समाज सेवा के क्षेत्र में 14 वर्ष की आयु से नवीन कुमार  ने की शुरुआत, अब राष्ट्रीय स्तर की पहचान

Edited By Gaurav Tiwari, Updated: 01 Sep, 2024 07:49 PM

naveen kumar started social service at the age of 14

बचपन से ही क्षेत्र वासियों के दिलों की धड़कन बने हुए नवीन कुमार आज विश्व स्तर पर अपनी पहचान बनाने में अग्रणी युवा जन सेवक के रूप में जाने जाते हैं

गुडगांव, (ब्यूरो): देश भक्ति और समाज सेवा की विचारधारा को देश के युवाओं बड़े बूढो एवं बच्चों तक सुचार रूप से पहुंचने का कार्य नवीन कुमार से बेहतर ही किसी ने किया है, जिस उम्र में बच्चों को नए-नए खिलौने से खेलने,घूमने, खाने पीने का शौक था उस उम्र में नवीन कुमार ने अपने बड़े बूढ़ों एवं  समाज की सेवा का दायित्व निभाने का सर्वोत्तम कार्य शुरू कर दिया था ।नवीन कुमार जी के 14 साल की उम्र में देशभक्ति, राष्ट्रसेवा एवं समाजसेवा के कार्य को प्रारंभ करने के पीछे एक विशेष कारण था संघ के विचारों का गहरा प्रभाव नवीन कुमार जी पर पड़ना।

 

बचपन से ही राष्ट्रभक्ति और समाज सेवा के नेतृत्व का रोचक हुनर नवीन कुमार  के व्यक्तित्व में दिखने लगा, माता-पिता की सेवा के साथ अपने क्षेत्र व समाज के लोगों का भी उनकी समस्याओं को निपटाने में मदद करने के साथ साथ कई बुनियादी ढाचो की लड़ाई लड़ उन्हें बनवाना शुरू कर दिया था, देशभक्ति  से ओतप्रोत भावना ने देश सेवा के कार्य को आगे बढ़ाने के लिए अपने शहर के लोगों से मिलने जुलने और उनकी समस्याओं को दूर करने के लिये  राजनेताओं एवम अधिकारियों से मोर्चा लेना शुरू कर दिया, नवीन कुमार जी का कहना था हम सत्य के साथ हैं सत्य परेशान हो सकता है लेकिन कभी पराजित नहीं होता, ऐसी उत्कृष्ट विचारधारा के साथ उन्होंने शहर में अपनी एक पहचान स्थापित की, गुड़गांव  के कुमाऊं समाज ,उड़िया समाज ,राजपूत समाज,ब्राह्मण समाज, पूर्वांचल,जाट समाज, गुर्जर समाज, यादव समाज एवं 36 बिरादरियों के कार्यक्रमों का आतिथ्य ग्रहण करने के साथ-साथ पूर्ण सहयोग किया।

 

समाज के सभी वर्गों का सहयोग होने की वजह से शहर में उपस्थित अव्यवस्थाओं को स्वतः दूर करने का प्रयास युवाओं को अपने साथ जोड़कर शुरू किया शहर में स्वास्थ्य से जुड़े हुए समस्याओं का निदान करने के लिए कैंप लगाकर असहायों एवं निर्धनों की पूर्ण उपचार के साथ मदद किया स्वास्थ्य सेवाओं के बाद जब नवीन जी का ध्यान शहर की गंदगी पर पड़ा तो उनको समझ में आया कि इन स्वास्थ्य सेवाओं की व्यवस्था से ज्यादा जरूरी स्वच्छता का होना जरूरी है जिसके लिए तत्काल उन्होंने युवाओं को जोड़ना शुरु किया पढ़े लिखे और योग्य युवाओं को अपने साथ जोड़ने के बाद उन्होंने स्वच्छता अभियान का बढ़-चढ़कर नेतृत्व किया 15000 से ज्यादा युवाओं को जोड़कर शहर के विभिन्न स्थानों एवं धार्मिक स्थलों की सफाई ,कॉलोनियों में सीवरों की सफाई एवं क्षतिग्रस्त ढक्कनों को लगाना , स्ट्रीट लाइट्स की व्यवस्था एवं  स्वच्छता गाड़ी को घरों तक पहुंचाने का सर्वोत्तम कार्य पलक झपकते ही पूरा कर दिया, कम उम्र में ऐसी समाज सेवा देखने को यदा कदा ही मिलती है, माननीय नरेन्द्र मोदी कि विचार धाराओं की अमृत धारा को नवीन कुमार  के युवा विचारों में दर्शन कर सकते  हैं।

