Edited By Gaurav Tiwari, Updated: 08 Dec, 2025 07:35 PM

हरियाणा के डीजीपी ओपी सिंह ने गुरुग्राम के टाउनहॉल में ऑनलाइन साइबर ठगी से बचने के लिए एक नया और बेहद सरल ‘पीवीआर’ फॉर्मूला लांच किया। जिसे पॉज, वैरिफाई, रिपोर्ट (पीवीआर) नाम दिया गया है।
गुड़गांव, 8 दिसम्बर (धर्मेंद्र): हरियाणा के डीजीपी ओपी सिंह ने गुरुग्राम के टाउनहॉल में ऑनलाइन साइबर ठगी से बचने के लिए एक नया और बेहद सरल ‘पीवीआर’ फॉर्मूला लांच किया। जिसे पॉज, वैरिफाई, रिपोर्ट (पीवीआर) नाम दिया गया है। यह मॉडल ऑनलाइन फ्रॉड और डिजिटल स्कैम से बचने के लिए तुरंत अपनाया जा सकने वाला तीन-स्टेप का हथियार बताया गया है।
डीजीपी ने कहा कि आज के स्कैमर्स तकनीक से ज्यादा मानव भावनाओं को हैक करते हैं। हर धोखाधड़ी अक्सर इन छह ट्रिगर्स पर खेलती है डर, जल्दबाज़ी, भरोसा, जिज्ञासा, लालच और लापरवाही। उन्होंने पीवीआर को लेकर कहा कि पॉज मतलब रुकिए,स्कैमर आपकी घबराहट पर निर्भर करता है। दो सेकंड रुक जाएं, उनका खेल खत्म। वैरिफाई मतलब जांचिए-नंबर, लिंक और मैसेज की असलियत चेक करें। कोई असली संस्था आपसे भाग-दौड़ में जानकारी नहीं मांगती।
रिपोर्ट से मतलब 1930 पर रिपोर्ट करे। अगर ज़रा भी शक हो, तुरंत 1930 पर कॉल करें। डीजीपी ने कहा कि इतना करने पर पुलिस मिनटों में पैसे फ्रीज़ करा सकती है। डीजीपी ने बताया कि हरियाणा में 24×7 1930 साइबर हेल्पलाइन, जिला-स्तर पर साइबर पुलिस स्टेशन, विशेष फॉरेंसिक टीमें और एफआईआर के बिना रिफंड सिस्टम जैसी सुविधाएं नागरिकों को तुरंत सहायता देने के लिए तैयार हैं।