Edited By Manisha rana, Updated: 17 Apr, 2025 12:46 PM

जब मन में ठान लिया कुछ करना है तो आपकी डगर कभी मुश्किल नहीं हो सकती। हम बात कर रहे हैं करनाल के एक छोटे से गांव के सुनील की जो बैंक में क्लर्क हैं, पर साथ ही साथ एक पर्वतारोही भी हैं।
करनाल : जब मन में ठान लिया कुछ करना है तो आपकी डगर कभी मुश्किल नहीं हो सकती। हम बात कर रहे हैं करनाल के एक छोटे से गांव के सुनील की जो बैंक में क्लर्क हैं, पर साथ ही साथ एक पर्वतारोही भी हैं। इनका पैशन, जुनून सब ऊंची-ऊंची चोटियों पर बसता है। ये हरियाणा के ऐसे पहले पर्वतारोही हैं जिन्होंने 8 हजार मीटर से ज्यादा ऊंचाई वाली 4 पर्वत श्रृंखलाओं पर फतह हासिल किया है। सुनील कभी ग्रुप में तो कभी अकेले अलग-अलग पर्वत पर ट्रैकिंग करता था, वो उसका फिर जुनून बन गया। सुनील ने वैसे तो कई बड़े-बड़े पर्वत पर चढ़कर फतह हासिल किया है, लेकिन विश्व की सबसे ऊंची चोटी पर भी 2022 में फतह हासिल कर लिया था।

आपको बता दें कि जहां एवरेस्ट की ऊंचाई 8848 मीटर है तो वहीं माउंट लॉतसे की ऊंचाई भी 8 हजार मीटर से ज्यादा है और दोनों को सुनील ने बैक टू बैक 22 घंटे में पूरा किया था। उसके बाद सुनील ने माउंट मनासलू पर भी फतह हासिल की। यह फतह हासिल करने में उन्होंने 78 घंटे का समय लिया जो कि एक रिकॉर्ड टाइम हैं। ये वो पर्वत हैं जो कठिनाइयों से भरे हुए हैं। रास्ते में कई लोगों की जान चली जाती है, कुछ लोग पूरा नहीं कर पाते, पर सुनील ने अपने जुनून को अपनी ताकत बनाकर इन पर फतह हासिल की है। उन्होंने कंचनजंगा पर्वत पर ट्रैक किया, पर वहां मौसम खराब के कारण उन्हें निराशा हाथ लगी और उनका वो ट्रैक पूरा नहीं हुआ। उन्हें वापिस आना पड़ा। उसके बाद उन्होंने अब विश्व की सबसे खतरनाक चोटी, जिसका सक्सेस टाइम माउंट एवरेस्ट से भी कम है, जहां पर बहुत कम पर्वतारोही जा पाते हैं, बहुत से पर्वतारोही बीच में मर जाते हैं क्योंकि कई बार खतरनाक एवलांच आ जाता है, पर सुनील ने इसे भी पूरा किया और फतह हासिल की। जिसका नाम है माउंट अन्नपूर्णा, ये नेपाल में स्थित है। वो ये हासिल करने वाले ऐसे पहले हरियाणवी बने जिन्होंने माउंट अन्नपूर्णा पर फतह हासिल की। उनके आधे घंटे बाद हिसार के नरेंद्र ने भी इस पर फतह हासिल किया, दोनों एक ही ग्रुप में थे। कहा जाता है कि माउंट अन्नपूर्णा की चढ़ाई माउंट एवरेस्ट से भी खतरनाक है।
वहीं सुनील एक बैंक में क्लर्क हैं, उनके साथियों ने उनका स्वागत किया। सुनील का सपना अब कंचनजंगा पर्वत पर जाने का है जो उनका बीच में अधूरा रह गया था। उन्होंने बताया कि इस गेम में भी लाखों का खर्चा आता है, जब वो एवरेस्ट पर गए थे तो 30 से 35 लाख और जब वो अन्नपूर्णा पर्वत पर गए तो 20 लाख से ज्यादा खर्चा आया था। अब वो कंचनजंगा पर्वत पर जाने के लिए स्पॉन्सर की तलाश कर रहे हैं। अन्नपूर्णा पर्वत पर फतह हासिल करने के बाद सीएम नायब सैनी ने भी उनके लिए X पर पोस्ट की थी।
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