 

 

स्वच्छता अभियान के सफलतापूर्वक पूर्ण होने के बाद नवीन कुमार जी की नजर हमारे समाज में नशे से ग्रस्त युवाओं पर पड़ी जिन्हें देखकर एक बार फिर उनकी आत्मा झकझोर उठी कि जिन कंधों पर देश के भविष्य की जिम्मेदारी है वह नशे से अपने परिवार और अपने भविष्य को नष्ट कर रहे हैं ऐसी स्थिति में नवीन कुमार ने अपने सहयोगियों के साथ मिलकर नशा मुक्ति अभियान का सुदर्शन चलाना शुरू किया जिसके फलक स्वरूप अवैध नशा विक्रय बंद कराया और युवाओं को राष्ट्रभक्ति और देश भक्ति के साथ-साथ अपने परिवार और समाज को आगे बढ़ाने के लिए उन्हें रोजगार के अवसर भी मुहैया करवाये रोजगार के अवसरों को प्राप्त करने के बाद युवाओं के अंदर एक नया जोश दिखने लगा जिसकी वजह नवीन कुमार थे।  कम उम्र में राष्ट्रभक्ति की ऐसी भावना ने उस समय के अधिकारियों और नेताओं को नवीन कुमार के सामने उनकी मांगों को पूर्ण करने के लिए विवश कर दिया , देखते ही देखते कुछ ही सालों में जनता ने नवीन कुमार को एक प्रतिष्ठित युवा समाजसेवी के रूप में पलकों पर बैठना शुरू कर दिया ,जहां देश में जात-पात की लड़ाइयां लड़ी जा रही थी वही नवीन कुमार के नेतृत्व में" हिंदू मुस्लिम सिख इसाई हम आपस में भाई-भाई" के नारे को जीवंत रूप दिया जा रहा था ।

 

हर वर्ग हर जाति हर धर्म के लोगों का विश्वास इतना

प्रगाढ़  हो गया कि किसी भी धर्म या जाति का कार्यक्रम होने पर नवीन कुमार को विशेष आतिथ्य के तौर पर अपना भाई  बंधु समझकर आमंत्रित किया जाने लगा, समाज में आग की तरह फैलती हुई प्रतिभा एवं कर्तव्य निष्ठा नवीन कुमार जी के पहचान की नींव थी, जिस पर कई नेताओं की जीत का महल खड़ा हो सका और वह सर्वोच्च पद पर भारी मतों से विजय श्री को  प्राप्त हुए ,माननीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के सामने हजारों युवाओं का नेतृत्व भी किया, खास बात यह रही कि जहां राजनेताओं की दुनिया की चमक दमक लोगों को चकाचौंध कर देती है वही नवीन कुमार जी के अंदर की राष्ट्रभक्ति की भावना ने उन्हें आगे बढ़ाने के लिए प्रेरित किया, उत्कृष्ट कार्यो को देखते हुए 2016 में युवा सुधार समिति हरियाणा का उपाध्यक्ष नियुक्त किया गया ,जो कि आज तक प्रभावी है। 

 

 

राष्ट्रभक्ति और कर्तव्य निष्ठा की भावना को देखते हुए नवीन कुमार जी को सैलूट तिरंगा राष्ट्रवादी संगठन के युवा मोर्चा का हरियाणा प्रदेश अध्यक्ष का कार्य भार सौपा गया । राष्ट्र की सेवा निति को आधार मानकर नवीन जी ने पूरे प्रदेश में सैल्यूट तिरंगा संगठन को मजबूत किया और देशभक्ति राष्ट्रभक्ति की भावना को जन-जन में पहुंचने का उत्कृष्ट कार्य समरसता के साथ पूर्ण किया, हिंदू मुस्लिम सिख इसाई सभी धर्म को तिरंगे के नीचे लाकर खड़ा करने में नवीन कुमार जी का एक विशेष स्थान रहा , उनकी कार्यशैली  से प्रभावित होने की वजह से  उन्हें सैल्यूट तिरंगा संगठन द्वारा संपूर्ण राष्ट्र के युवाओं का प्रतिनिधित्व करने के लिए युवा राष्ट्रीय अध्यक्ष के रूप में पदोन्नति दी गई, जिसके फलस्वरूप  सूर्य  के समान उगते गुरुग्राम के इस युवा को देश की सेवा एवं देश भक्ति की भावना को राष्ट्र स्तर पर जन जन तक पहुंचाने का उत्कृष्ट कार्य करने का मौका मिला । कोरोना कल के समय असहायों को तन मन धन से सहयोग करने के लिए विशेष व्यवस्थाओं का संचालन किया लोगों को खाने पीने रहने एवं उनके उचित आवासीय परिसर की व्यवस्था भी की।

