ने किसी बड़े नशा कारोबारी पर कार्रवाई नहीं की। 

 


   

Related Story

Trending Topics

IPL
Lucknow Super Giants

Royal Challengers Bengaluru

Teams will be announced at the toss

img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!