SC/ST एक्ट मामलों को लेकर सीएम गंभीर, 4 जिलों में बनेंगी विशेष अदालतें

Edited By Rakhi Yadav, Updated: 05 Dec, 2018 09:29 AM

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मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति (अत्याचार रोकथाम) अधिनियम के तहत दर्ज मामलों के निपटान के लिए विशेष अदालतों की स्थापना से संबंधित मामले पर प्राथमिकता के आधार पर....

चंडीगढ़(बंसल): मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति (अत्याचार रोकथाम) अधिनियम के तहत दर्ज मामलों के निपटान के लिए विशेष अदालतों की स्थापना से संबंधित मामले पर प्राथमिकता के आधार पर कार्य करने के निर्देश दिए हैं। शुरूआत में न्यायालय उन 4 जिलों में स्थापित किए जाएंगे जहां लंबित मामलों की संख्या अपेक्षाकृत अधिक है। वह अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति (अत्याचार रोकथाम) नियम, 1995 के प्रावधान के तहत प्रगति की समीक्षा के लिए राज्यस्तरीय सतर्कता एवं निगरानी समिति की बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे। 

आवास एवं जेल मंत्री कृष्ण लाल पंवार और अनुसूचित जाति एवं पिछड़ा वर्ग कल्याण राज्य मंत्री कृष्ण कुमार बेदी भी बैठक में उपस्थित थे। बैठक में बताया गया कि हाईकोर्ट ने पहले ही अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति विरुद्ध अत्याचार मामलों के निपटान के लिए हर जिले में अतिरिक्त जिला न्यायाधीश-1 की विशेष कोर्ट के रूप में अधिसूचित कर दिया गया है। हालांकि, विशेष अदालतों की स्थापना का मामला विचाराधीन है। अधिनियम के तहत अदालतों की ओर से मामलों का निपटान 2 माह की अवधि के भीतर करना जरूरी है। जिन जिलों में बलात्कार, छेड़छाड़ और मानसिक उत्पीडऩ के 50 या अधिक मामले कोर्ट में लंबित हैं, उनमें 6 फास्ट ट्रैक कोर्ट स्थापित करने संबंधी बताया कि यह मामला पहले ही हाईकोर्ट में उठाया जा चुका है। 

राज्य सरकार ने फास्ट ट्रैक कोर्टों के लिए पहले ही जरूरी सहायक स्टाफ की स्वीकृति दे दी है और इन्हें जल्द स्थापित कर दिया जाएगा। यह भी निर्णय लिया कि सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग जहां अनुसूचित जातियों से संबंधित लोगों के विरुद्ध अपराध के कारणों का पता लगाने के लिए सामाजिक पहलुओं का अध्ययन किया जाएगा। वहीं, पुलिस विशेष रूप से हिसार, भिवानी, कैथल और रेवाड़ी में हत्या, हत्या के प्रयास और चोट पहुंचाने के मामलों में वास्तविक मकसद का विश्लेषण करेगी। बैठक में यह भी निर्णय लिया गया कि सेप्टिक टैंक की सीवरेज लाइनों की सफाई दौरान मृत्यु के मामलों को रोकने के लिए, सीवरमैन को स्किलिंग से जोड़ा जाएगा। राज्य सरकार ने सभी पंजीकृत सीवरेज मैन और खतरनाक एवं जोखिम भरे कार्य करने वाले कर्मचारियों को 10 लाख रुपए का बीमा कवरेज भी प्रदान करने का निर्णय लिया है। 

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