 

राष्ट्र प्रथम की विचार धारा को अपने युवा सहयोगियों के साथ मिलकर देश की जनता में बखूबी से पिरोया ,

किंतु देश में धार्मिक उठा पाठक के बीच जब कश्मीर पर विदेशी धरती से उंगली उठाई गई तो एक बार फिर नवीन कुमार जी के देश प्रेम का तूफान मचलने लगा और विश्व को यह विश्वास दिलाने के लिए की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी  द्वारा धारा 370 हटाये जाने के बाद कश्मीर एक अमन और शांतिप्रिय राज्य बन चुका है तथा देश के सभी राज्यों की तरह विकास के नए आयाम को छू रहा है,के लिए  सैल्यूट तिरंगा यात्रा नाम का तूफानी अभियान कश्मीर के डल झील से शुरू कर डाला। जिस कश्मीर में तिरंगा लहराना आतंकवादियों से सीधी दुश्मनी हुआ करती थी,जिस कश्मीर के मदरसों में राष्ट्रगान व वंदे मातरम की आवाज़ सुनते ही गोलियां चल जाती थी , आज उसी कश्मीर में भारत के इतिहास में पहली बार सैल्यूट तिरंगा संगठन के सहयोग से युवा मोर्चा की तरफ से नेतृत्व में बिना प्राणों की चिंता किये बिना राष्ट्र प्रथम की भावना से ऐतिहासिक तिरंगा यात्रा रैली का सफलता पूर्वक शुभारंभ किया गया, खास बात यह रही कि जामिया सिराज उल उलूम जैसे कई मदरसों ने तिरंगे का सम्मान कभी नही किया व वंदेमातरम ,राष्ट्रगान नही गाया ,उन मदरसों के बच्चों को भी देशभक्ति का ऐसा पाठ पढ़ाया की सभी तिरंगा लेकर सड़कों पर वंदेमातरम के जयकारों को लगाते हुए निकल पड़े, उनके साथ कश्मीर के 10000 से अधिक मुस्लिम युवाओं, महिलाओ एवं बच्चों ने बढ़ चढ़ कर भागीदारी दिखाई, नवीन कुमार जी के तिरंगा यात्रा का मतलब विश्व को यह दर्शाना था कि प्रत्येक भारतीय अपने तिरंगे का सम्मान करने के साथ साथ हिन्दू मुस्लिम सिख इसाई हम आपस में भाई-भाई की कहावत को चरितार्थ करना था।

 

सैलूट तिरंगा यात्रा देश के विभिन्न शहरों से होती हुई विदेशी धरती पर भी भारतीयों की एकता एवं समरसता को देश भक्ति एवं राष्ट्र प्रेम को प्रमाणित किया नवीन कुमार जी के कार्य प्रणाली एवं सिद्धांतों का जनता भूरि भूरि प्रशंसा कर रही है ऐसे कर्मठी और ईमानदार व्यक्तित्व जो की देशभक्ति की भावना से पूरी तरह परिपूर्ण हो जिसके अंदर राजनीति के छल कपट ना हो सभी धर्म में समान भाव हो जिसके अंदर राष्ट्र स्तर पर नेतृत्व की क्षमता हो जो देश प्रेम में अपने प्राणों की आहुति देने का भय ना रखें जिसके लिए जनता के हर वर्ग के दिल में एक विशेष स्थान हो  जो वसुधैव कुटुंबकम की भावना से परिपूर्ण हो उसे देश के नेतृत्व के लिए एक अवसर जनता जरूर देना चाहती है, किंतु आजकल के राजनीतिक व्यापारियों ने समाज सेवा एवं राष्ट्र प्रेम को अपनी रखैल बना रखा है जिसकी वजह से ईमानदार निष्ठावान देशभक्ति नेतृत्वकर्ता अपनी प्राण प्यारी जनता की सेवा करने का अवसर नहीं प्राप्त कर पा रहे हैं तरह-तरह के प्रलोभनों से वोटो को खरीदने का प्रयास करते हैं , एवं अपनी व्यवसाय की तरक्की एकमात्र उद्देश्य होता है ,जनता को लुभाने के लिए उपहार एवं क्षणिक  सुविधाओं का लालच देकर पांच वर्ष के लिए कैद कर अपनी मनमानी करते हैं , आखिर कब बदलेगा आज का मायाजाल ,व्यावसायिक राजनीति  के भंवर से।

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