Edited By Saurabh Pal, Updated: 09 Oct, 2024 03:24 PM
जिस तरह से कयास लगाए जा रहे थे कि हरियाणा में इस बार पूर्ण बहुमत से कांग्रेस की सरकार आ रही है। ठीक उनके विपरीत भारतीय जनता पार्टी ने इतिहास रचते हुए लगातार तीसरीब बार सरकार बनाने का रिकार्ड बना दिया...
पानीपत(सचिन शर्मा): जिस तरह से कयास लगाए जा रहे थे कि हरियाणा में इस बार पूर्ण बहुमत से कांग्रेस की सरकार आ रही है। ठीक उनके विपरीत भारतीय जनता पार्टी ने इतिहास रचते हुए लगातार तीसरीब बार सरकार बनाने का रिकार्ड बना दिया। पानीपत जिले की बात करें तो सभी चारों सीटों पर भाजपा का कमल खिल गया। सबसे महत्वपूर्ण सीट पानीपत ग्रामीण रही, जहां पर दो बार से विधायक और सरकार के साढ़े नौ साल के कार्यकाल बीत जाने के बाद सीएम नायब सिंह सैनी के कार्यकाल में राजमंत्री बनाये जाने वाले महिपाल ढांडा की तीसरी बार जीत भी चौकाने वाली है। ढांडा ने कांग्रेस के उम्मीदवार सचिन कुंडू को 50212 वोटों से करारी मात थमा दी। इसके साथ ही एग्जिट पोल की भी पोल खोलकर रख दी।
पानीपत ग्रामीण में भाजपा की सबसे बड़ी जीत
भारतीय जनता पार्टी के पानीपत ग्रामीण से प्रत्याशी महीपाल ढांडा आज पार्टी में और मजबूत चेहरा बनकर उभरे हैं। उन्होंने अपने निकटतम प्रतिद्वंदी कांग्रेस के सचिन कुंडू को 50212 मतों के भारी अंतर से पराजित कर तीसरी बार ऐतिहासिक जीत दर्ज की। भारतीय जनता पार्टी में मत प्रतिशत में संभवतः यह सबसे बड़ी जीत है। भारतीय जनता पार्टी के बड़े-बड़े नेता जहां 2019 और इस चुनाव में चुनाव हार गए। वहीं महीपाल ढांडा ही एकमात्र जाट नेता हैं जो लगातार तीसरी बार प्रचंड मतों से जीत दर्ज की। अनुमान लगाया जा रहा है कि इस बार महीपाल ढांडा को उपमुख्यमंत्री के पद पर नवाजा जाएगा।
महीपाल ढांडा की बंपर वोटों से जीत
आज चुनाव नतीजे आने के बाद महीपाल ढांडा एक विशाल जुलूस के रूप में एल्डिको स्थित अपने निवास पर पहुंचे। रास्ते में जगह-जगह पर उनका पुष्प वर्षा से स्वागत किया गया। कार्यकर्ता ढोल धमाकों की आवाज पर नाच गा रहे थे। आतिशबाजी की जा रही थी। अपने निवास पर पहुंचने पर महिपाल ढांडा ने उपस्थित समर्थकों को संबोधित करते हुए कहा कि मेरी यह प्रचंड जीत कार्यकर्ताओं की अथक मेहनत का परिणाम है। भारतीय जनता पार्टी का कार्यकर्ता कभी भी विश्राम नहीं करता, वह हिंदुस्तान को परम वैभव पर पहुंचाने के लिए हमेशा परिश्रम करता रहता है। आज मैं इन देव तुल्य कार्यकर्ताओं को नमन करता हूं और विश्वास दिलाता हूं की तीसरी बार चुने जाने पर हम सब मिलकर प्रदेश में विकास की एक नई गाथा लिखेंगे। उन्होंने पानीपत की जनता के साथ साथ प्रदेश में भाजपा को बहुमत देने के लिए प्रदेश की जनता का आभार व्यक्त किया।
मनमोहन भड़ाना ने किया आश्चर्यचकित
वहीं समालखा विधानसभा की बात की जाए तो समालखा में भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशी मनमोहन भड़ाना ने पहली बार बीजेपी की सीट इस हल्के से जीती है। मनमोहन भड़ाना ने 19300 वोटों के अंतर से कांग्रेस के दिग्गज और मौजूदा विधायक धर्म सिंह छोक्कर को पटखनी देकर सबको आश्चर्यचकित कर दिया। मनमोहन भड़ाना पूर्व सहकारिता मंत्री करतार सिंह भड़ाना के सुपुत्र हैं और एक ओजस्वी वक्ता भी हैं। इसके साथ ही वे एक बहुत ही सरल स्वभाव व्यक्तित्व के धनी हैं। कार्यकर्ताओं के साथ ही उनकी धर्मपत्नी परमजीत भड़ाना और उनके पिता करतार सिंह भड़ाना ने भी सभी गांवों और हल्कों के शहरी क्षेत्रों में जाकर लोगों से विनम्र स्वभाव से वोट की अपील की थी। जिसका आज उन्हें ये बड़ा फायदा मिला है। वहीं दूसरी और कांग्रेस के विधायक रह चुके कांग्रेसी दिग्गज धर्म सिंह छोक्कर पर जमीन के मामलों में ईडी की कार्रवाई का असर भी देखने को मिला है।
प्रमोद विज को साफ छवि ने बचा लिया
अब बात करें तो पानीपत शहरी सीट की तो वर्तमान में विधायक रह चुके प्रमोद विज हल्के में साफ छवि के लिए जाने जाते हैं और शहरी क्षेत्र में काफी विकास कार्यों को अंजाम दिलवाने में बाखूबी सफल भी रहे हैं। शहर को दो भागों में बांटने वाली रेलवे लाइन पर 4 अंडर पास बनवाकर वे लोगों के दिलों में जगह बनवा चुके थे। इसके अलावा भी बीजेपी की सरकार रहते हुए वे शहर में बड़ा नागरिक अस्पताल, डाहर शुगर मिल, शिवाजी स्टेडियम के रखरखाव को बेहतर करना और केंद्र की योजनाओं को लागू करवाने में वे लगभग कामयाब रहे हैं। प्रमोद विज अच्छे भले व्यापारी हैं और उन्हें किसी प्रकार की बेमानी की जरूरत नहीं, शायद जनता ने दूसरी बार उन्हें ही चुनने मन बनाया था।
इसराना में रोमांचक जीत
बड़ी ही रोमांचक स्थिति रही इस विधानसभा की तो एक तरफ तो राज्यसभा सांसद और 5 बार विधयाक रह चुके कृष्णलाल पंवार मैदान में थे। वहीं दूसरी तरफ भूपेंदर सिंह हुड्डा के करीबी कहे जाने वाले बलबीर बाल्मीकि थे। यहां ने एंटी एनकंबेसी काम आई ना ही कांग्रेस का घोषणा पत्र कांग्रेस को इस सीट से भी हाथ धोना पड़ गया।
अब हार के बाद तो कोई एवीएम में छेड़छाड़ की बात बोल रहे हैं तो कोई कुछ दूसरे आरोप लगा रहे हैं, लेकिन बीजेपी ने चुनाव प्रचार में अपने विकास कार्यों को लेकर उतरी और अगले पांच सालों में किये जाने वाले विकास के मुद्दों पर जनता को समझाने में पूरी तरह कारगर साबित हुई।