Edited By Manisha rana, Updated: 20 Dec, 2024 04:17 PM
हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री और इनोलो के सुप्रीमो ओमप्रकाश चौटाला का आज निधन हो गया है। डॉक्टरों ने उनकी मौत की वजह कार्डियक अरेस्ट बताई है। ओपी चौटाला ने 89 साल में गुरुग्राम के मेदांता अस्पताल में अंतिम सांस ली।
हरियाणा डेस्क : हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री और इनोलो के सुप्रीमो ओमप्रकाश चौटाला का आज निधन हो गया है। डॉक्टरों ने उनकी मौत की वजह कार्डियक अरेस्ट बताई है। ओपी चौटाला ने 89 साल में गुरुग्राम के मेदांता अस्पताल में अंतिम सांस ली। ओमप्रकाश चौटाला को कल सुबह 8 से 2 बजे तक तेजा खेड़ा फार्म पर उनका पार्थिव शरीर अंतिम दर्शन के लिए रखा जाएगा। दोपहर 3 बजे उनको मुखाग्नि दी जाएगी। चौटाला परिवार को हरियाणा की राजनीति में बड़ा कुनबा माना जाता है।
चौधरी देवीलाल के बिना हरियाणा की राजनीति पर चर्चा अधूरी
हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री ओमप्रकाश चौटाला ने शुक्रवार को 89 साल की उम्र में अंतिम ली। डॉक्टरों ने उनकी मौत की वजह कार्डियक अरेस्ट बताई है। हरियाणा की राजनीति में चौटाला परिवार सबसे बड़ा कुनबा माना जाता है। चौटाला परिवार की राजनीति में शुरुआत चौधरी देवीलाल से होती है। यह वो नाम जिसके बिना हरियाणा की राजनीति पर चर्चा अधूरी है। सिरसा के गांव तेजा खेड़ा में 25 सितंबर 1914 को जन्मे चौधरी देवीलाल का हरियाणा की सियासत में ऊंचा स्थान रहा है। देवीलाल के विचारों की बदौलत ही उनकी चौथी पीढ़ी राजनीति के मैदान में पैर जमाए है। देवीलाल के चार बेटे हुए। ओम प्रकाश चौटाला, रणजीत सिंह, प्रताप सिंह और जगदीश सिंह।
ओमप्रकाश चौटाला
देवीलाल के सबसे बड़े बेटे और पांच बार हरियाणा के मुख्यमंत्री रहे ओमप्रकाश चौटाला की राजनीतिक यात्रा व व्याक्तिगत जीवन काफी सुर्खियों में रहा है। 89 साल की उम्र में भी इंडियन नेशनल लोकदल को राज्य में दोबारा खड़ा करने में ओमप्रकाश चौटाला लगे रहे। देवीलाल ने अपनी राजनीतिक विरासत ओमप्रकाश चौटाला को ही सौंपी।
रणजीत सिंह चौटाला
देवीलाल के दूसरे बेटे रणजीत सिंह चौटाला ने ओमप्रकाश चौटाला से दूरी बनाकर रखी। कभी उन्हें देवीलाल की विरासत का सियासी उत्तराधिकारी माना जाता था, मगर देवीलाल ने ओम प्रकाश चौटाला को चुना। इसके बाद रणजीत चौटाला ने लोकदल से किनारा कर लिया और कांग्रेस में शामिल हो गए। सिरसा का रनिया विधानसभा क्षेत्र उनकी कर्मभूमि बनी। वह दो बार यहां से चुनाव भी हारे। 2019 में उन्होंने निर्दलीय चुनाव लड़ा। जीत हासिल करने के बाद मनोहर सरकार को समर्थन देकर मंत्री पद हासिल किया। रणजीत सिंह के दो बेटे गगनदीप और दिवंगत संदीप सिंह हुए। गगनदीप फिलहाल राजनीति में नहीं हैं।
अजय सिंह चौटाला
