Edited By Saurabh Pal, Updated: 01 Sep, 2023 02:50 PM

धरने पर बैठी आशा वर्कर्स का प्रदर्शन लगातार जारी है। पिछले काफी लंबे समय से आशा वर्कर्स अपनी मांगों को लेकर धरने पर बैठी हुई हैं। आलम यह है कि सरकार आशा वर्कर्स की एक सुनने को तैयार नहीं हैं। अब आशा वर्कर्स में सरकार को लेकर नाराजगी साफ देखी जा सकती...
अंबाला (अमन कपूर): धरने पर बैठी आशा वर्कर्स का प्रदर्शन लगातार जारी है। पिछले काफी लंबे समय से आशा वर्कर्स अपनी मांगों को लेकर धरने पर बैठी हुई हैं। आलम यह है कि सरकार आशा वर्कर्स की एक सुनने को तैयार नहीं हैं। अब आशा वर्कर्स में सरकार को लेकर नाराजगी साफ देखी जा सकती है। धरनारत आशा वर्कर मौजूदा सरकार से खफा हैं। अंबाला उपायुक्त कार्यालय पहुंचकर प्रदर्शन उन्होंने पर अपनी नाराजगी जताई।
वहीं धरने पर बैठी आशा वर्कर ने बताया कि वह काफी लंबे समय से प्रदर्शन कर रही हैं, लेकिन सरकार उनकी मांगे मानने को बिल्कुल भी तैयार नहीं है। उल्टा उनके साथ प्रशासन द्वारा तानाशाही रवैया अपनाया जा रहा है। आशा वर्कर्स ने यह तक कह दिया कि सरकार का नारा बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ बिल्कुल फेल है। क्योंकि यह सरकार आशा वर्कर्स बहन बेटियों के बारे में रत्ती भर भी सोचने को तैयार नहीं है। बेटियों का सम्मान केवल रक्षाबंधन पर ही नहीं हर रोज होना चाहिए।
आशा वर्कर जिला प्रधान कविता ने कहा कि प्रदर्शन के दौरान दो आशा वर्करों की जान भी जा चुकी है। जिसका हाल तक सरकार द्वारा नहीं पूछा गया। अपनी बात हाई कमान तक पहुंचाने के लिए वह पंचकूला कूच कर रहीं थी तो उन्हें रास्ता भी नहीं दिया गया। ऊपर से प्रशासन की बर्बरता उन्हें झेलनी पड़ी। आशा वर्करों का साफ तौर पर कहना है कि उन्हें हड़ताल करने का कोई शौक नहीं है। सरकार उनकी बात व उनकी मांगे मान ले और प्रदर्शन समाप्त करवाए।
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