सीबीआई कोर्ट में हुड्डा के खिलाफ चल रहे दो मामलों में एक साथ हुई सुनवाई

Edited By Shivam, Updated: 18 Sep, 2019 09:23 PM

cbi court holds simultaneously hearing in two ongoing cases against hooda

विशेष सीबीआई कोर्ट में पूर्व मुख्यमंत्री भूपेन्द्र सिंह हुड्डा के खिलाफ चल रहे दो प्रमुख मामलों की सुनवाई बुधवार को एक साथ हुई। इन दो मामलों में एक मानेसर लैंड स्कैम है, जिसको लेकर हुई सुनवाई के दौरान आरोपों पर 5 घंटों तक बहस हुई। वहीं दूसरे मामले...

पंचकूला (उमंग श्योराण): विशेष सीबीआई कोर्ट में पूर्व मुख्यमंत्री भूपेन्द्र सिंह हुड्डा के खिलाफ चल रहे दो प्रमुख मामलों की सुनवाई बुधवार को एक साथ हुई। इन दो मामलों में एक मानेसर लैंड स्कैम है, जिसको लेकर हुई सुनवाई के दौरान आरोपों पर 5 घंटों तक बहस हुई। वहीं दूसरे मामले एजेएल प्लॉट आवंटन मामले में पिछली सुनवाई में बचाव पक्ष द्वारा मामले के मुख्य आरोपी पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हूड्डा की डिस्चार्ज एप्लीकेशन पर सीबीआई ने अपना जवाब दाखिल किया है। सुनवाई के बाद इन दोनों ही मामलों में अगली तारीख क्रमश: 26 सितंबर 22 अक्टूबर निर्धारित की गई है।

मानेसर लैंड स्कैम मामले में हुई सुनवाई के दौरान मुख्य आरोपी व पूर्व मुख्यमंत्री भूपिंदर हुड्डा अन्य सभी 33 आरोपियों के साथ कोर्ट में पेश हुए। सुनवाई के दौरान आरोपियों के आरोपों पर बहस हुई। बता दें कि पिछली सुनवाई के दौरान मामले में पूर्व मुख्यमंत्री भूपेन्द्र सिंह हुड्डा सहित सभी आरोपियों पर आरोपों को लेकर बहस शुरू हो चुकी है। अगली सुनवाई 26 सितम्बर को भी अरोपों पर बहस जारी रहेगी।

गौरतलब है कि इस मामले में पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा सहित 34 आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट फाइल की गई थी। जिसमें हुड्डा के अलावा एमएल तायल, छतर सिंह, एस एस ढिल्लों, पूर्व डीटीपी जसवंत सहित कई बिल्डरों के खिलाफ चार्ज शीट में नाम आया है। मानेसर जमीन घोटाले को लेकर सीबीआई ने हुड्डा सहित 34 के खिलाफ 17 सितंबर 2015 को मामला दर्ज किया था। इस मामले में ईडी ने भी हुड्डा के खिलाफ सीबीआई की एफआईआर को आधार बनाकर सितंबर 2016 में मनी लॉन्ड्रिंग का केस दर्ज किया था। 

वहीं कांग्रेस इस कार्यवाही को सियासी रंजिश का नाम दे रही है। हालांकि मामले में आरोप है कि अगस्‍त 2014 में निजी बिल्डरों ने हरियाणा सरकार के अज्ञात जनसेवकों के साथ मिलीभगत कर गुडग़ांव जिले में मानसेर, नौरंगपुर और लखनौला गांवों के किसानों और भूस्वामियों को अधिग्रहण का भय दिखाकर उनकी करीब 400 एकड़ जमीन औने-पौने दाम पर खरीद ली थी। कांग्रेस की तत्कालीन हुड्डा सरकार के कार्यकाल के दौरान करीब 900 एकड़ जमीन का अधिग्रहण कर उसे बिल्डर्स को औने-पौने दाम पर बेचने का आरोप है।

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वहीं दूसरे मामले एजेएल प्लॉट आवंटन स्कैम में भी आज पंचकूला की विशेष सीबीआई कोर्ट में सुनवाई हुई, इसमें भी पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा हुए सीबीआई कोर्ट में पेश हुए, एजेएल हाउस के चेयरमैन मोती लाल वोहरा सीबीआई कोर्ट में पेश नहीं हुए। दरअसल, बचाव पक्ष द्वारा मामले में आरोपी मोतीलाल वोहरा के उम्र और मेडिकल कारणों के चलते परमानेंट एक्सेम्पशन के लिए याचिका लगाई, जिसे कोर्ट ने मंजूर कर चुकी है।

वहीं आज की सुनवाई बचाव पक्ष द्वारा लगाई गई याचिका पर सीबीआई ने अपना जवाब दाखिल किया है। बचाव पक्ष द्वारा मामले के मुख्य आरोपी पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हूड्डा की डिस्चार्ज एप्लिकेशन लगाई थी। मामले की अगली सुनवाई अब 22 अक्टूबर को होगी। उस दिन भी बचाव पक्ष द्वारा लगाई गई याचिका पर सीबीआई के दायर जवाब पर बहस होगी। उसके बाद ही सीबीआई कोर्ट द्वारा बचाव पक्ष की याचिका पर फैसला सुनाया जाएगा।

बता दें कि पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा तत्कालीन समय में हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण के चेयरमैन थे। वहीं आरोपी मोती लाल वोहरा एजेएएल हाउस के चेयरमैन थे। प्लॉट आवंटन मामले में पंचकूला विशेष सीबीआई कोर्ट में चार्जशीट की स्कू्रटनी हो चुकी है। पिछले 1 दिसंबर को चार्जशीट दाखिल की गई, जिसमें भूपेंद्र सिंह हुड्डा पर आरोप है कि उन्होंने सीएम रहते हुए नेशनल हेराल्ड की सब्सिडी एसोसिएट्स जनरल लिमिटेड (एजेएल) कंपनी को 2005 में 1982 की दरों पर प्लॉट अलॉट करवाया।

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