Edited By Isha, Updated: 07 Jul, 2023 09:09 AM

विदेश जाकर पढ़ने और विदेश जाकर लाखों डालर कमाने का क्रेज आज बहुत से भारतीय लोगों तथा विशेषकर युवाओं में है। बीते वर्षों में सही तरीके से हरियाणा, पंजाब एवं भारत के अन्य राज्यों से आए लोगों ने अमेरिका, कनाड़ा व आस्ट्रेलिया इत्यादि देशों में अपने
वाशिंगटन(नरेंद्र जोशी): विदेश जाकर पढ़ने और विदेश जाकर लाखों डालर कमाने का क्रेज आज बहुत से भारतीय लोगों तथा विशेषकर युवाओं में है। बीते वर्षों में सही तरीके से हरियाणा, पंजाब एवं भारत के अन्य राज्यों से आए लोगों ने अमेरिका, कनाड़ा व आस्ट्रेलिया इत्यादि देशों में अपने आप को स्थापित ही नहीं किया बल्कि विशेष जगह भी बनाई है। परन्तु जो घटनाएं प्रकाश में आ रही हैं उनके आंकड़ों के अनुसार भारत में विशेषकर गांवों से लाखों लोग अपने घरों तथा जमीनों को बेचकर अवैध एजेंटों के चंगुल में फंसकर डंकी एवं जंगल के रास्तों से अमेरिका, कनाड़ा व आस्ट्रेलिया पहुंच रहे हैं। कई भारतीय लोग तो गैर-कानूनी यात्रा के शिकार ही नहीं हो रहे हैं बल्कि अपने जीवन को गंवाने का भी काम करते हैं।
इंडियन नैशनल लोकदल के प्रमुख नेता अभय चौटाला ने भी अवैध डंकी एवं जंगल के रास्तों से अमेरिका पहुंचने वाले युवाओं तथा लोगों पर चिंता व्यक्त की है। उन्होंने कहा कि जानकारी मिलती है कि बीते समय में गैरकानूनी तरीके से विदेश जाने वाले भारतीयों की संख्या बढ़ी है। अमेरिका में भी गैरकानूनी तरीके से आने वाले युवाओं की स्थिति चिंताजनक है। भारत सरकार एवं राज्य सरकारों इन्हें रोकने के लिए प्रभावी कदम उठाने चाहिये। चौटाला ने आंकड़ों का हवाला देते हुए कहा कि अगर इसी तेजी से विशेषकर हरियाणा से युवा जमीनें बेचकर अवैध एजेंटों के चंगुल में फंसकर विदेश जाते रहे तो राज्य के गांवों में केवल बूढ़े लोग रह जायेंगे तो खेती कौन करेगा। इससे से हरियाणा की खेती तथा अर्थव्यवस्था को भी खतरा है। यह बहुत ही चिंताजनक विषय है।
हरियाणा के नरवाना के छोटे से गांव से आकर अमेरिका में आकर बसे डा. सुरेश गुप्ता जिन्हें हाल ही में अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन से प्रेसिडेंटस लाइफ टाइम अचीवमेंट अवार्ड हासिल करने का गौरव मिला है। उन्होंने भी अवैध तरीके से अमेरिका सहित कनाड़ा, आस्ट्रेलिया एवं अन्य देशों में आने वाले भारतीय युवाओं की स्थिति पर चिंता व्यक्त की है। डा. गुप्ता ने कहा कि उन्होंने अमेरिका में देखा है कि अपने परिवार की संपत्ति एवं जीवन भर की पूंजी बर्बाद कर अवैध तरीके बड़ी मुश्किल से जीवन को दांव पर लगाकर पहुंचे लोगों की हालत ठीक नहीं है। इनके पास न रोजगार है और न ही खाने को भोजन है।
ऐसे लोगों की संख्या बहुत अधिक है। भारत सरकार को इन पर अंकुश लगाने के लिए प्रभावी कदम उठाने चाहिएं।
जानकारों के अनुसार बहुत सारे युवा 12वीं पास होने के बाद स्टडी वीजा के लिए आवेदन करते समय एजेंट या परामर्श एजेंसी से संपर्क करते हैं। ऐसे युवा एजेंट के माध्यम से विदेश तो पहुंच जाते है लेकिन यात्रा के बाद आमतौर पर एजेंट अथवा परामर्श एजेंसी अपनी जिम्मेदारियों से मुक्त हो जाते हैं। युवा विद्यार्थी जिस देश में गये हैं अगर वहां के कानून के मुताबिक उनके स्टडी वीजा में कोई कमी पाई जाती है या दस्तावेज पूरे नहीं होते तो उन्हें अवैध मान लिया जाता है। यहीं पर वे डंकी रूट के शिकार हो जाते हैं। डा. गुप्ता के अनुसार सरकार को युवाओं के जीवन और भविष्य को देखते हुए प्रभावी कदम उठाने चाहिए।