15 जून से पहले खेत में पानी छोड़ धान लगाने वाले किसानों पर होगी कार्रवाई, भूजल संरक्षण के लिए कृषि विभाग ने उठाया कदम

Edited By Mohammad Kumail, Updated: 02 Jun, 2023 05:16 PM

agriculture department took steps to conserve ground water

भूजल संरक्षण के लिए कृषि विभाग मुख्यालय ने 15 जून से पहले रोपाई करने पर प्रतिबंध लगा दिया है। विभाग के कर्मचारी अपने क्षेत्र में निर्धारित समय से पहले धान की रोपाई करने वाले किसानों पर नजर रखेंगे...

गोहाना (सुनील जिंदल) : भूजल संरक्षण के लिए कृषि विभाग मुख्यालय ने 15 जून से पहले रोपाई करने पर प्रतिबंध लगा दिया है। विभाग के कर्मचारी अपने क्षेत्र में निर्धारित समय से पहले धान की रोपाई करने वाले किसानों पर नजर रखेंगे। समय से पहले रोपाई करने पर विभाग किसान के खेत की जुताई करवा देगा, जिसका खर्च किसान से ही वसूला जाएगा।

गोहाना कृषि विभाग के एसडीओ राजेंद्र मेहरा ने बताया कि गेहूं कटाई के बाद किसान धान की फसल की तैयारियां शुरू कर देते हैं। कुछ किसान धान की अगेती किस्म की रोपाई के लिए पौध तैयार करने में जुट जाते हैं। क्षेत्र में भूजल स्तर नीचे होने के चलते विभाग ने अगेती किस्म के धान की रोपाई करने पर प्रतिबंध लगा रखा है। अगेती किस्मों में सांठी धान को शामिल किया जाता है। इस किस्म की धान में अधिक सिंचाई की आवश्यकता होती है। इससे भूजल स्तर प्रभावित होता है। उन्होंने कहा कि सरकार के आदेशों की अवहेलना करने वाले किसानों के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी। वहीं किसान द्वारा तैयार की गई नर्सरी व खेत में लगाई गई धान की फसल को नष्ट कर दिया जाएगा। नर्सरी व फसल नष्ट करने का खर्च भी किसान से ही लिया जाएगा।

उन्होंने बताया कि क्षेत्र में निगरानी रखने के लिए कर्मचारियों की ड्यूटी भी लगा दी है। कर्मचारी गश्त कर अपने क्षेत्र में निगरानी रखने के साथ-साथ किसानों को धान के स्थान पर कम सिंचाई की फसलें लगाने के लिए प्रेरित करेंगे।

कृषि विभाग द्वारा पानी संरक्षण के लिए धान की सीधी बिजाई के लिए भी किसानों को प्रेरित किया जाएगा। एसडीओ राजेंद्र मेहरा ने बताया कि अब तक 5200 किसानों ने सीधी बिजाई के लिए पंजीकरण करवाया है। धान की सीधी बिजाई करने पर विभाग किसानों को प्रोत्साहित भी करेगा। इसके लिए किसानों को प्रति एकड़ ₹4000 अनुदान राशि दी जाएगी। उन्होंने बताया कि धान की सीधी बिजाई करने से किसानों को फायदा है। इस प्रकार से की गई खेती से बीमारी कम आती है। धान की सीधी बिजाई के लिए विभाग के कर्मचारी गांव में जाकर किसानों को भी जागरूक भी करेंगे।

एसडीओ राजेंद्र मेहरा ने बताया कि हर खेत स्वस्थ खेत के अंतर्गत प्रत्येक गांव की सभी कृषि योग्य भूमि से मिट्टी के सैंपल लिए जाएंगे। मिट्टी के सैंपल विभाग की लैब में चेक किए जाएंगे। इससे किसानों को अपने खेत की मिट्टी की गुणवत्ता के बारे में पता चल जाएगा। उन्होंने बताया कि मिट्टी के सैंपल लेने का कार्य किसान सहायक की मदद से किया जाएगा। इसके लिए गांव अनुसार किसान सहायक की ड्यूटी भी लगा दी गई है। जांच के बाद किसानों को मिट्टी स्वास्थ्य कार्ड भी गांव में ही उपलब्ध करवा दिए जाएंगे। इसके अतिरिक्त विभाग की दूसरी योजना मेरा पानी मेरी विरासत के अंतर्गत किसानों को कम सिंचाई की फसलें लगाने के लिए भी प्रेरित किया जाएगा। इसके अंतर्गत किसान खेत में बाजरा, कपास, दलहन और तिलहन आदि की फसलें लगा सकते हैं। इन फसलों की खेती करने पर किसानों को प्रति एकड़ ₹7000 तक प्रोत्साहन राशि दी जाएगी।

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