Edited By Manisha rana, Updated: 27 Mar, 2025 07:51 AM

विधानसभा के बजट सत्र के 10वें दिन जनहित में बुधवार को 4 महत्वपूर्ण विधेयक पारित किए गए। इनमें हरियाणा शव का सम्मानजनक निपटान विधेयक, ट्रैवल एजेंटों का पंजीकरण और विनियमन विधेयक, सार्वजनिक द्यूत (जुआ-सट्टा) रोकधाम विधेयक तथा संविदात्मक कर्मचारी (सेवा...
चंडीगढ़ (बसल/पांडेय) : विधानसभा के बजट सत्र के 10वें दिन जनहित में बुधवार को 4 महत्वपूर्ण विधेयक पारित किए गए। इनमें हरियाणा शव का सम्मानजनक निपटान विधेयक, ट्रैवल एजेंटों का पंजीकरण और विनियमन विधेयक, सार्वजनिक द्यूत (जुआ-सट्टा) रोकधाम विधेयक तथा संविदात्मक कर्मचारी (सेवा की सुनिश्चितता) संशोधन विधेयक 2025 शामिल हैं। इसके अलावा हरियाणा बागवानी पौधशाला विधेयक तथा अपर्णा संस्था (प्रबंधन एवं नियंत्रण ग्रहण) विधेयक 2025 पेश भी किए गए।
इनमें हरियाणा शव का सम्मानजनक निपटान विधेयक 2025 तहत सड़क पर शव रखकर प्रदर्शन करने पर पाबंदी लगाई गई है। सदन में कहा गया कि प्रदेश में शव के बुनियादी मानवाधिकारों को बनाए रखने और शव के सम्मानपूर्वक अंतिम निपटान के लिए और उससे संबंधित और उससे आनुषंगिक मामलों के लिए ही विधेयक लाया गया है। विधेयक अनुसार भारत के संविधान के अनुच्छेद 21 तहत निहित 'जीवन के अधिकार' के दायरे में ' मृतकों के अधिकार और सम्मान' शामिल हैं। सम्मान और उचित व्यवहार का अधिकार न केवल जीवित व्यक्ति को बल्कि उसकी मृत्यु के बाद उसके शरीर को भी प्राप्त है। सदन में कांग्रेस विधायक भारत भूषण बत्रा और गीता भुक्कल ने विधेयक के संशोधित प्रारूपों की जानकारी मांगने के साथ ही कई बिंदुओं पर आपत्ति जताई।
मानव तस्करों को 10 व सट्टेबाजों को 5 साल तक की जेल
मुख्यमंत्री नायब सैनी ने कहा कि ट्रेवल एजेंटों की पारदर्शिता, उत्तरदायित्व सुनिश्चित करने और उनकी अवैध गतिविधियों की जांच और उन पर अंकुश लगाने सहित युवाओं को उनके शोपण से बचाने के लिए ट्रेवल एजेंटों का पंजीकरण और विनियमन विधेयक 2025 सदन में पारित किया गया है। इसके तहत बिना वैध रजिस्ट्रेशन प्रमाण-पत्र के कारोबार चलाने वाले एजेंटों के लिए अधिकतम 7 साल की कैद और 5 लाख रुपए तक के जुर्माने का प्रावधान किया गया है। विधेयक में अगर कोई मानव तरकरी करने में संलिप्त पाया जाता है तो दोपी को 7 से 10 वर्ष के कारावास की सजा का प्रावधान भी शामिल है।
राज्य में सार्वजनिक द्यूत, सामान्यद्युत घर चलाने, खेलों और चुनावों में सट्टेबाजी, खेलों में मैच फिक्सिंग या स्पॉट फिक्सिंग की रोकथाम, दंड देने के लिए और इससे संबंधित या इसके आनुषंगिक मामलों के लिए उपबंध करने हेतु हरियाणा सार्वजनिक द्यूत रोकथाम विधेयक, 2025 पारित किया गया। इसमें मैच फिक्सिंग, चुनाव या खेलों में सट्टेबाजी करने वालों के लिए 3 से 5 साल तक कैद का प्रावधान है। साथ ही प्रॉफ्टी भी जब्त की जाएगी।
संविदात्मक कर्मियों की 240 दिन तक काम की शर्त हटी
हरियाणा संविदात्मक कर्मचारी (सेवा की सुनिश्चितता) अधिनियम, 2024 को संशोधित करने के लिए हरियाणा संविदात्मक कर्मचारी संशोधन विधेयक 2025 पारित किया गया जिससे संविदा कर्मचारियों की नौकरी सुरक्षित हो गई है। वहीं किसी कर्मचारी की नौकरी सुरक्षित करने के लिए कैलेंडर वर्ष में 240 दिन काम की शर्त को हटा दिया गया है।
इसके तहत सेवा की सुरक्षा का लाभउन संविदात्मक कर्मचारियों को स्वीकार्य है जिसने नियत तिथि अर्थात 15 अगस्त, 2024 को पूर्णकालिक आधार पर सरकारी संस्था में कम से कम 5 वर्ष की सेवा पूरी कर ली हो। उपरोक्त प्रावधान अनुसार नियुक्ति के वर्षों की संख्या की गणना के प्रयोजन के लिए, एक संविदात्मक कर्मचारी जिसने कैलेंडर वर्ष में कम से कम 240 दिनों के लिए पारिश्रमिक प्राप्त किया है उसे पूरे वर्ष कार्य किया गया समझा जाएगा।
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