Edited By Pawan Kumar Sethi, Updated: 18 May, 2022 04:36 PM
पॉक्सो एक्ट मामले की सुनवाई करते हुए अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश वेद प्रकाश सिरोही की फास्ट ट्रैक स्पेशल अदालत ने पुख्ता सबूतों व गवाहों के आधार पर आरोपी को दोषी करार देते हुए 20 साल की कैद व 25 हजार रुपए जुर्माने की सजा सुनाई है।
गुड़गांव। पॉक्सो एक्ट मामले की सुनवाई करते हुए अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश वेद प्रकाश सिरोही की फास्ट ट्रैक स्पेशल अदालत ने पुख्ता सबूतों व गवाहों के आधार पर आरोपी को दोषी करार देते हुए 20 साल की कैद व 25 हजार रुपए जुर्माने की सजा सुनाई है। जुर्माने का भुगतान न करने पर दोषी को अतिरिक्त कारावास भी भुगतना होगा।
प्राप्त जानकारी के अनुसार, एक नाबालिग के परिजनों की शिकायत पर जिले के बजघेडा पुलिस थाना में पालम विहार निवासी बिहार मूल के आरोपी मोहम्मद आलम, मजहर उर्फ मोहम्मद मंजर के खिलाफ वर्ष 2018 की 24 अगस्त को भादंस की धारा 344 एवं 6 पॉक्सो एक्ट 2012 के तहत मामला दर्ज कराया गया था। पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था, तभी से वह जिला जेल में बंद है। मामले की सुनवाई अदालत में चली। अभियोजन पक्ष ने अदालत में जो सबूत व गवाह पेश किए, उनसे आरोपी पर लगे आरोप सिद्ध होना पाते हुए अदालत ने आरोपी को दोषी करार देते हुए 20 साल की कैद व 25 हजार रुपए जुर्माने की सजा सुना दी है। जुर्माने का भुगतान न करने पर दोषी को अतिरिक्त कारावास की सजा भुगतनी होगी।