Edited By Gourav Chouhan, Updated: 16 Nov, 2022 06:30 PM
भजनलाल परिवार की तीसरी पीढ़ी के रूप में आदमपुर से विधायक बनने पर भव्य ने अपने पिता के बड़े भाई से आशीर्वाद लिया।
चंडीगढ़(चंद्रशेखर धरणी): आदमपुर उपचुनाव में जीत दर्ज करने के बाद भव्य बिश्नोई ने बुधवार को विधायक पद की शपथ ली। इसके बाद उन्होंने अपने ताऊ चंद्रमोहन के चंडीगढ़ स्थित आवास पर पहुंचकर उनसे मुलाकात की। भजनलाल परिवार की तीसरी पीढ़ी के रूप में आदमपुर से विधायक बनने पर भव्य ने अपने पिता के बड़े भाई से आशीर्वाद लिया। बता दें कि चंद्रमोहन इस समय कांग्रेस में हैं। आदमपुर में कांग्रेस प्रत्याशी जयप्रकाश के लिए स्टार प्रचारकों की लिस्ट में नाम होने के बावजूद भी चंद्रमोहन चुनाव प्रचार करने नहीं पहुंचे थे।
स्टार प्रचारक होने के बावजूद आदमपुर में प्रचार से दूर रहे थे चंद्रमोहन
कांग्रेस ने आदमपुर ने भव्य बिश्नोई के खिलाफ चुनाव प्रचार करने के लिए जारी की गई लिस्ट में चंद्रमोहन का भी नाम शामिल किया था। पार्टी द्वारा जारी की गई 39 स्टार प्रचारकों की लिस्ट में भजनलाल के बड़े बेटे चंद्रमोहन का नाम शामिल कर कांग्रेस ने भव्य के सामने उन्ही के ताऊ को चुनाव प्रचार में उतारने की कोशिश की थी। माना जा रहा था कि कांग्रेस प्रत्याशी जयप्रकाश के लिए चुनाव प्रचार करते समय चंद्रमोहन अपने सगे भतीजे भव्य की मुश्किलें बढ़ा सकते हैं। हालांकि चंद्रमोहन ने पारिवारिक संबंधों को खराब होने से बचाने के लिए आदमपुर में चुनाव प्रचार से दूरी बनाकर रखी। यही नहीं कुलदीप बिश्नोई ने एक बार बयान भी दिया था कि हम दोनों भाई हैं। हमारे बीच एक दूसरे के हलके में जाकर चुनाव नहीं लड़ने और एक दूसरे के खिलाफ चुनाव प्रचार न करने की डील है।
हजकां बनने पर भी नहीं छोड़ा था कांग्रेस का साथ
चौधरी भजनलाल के बड़े बेटे चंद्रमोहन बिश्नोई 2005 में भूपेंद्र सिंह हुड्डा की अगुवाई में बनी हरियाणा सरकार में डिप्टी सीएम रह चुके हैं। चंद्रमोहन 1993 से 2005 तक कालका विधानसभा सीट से 4 बार विधायक रहे हैं। अनुराधा बाली उर्फ फिजा के साथ धर्म परिवर्तन कर शादी करने के बाद चंद्रमोहन को उपमुख्यमंत्री का पद गंवाना पड़ा था। बता दें कि 2005 के विधानसभा चुनावों में हरियाणा में कांग्रेस की सरकार बनने पर भजनलाल की जगह भूपेंद्र सिंह हुड्डा को मुख्यमंत्री बना दिया गया था। हालांकि भजनलाल की नाराजगी को दूर करने के लिए उनके बेटे चंद्रमोहन को हुड्डा सरकार में डिप्टी सीएम बनाया गया। 2007 में जब भजनलाल ने छोटे बेटे कुलदीप बिश्नोई के साथ कांग्रेस का साथ छोड़कर हजकां का गठन किया तो चंद्रमोहन ने कांग्रेस में ही रहने का फैसला किया था। बाद में उन्होंने भी कांग्रेस छोड़कर हजकां का दामन थाम लिया था। साल 2016 में जब कांग्रेस का हजकां में विलय हुआ तब कुलदीप के साथ चंद्रमोहन भी कांग्रेस में वापस आ गए थे। वर्ष 2019 में उन्होंने पंचकूला विधानसभा सीट से चुनाव भी लड़ा, लेकिन हार गए। कुलदीप बिश्नोई के भाजपा में शामिल होने के बावजूद भी चंद्रमोहन कांग्रेस में टिके हुए हैं।
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