Edited By Yakeen Kumar, Updated: 04 Jul, 2025 04:53 PM

भिवानी शहर के बीच करोड़ों की जमीन के फर्जी दस्तावेज तैयार करने के मामले में रजिस्ट्री क्लर्क विकास व ओमबीर नंबरदार को तीन साल बाद एंटी करप्शन ब्यूरो ने पकड़ने में सफलता हासिल की है।
भिवानी (अशोक भारद्वाज) : भिवानी शहर के बीच करोड़ों की जमीन के फर्जी दस्तावेज तैयार करने के मामले में रजिस्ट्री क्लर्क विकास व ओमबीर नंबरदार को तीन साल बाद एंटी करप्शन ब्यूरो ने पकड़ने में सफलता हासिल की है। आज इन्हें न्यायालय में पेश किया गया है। करोड़ों की इस जमीन मामले में तहसीलदार सहित 8 लोगों को पकड़ा जा चुका है। वर्ष 2022 में भिवानी के बैपटिस्ट चर्च की 12 कनाल, 11 मरले जमीन फर्जी दस्तावेज तैयार कर जमीन को बेचने का कार्य किया गया था। जिसकी शिकायत दिल्ली निवासी सुमित द्वारा किए जाने के बाद यह मामला संज्ञान में आया। क्योंकि सुमित के पास इस जमीन की पॉवर ऑफ एटर्नी थी।
एंटी करप्शन ब्यूरो के इंस्पेक्टर कुलवंत ने इस मामले की जानकारी देते हुए बताया कि रजिस्ट्री क्लर्क विकास व ओमबीर नंबरदार को वर्ष 2012 के एक जमीन हस्तांतरण के मामले में गिरफ्तार किया है। ये पिछले तीन साल से फरार चल रहे थे। विकास ने फर्जी दस्तावेज को बगैर चैक किए कंप्यूटर में फीड करवाया था तो ओमबीर नंबरदार ने जमीन के क्रेता व विक्रेता को बगैर जान-पहचान के साईन किए थे। इस मामले में तत्कालीन तहसीलदार को पहले ही गिरफ्तार किया जा चुका था। इनको अब गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश किया गया। इस मामले में कुल 8 लोगों को पहले ही गिरफ्तार किया जा चुका है।
गौरतलब है कि बैपटिस्ट चर्च की 12 कैनाल, 11 मरले जमीन के इस घोटाले की आंच तत्कालीक उच्च अधिकारियों पर भी गई थी। अधिकत्तर उच्च अधिकारी इस मामले में बच निकले, लेकिन एक तहसीलदार को जरूर गिरफ्त में लिया गया तथा निचले स्तर के कुल 9 अधिकारी व कर्मचारी इस मामले में अब तक गिरफ्तार हो चुके है।
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