ओम प्रकाश चौटाला के बड़े बेटे हैं अजय चौटाला। वर्तमान में वह जनता जननायक पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं और राज्य के पूर्व डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला के पिता। वह राजस्थान की दातारामगढ़ और नोहर विधानसभा क्षेत्र से विधायक रहे हैं। 1999 में भिवानी लोकसभा से सांसद बने। इसके बाद वे 2004 में हरियाणा से राज्यसभा के सांसद बने। इसके बाद वे 2009 में डबवाली से विधायक बने। जेबीटी घोटाले में ओमप्रकाश चौटाला के साथ उन्हें भी 10 साल की कैद हुई थी। अजय चौटाला की खेल प्रबंधक के तौर पर भी गिनती होती है। वह भारतीय टेबल टेनिस फेडरेशन के अध्यक्ष भी रह चुके हैं। अजय चौटाला 10 साल की सजा पूरी कर जेल से बाहर आ चुके हैं। वहीं अजय चौटाला के जेल में जाने के बाद उनकी पत्नी नैना चौटाला ने राजनीतिक में कदम रखा।
दुष्यंत चौटाला
अजय चौटाला के जेल जाने के बाद उनके बड़े बेटे दुष्यंत पिता की विरासत संभाली। 2014 में उन्होंने हिसार लोकसभा सीट से चुनाव लड़ा और पीएम मोदी के लहर के बावजूद सबसे कम उम्र के सांसद बने। 2018 में इनेलो से अलग होकर उन्होंने जनता जननायक पार्टी बनाई और 2019 में चुनी गई सरकार के किंग मेकर बने। मात्र 31 साल की उम्र में वह हरियाणा के डिप्टी सीएम बने।
दिग्विजय चौटाला
दुष्यंत के छोटे भाई दिग्विजय चौटाला भी राजनीति में सक्रिय हैं। इनेलो से निकल जाने से पहले वह पार्टी की युवा विंग के अध्यक्ष थे। दिग्विजय वर्तमान में जननायक जनता पार्टी के महासचिव हैं। इसके अलावा वह छात्र संगठन इनसो के राष्ट्रीय अध्यक्ष भी हैं।
अभय सिंह चौटाला
ओम प्रकाश चौटाला ने अपनी राजनीतिक विरासत छोटे बेटे अभय सिंह चौटाला को सौंपी है। वह इनेलो के राष्ट्रीय महासचिव हैं। उन्होंने अपनी सियासी करियर की शुरुआत चौटाला गांव से की और उप सरपंच का चुनाव जीता। 2000 में वह सिरसा की रोड़ी सीट से विधायक चुने गए। 2005 में सिरसा जिला पंचायत के अध्यक्ष रहे। 2009, 2014 और 2021 में विधायक चुने गए। अभय हरियाणा ओलंपिक एसोसिएशन, स्टेट वॉलीबॉल और मुक्केबाजी संघ के अध्यक्ष रह चुके हैं। वहीं अभय चौटाला की पत्नी कांता चौटाला भी राजनीति में उतर आई हैं।
कर्ण चौटाला
अभय और कांता चौटाला के बड़े बेटे हैं कर्ण चौटाला। वह इनेलो पार्टी में युवा चेहरे के तौर पर जाने जाते हैं। पिता की पदयात्रा में उनकी भूमिका काफी सक्रिय रही थी। 2016 के जिला पंचायत चुनाव में कर्ण ने सिरसा से जीत हासिल की। 2022 में सिरसा जिला परिषद के वह चेयरमैन बने। अभय के छोटे बेटे अर्जुन चौटाला भी बड़े भाई की तरह पार्टी संगठन में सक्रिय हैं। वह इनेलो की यूथ विंग के अध्यक्ष हैं। कुरुक्षेत्र से 2019 के लोकसभा चुनाव में अर्जुन चौटाला उतरे, मगर वह तीसरे नंबर पर रहे। वे रानियां से विधायक हैं।