Edited By Yakeen Kumar, Updated: 16 Jul, 2025 03:03 PM

प्रदेश में सफेदा (यूकेलिप्टस) के बाद अब एक और पेड़ को काटा जाएगा। इसके लिए वन मंत्री राव नरबीर सिंह ने निर्देश दिए हैं कि सड़कों के किनारे से...
चंडीगढ़ : प्रदेश में सफेदा (यूकेलिप्टस) के बाद अब एक और पेड़ को काटा जाएगा। इसके लिए वन मंत्री राव नरबीर सिंह ने निर्देश दिए हैं कि सड़कों के किनारे हर साल न्यूनतम 10 प्रतिशत काबुली कीकर (बबूल) को हटाकर उसके स्थान पर उपयुक्त वृक्ष लगाए जाएं। मंत्री ने वन विभाग को सफेदा जैसे जल-गहन वृक्षों के पौधे न लगाए जाने की बात भी कही। यदि कोई किसान निजी भूमि पर सफेदा लगाना चाहता है, तो उसे रोका नहीं जाएगा, लेकिन विभागीय खरीद भविष्य में नहीं होनी चाहिए।
राव नरबीर सिंह ने यह भी कहा कि पौधारोपण के लिए गड्ढा खुदाई की 24 रूपये प्रति गड्ढा दर अधिक है, इसे कम किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि कृषि वानिकी, ग्रीन इंडिया मिशन और लकड़ी आधारित उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए विशेष रूप से पौधारोपण किया जाना चाहिए। मंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि वे अपनी कार्यशैली में परिवर्तन लाएं ताकि जनता को स्पष्ट रूप से वन विभाग में बदलाव दिखे।
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