Edited By Isha, Updated: 22 Oct, 2025 03:16 PM

प्रदेश के सरकारी स्कूलों में नौनिहालों को मिड डे मील (एमडीएम) खिलाने वाले तकरीबन 28,400 कुक आर्थिक तंगहाली से गुजर रहे हैं। इतना ही नहीं स्कूलों की रसोई में पक रहा राशन भी उधार पर आ रहा
चंडीगढ़: प्रदेश के सरकारी स्कूलों में नौनिहालों को मिड डे मील (एमडीएम) खिलाने वाले तकरीबन 28,400 कुक आर्थिक तंगहाली से गुजर रहे हैं। इतना ही नहीं स्कूलों की रसोई में पक रहा राशन भी उधार पर आ रहा है। राज्य सरकार की ओर से दो माह अगस्त व सितंबर और केंद्र सरकार की ओर से पांच माह का मानदेय जारी नहीं हुआ है।
प्रदेश के 14,200 सरकारी स्कूलों में तकरीबन 28,400 कुक मिड डे मौल में तैनात हैं। प्रति कुक 7,000 रुपये मासिक मानदेय दिया जाता है जिसमें एक हजार रुपये केंद्र और छह हजार रुपये राज्य सरकार की ओर से जारी होते हैं। बजट जारी न होने से राशन और गैस सिलेंडर का इंतजाम भी उधार पर करना पड़ रहा है।
मिड डे मील वर्कर्स यूनियन हरियाणा के प्रधान जय भगवान ने कहा कि 2004 से अब तक एमडीएम स्कीम की दोनों मदों मानदेय और कुकिंग कॉस्ट की राशि कभी भी समय पर नहीं मिली है। इसमें कई बार तो 3 से 6 महीने तक की देरी हो जाती है। ऐसे में बाजार से उधार सामान लेना पड़ता है जिससे दुकानदार अपनी मनमर्जी के रेट वसूलते हैं।
हरियाणा विद्यालय अध्यापक संघ ने इस मुद्दे पर अब सरकार के खिलाफ मोर्चा खोलने की तैयारी शुरू कर दी है। रोहतक में राज्यस्तरीय बैठक में राज्य प्रधान प्रभु सिंह की अध्यक्षता और महासचिव रामपाल के संचालन में यह प्रस्ताव पारित हुआ कि अगर तुरंत भुगतान नहीं किया गया तो जल्द ही राज्यव्यापी विरोध अभियान शुरू किया जाएगा।
एमडीएम में केंद्र और राज्य सरकार दोनों की तरफ से बजट मिलता है। कई बार दोनों ओर से बजट अलग-अलग समय पर आता है। इस तरह की समस्या जिन स्कूलों में आ रही है उन्हें दफ्तर में शिकायत करनी चाहिए। शिकायत के आधार पर मामले की जांच करवाई जाएगी।
विनीत गर्ग, एसीएस, स्कूल शिक्षा विभाग