Corona Lockdown: किसानों तक रेल, सड़क मार्ग से पहुंचेगी खाद

Edited By vinod kumar, Updated: 28 Mar, 2020 04:14 PM

compost will reach the farmers by rail road

हरियाणा में कोरोना से जारी जंग के बीच किसान सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता में शामिल हैं। खरीफ फसलों की बुआई के लिए किसानों को खाद की किल्लत नहीं होने दी जाएगी। बंद के दौरान सरकार ने रेल, सड़क मार्ग के जरिये पूरे प्रदेश में किसानों को खाद पहुंचाने का...

चंडीगढ़: हरियाणा में कोरोना से जारी जंग के बीच किसान सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता में शामिल हैं। खरीफ फसलों की बुआई के लिए किसानों को खाद की किल्लत नहीं होने दी जाएगी। बंद के दौरान सरकार ने रेल, सड़क मार्ग के जरिये पूरे प्रदेश में किसानों को खाद पहुंचाने का निर्णय लिया है। कीटनाशक भी किसानों को मुहैया कराए जाएंगे।

खाद का पर्याप्त मात्रा में उत्पादन नेशनल फर्टिलाइजर लिमिटेड पानीपत करेगी। अतिरिक्त मुख्य सचिव कृषि संजीव कौशल ने इस संबंध में निर्देश जारी कर दिए हैं। उन्होंने खाद वितरण के लिए समुचित प्रबंध करने के लिए सभी डीसी को पत्र लिखा है। एनएफएल पानीपत को खाद उत्पादन करने के साथ ही वितरण के लिए जिला प्रशासन के साथ समन्वय भी स्थापित करना होगा।

खाद की किल्लत न हो और किसान हाहाकार न मचाएं इसलिए सरकारी, सहकारी व अन्य बिक्री केंद्रों को सुबह 10 बजे से एक बजे तक खोला जाएगा। किसानों की मांग ज्यादा होने पर जरूरत अनुसार रोस्टर तैयार कर निजी दुकानें भी खाद बिक्री के लिए अधिकृत की जाएंगी।

केंद्र सरकार ने बीज व कीटनाशकों को तो लॉकडाउन में छूट दे दी थी, लेकिन खाद को उसमें शामिल नहीं किया था। हरियाणा सरकार ने इसे आवश्यक सेवाओं में शामिल करते हुए उत्पादन व आपूर्ति सुनिश्चित करने का निर्णय लिया है। चूंकि, हरियाणा में खाद की मांग लाखों टन में रहती है। मनोहर सरकार के पहले कार्यकाल के शुरुआती समय में खाद किल्लत के कारण थानों तक में बिक चुकी है। स्टॉक कम होने के कारण बिक्री केंद्रों पर मारपीट के कई मामले सामने आए थे। सरकार नहीं चाहती कि कोरोना महामारी के समय पुराना इतिहास दोहराया जाए।

अतिरिक्त मुख्य सचिव ने निर्देश दिए हैं कि खाद की आपूर्ति निर्बाध तरीके से किसानों को की जाए। कहीं पर खाद आपूर्ति करने वाले वाहनों को न रोका जाए। बाहर से भी खाद ली जाए, क्योंकि एनएफएल अकेले मांग को पूरा नहीं कर सकता। केंद्र सरकार से भी मांग की गई है कि हरियाणा को उसके हिस्से की खाद बीते सालों की मांग अनुसार उपलब्ध कराई जाए।

सरकार फसलों की कटाई औऱ खरीफ फसलों की बुआई के लिए किसानों को घर से बाहर निकलने देगी। 14 अप्रैल के बाद किसानों को खेत में जाने की छूट होगी। कंबाइन के अलावा मजदूरों की व्यवस्था करने पर भी काम चल रहा है। गेहूं की फसल मौसम के खराब रहने के कारण अभी तक पक नहीं पाई है।

सरकारी, एडिड कॉलेजों का तकनीकी स्टाफ तीन महीने के लिए अनुबंधित
हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कोविड-19 महामारी के मद्देनजर प्रदेश के सरकारी व सरकारी सहायता प्राप्त मेडिकल कॉलेजों के तकनीकी कर्मचारियों (डॉक्टर और प्रशिक्षित कर्मियों)  को कम से कम तीन महीने की अवधि के लिए अनुबंध आधार पर नियुक्ति के लिए स्वीकृति प्रदान कर दी है। 

पीजीआईएमएस- रोहतक, भगत फूल सिंह मेडिकल कॉलेज (महिला), खानपुर कलां, शहीद हसन खान मेवाती सरकारी मेडिकल कॉलेज- नलहड़, कल्पना चावला गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज, करनाल और महाराजा अग्रसेन मेडिकल कॉलेज- अग्रोहा में नई प्रयोगशालाएं शुरू करने का निर्णय लिया है। सीएम ने बताया कि इन प्रयोगशालाओं को 24 घंटे चलाने के लिए साइंटिस्ट (मेडिकल), रिसर्च साइंटिस्ट (नॉन-मेडिकल), रिसर्च असिस्टेंट, लैब टेक्नीशियन, डाटा  एंट्री ऑपरेटर और मल्टी टास्क वर्कर की नियुक्ति के लिए मंजूरी प्रदान कर दी है।

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