Edited By Manisha rana, Updated: 18 Nov, 2024 12:09 PM
हरियाणा सरकार द्वारा प्रदेश की कानून व्यवस्था को सुचारू बनाए रखने के लिए बनाए गए 2 बिलों को केंद्र ने सुझावों के साथ वापस लौटा दिया है।
चंडीगढ़ : हरियाणा सरकार द्वारा प्रदेश की कानून व्यवस्था को सुचारू बनाए रखने के लिए बनाए गए 2 बिलों को केंद्र ने सुझावों के साथ वापस लौटा दिया है। राष्ट्रपति के पास भेजने से पहले ही केंद्र ने कानून में संशोधन का सुझाव देते हुए वापस लौटा दिए। हरियाणा सरकार इन दोनों कानूनों को सत्र में वापस लेगी। इन कानूनों में हरियाणा संगठित अपराध नियंत्रण विधेयक 2023 जिसमें राज्य में होने वाले संगठित अपराधों पर अंकुश लगाने के कड़े प्रावधान किए गए थे। दूसरा कानून हरियाणा ऑनरवल डिस्पोजल ऑफ डैडबाडी बिल 2024 है जिसमें किसी भी शव क साथ प्रदर्शन, धरना या रोड जाम करने पर 6 माह से 5 साल तक कैद व 1 लाख रुपए जुर्माने का प्रावधान किया गया है।
हरियाणा संगठित अपराध नियंत्रण विधेयक 2023 जब पास हुआ था। तब मनोहर लाल राज्य के मुख्यमंत्री थे। इस बिल के पेश होने दौरान इतना हंगामा हुआ था कि सदन की कार्रवाई 15 मिनट के लिए स्थगित कर दी गई थी। तत्कालीन कांग्रेस विधायक शमशेर गोगी द्वारा विधेयक का विरोध करने के बाद मनोहर लाल ने कांग्रेस से पूछा था कि वे लोगों की शांति चाहते हैं या फिर गैंगस्टर्स को अपना समर्थन दे रहे हैं। हरियाणा ऑनरेबल डिस्पोजल आफ डैड बाडी बिल 2024 के समर्थन में हालांकि कई डॉक्टर थे लेकिन कांग्रेस इस बिल के विरोध में थी।
कांग्रेस विधायक आफताब अहमद तथा विधायक बी. बी. बत्तरा भी इस बिल के हक में नहीं थे। कांग्रेस का मानना था कि शव के साथ धरना प्रदर्शन करने वालों को जेल भेजने व जुर्माना लगाने का कानून गलत है। उस समय कांग्रेस ने भाजपा की सहयोगी पार्टी जननायक जनता पार्टी पर भी इस बिल को लाने को लेकर सवाल उठाए थे। कांग्रेस ने तब कहा था कि सरकार नहीं चाहती कि सरकारी तंत्र की वजह से होने वाली मौतों पर मृतक के परिजन न्याय के लिए अपनी आवाज उठा सकें।
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