Edited By Isha, Updated: 03 Aug, 2024 02:50 PM
हरियाणा के भिवानी के बंधन बैंक के रिकवरी अधिकारी और कर्मचारी ने मिलीभगत कर एक व्यक्ति से करीब 7 लाख 70 हजार रुपये ठग लिए। आरोप है कि दोनों ने व्यक्ति से पैसे लेकर बैंक के लोन खाते में जमा कराने की बजाय हड़प लिए। लोन चुकाने के लिए फर्जी एनओसी थमा दी।...
भिवानी: हरियाणा के भिवानी के बंधन बैंक के रिकवरी अधिकारी और कर्मचारी ने मिलीभगत कर एक व्यक्ति से करीब 7 लाख 70 हजार रुपये ठग लिए। आरोप है कि दोनों ने व्यक्ति से पैसे लेकर बैंक के लोन खाते में जमा कराने की बजाय हड़प लिए। लोन चुकाने के लिए फर्जी एनओसी थमा दी। औद्योगिक थाना पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है।
जानिए पूरा मामला
भिवानी स्थित बंधन बैंक लिमिटेड के एमडी रोहित बराड़ ने बताया कि 22 अप्रैल 2024 को बैंक के ग्राहक गज्जू का फोन आया। ग्राहक ने बताया कि बैंक ने लोन चुका दिया है, लेकिन अभी भी पेंडिंग दिखा रहा है। बैंक बार-बार किश्तें चुकाने के लिए फोन कर रहा है। रोहित ने गज्जू से पूछा कि उसने उसका लोन कैसे बंद किया। गज्जू ने बताया कि वह 4 अगस्त 2023 को बंधन बैंक भिवानी शाखा में आया था।
शाखा के डीलिंग स्टाफ ने अरुण को 1 लाख 75 हजार रुपए नकद दिए। रकम देने के बाद डीलिंग स्टाफ ने कहा कि 6 महीने बाद एनओसी (लोन खाते का अनापत्ति प्रमाण पत्र) जारी कर दिया जाएगा। 6 अप्रैल 2024 को गज्जू को अरुण से एनओसी मिल गई। बैंक अधिकारियों ने मामले की जांच की तो पाया कि अरुण द्वारा ग्राहक को जारी किया गया एनओसी फर्जी था। ग्राहक ने अपनी पासबुक भी दिखाई। अरुण ने ग्राहक की पासबुक को अपने हाथ से लिखकर धोखाधड़ी की है।
व्हाट्सएप के जरिए फर्जी मिली एनओसी
ग्राहक ने बताया कि उसे अरुण के फोन से व्हाट्सएप के जरिए फर्जी एनओसी मिली है। बैंक सिस्टम में ग्राहक के लोन खाते में जमा किए गए भुगतान का कोई रिकॉर्ड नहीं है। अरुण बैंक में रिलेशनशिप एग्जीक्यूटिव था। अरुण ने 10 अप्रैल 2024 को बैंक से इस्तीफा दे दिया। अरुण ने अन्य बैंक कर्मचारियों के साथ मिलीभगत करके यह धोखाधड़ी की है। उसने ग्राहकों की पासबुक में करीब 7 लाख 70 हजार रुपए दर्ज कर रखे हैं, लेकिन बैंक के सिस्टम में उसे पोस्ट नहीं किया है। औद्योगिक थाना पुलिस ने पूर्व कर्मचारी अरुण व अन्य संदिग्ध कर्मचारियों के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है।