Edited By Gaurav Tiwari, Updated: 19 Dec, 2024 05:38 PM
देश के किसानों को पेस्टीसाइड से होने वाले दुष्परिणामों से अवगत कराने और फसल की गुणवत्ता के साथ-साथ आय में इजाफा करने के लिए दिल्ली से नागौर पहुंचे ‘मेरे गांव की मिट्टी’ शुद्ध उगाओ, शुद्ध खिलाओं,’ जागरुकता अभियान का एमडीएच परिवार के सुरेश राठी और...
गुड़गांव, ब्यूरो : देश के किसानों को पेस्टीसाइड से होने वाले दुष्परिणामों से अवगत कराने और फसल की गुणवत्ता के साथ-साथ आय में इजाफा करने के लिए दिल्ली से नागौर पहुंचे ‘मेरे गांव की मिट्टी’ शुद्ध उगाओ, शुद्ध खिलाओं,’ जागरुकता अभियान का एमडीएच परिवार के सुरेश राठी और पूरी टीम ने जोरदार स्वागत किया। इस मौके पर सुरेश राठी ने दो अति महत्वपूर्ण घोषणाएं देश भर के किसानों के लिए की। पहली धोषणा है कि एमडीएच उन किसानों को बाजार भाव से अतिरिक्त मूल्य देगा, जिनकी उपज विदेशी बाजार और देश के तय बाजार के मानकों के अनुसार होगी और जिनमें पेस्टीसाइड नहीं के बराबर पाया जाएगा।
सुरेश राठी ने बताया कि एमडीएच ग्रुप, आईपीएम क्वालिटी के जीरा को सामान्य जीरा के मुकाबले 15 फिसदी और मेथी पत्ता पर 20 फीसदी तक बाजार भाव से अधिक मूल्य पर खरीद करेगा। इसके साथ ही राठी ने कहा कि आईपीएम ग्रुप के चेयरमैन राजीव गुलाटी की इच्छा है कि नागौर में फसल खरीद के समय पेस्टीसाइड टेस्ट की सुविधा नागौर में ही हो, जिसके लिए राजस्थान सरकार, जिला प्रशासन, और आईसीएआर से लैब स्थापित करने में आवश्यक सहयोग की अपील की गई।
राजस्थान किसान आयोग के अध्यक्ष एवं पूर्व सांसद सी आर चौधरी ने कहा कि एमडीएच के जागरुकता अभियान को जन चेतना का अभियान बनाना है, जिससे देश का हर किसान जागरुक हो और आम जन को स्वस्थ अन्न मिले। नागौर जिलाधीश अरुण कुमार पुरोहित ने विश्वास दिलाया कि पेस्टीसाइड लैब टेस्ट के लिए प्रशासन हर संभव मदद के लिए तैयार है। अरुण कुमार ने बताया कि नागौर की कसूरी मेथी अपनी खुशबू, रंग और स्वाद के लिए दुनिया भर में जानी जाती है।
आईसीएआर के डायरेक्टर डॉ विनय अग्रवाल ने कहा कि एमडीएच की पहल ‘मेरे गांव की मिट्टी’ एक सराहनीय कदम है। अगर किसान कम पेस्टीसाइड के कृषि उत्पाद उगाएगा तो निश्चित तौर पर उसे फसल का बेहतरीन दाम भी मिलेगा और खेत की मिट्टी के तत्व भी बरकरार रहेंगे। जरूरत सिर्फ किसान के जागरुक होने की है, और आईसीएआर इस नेक काम में साथ है।
भारत से वर्ष 2023-24 में मसालों का कुल निर्यात 4.46 अरब डॉलर का हुआ है, जिससे पता चलता है कि अगर मसाला इंडस्ट्री और सरकार मिलकर किसानों को पेस्टीसाइड को लेकर शिक्षित करें तो 2030 तक भारतीय मसाला कारोबार 20 अरब डॉलर का हो सकता है। यानी 5 साल में 5 गुणा बढ़ोतरी। राजस्थान में जीरा, लालमिर्च, धनिया, मेथी दाना, मेथी पत्ता की बेहतरीन फसल होती है। किसान भी चाहता है कि उसके उत्पाद विदेशी बाजारों में उचित कीमत पर बिके।
शरद राठी ने बताया कि एमडीएच पहले से ही कम पेस्टीसाइड मसालों को ही प्रोसेस करता है, क्योंकि राजीव गुलाटी अपने पिता स्वर्गीय महाशय धर्मपाल गुलाटी के आदर्शों पर चलते हुए समाज को उच्चतम गुणवत्ता के मसाले मुहैया करवाने के साथ-साथ सामाजिक कार्यों के लिए भी प्रतिबद्ध हैं। अब समय आ गया है कि देश के ज्यादा से ज्यादा किसान पेस्टीसाइड छोड़कर, प्राकृतिक कृषि तकनीकों को अपनाएं और पेस्टीसाइड रहित फसल की मुहिम से जुड़े। इसी दिशा में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के सपने ऑर्गेनिक भारत की दिशा में मेरे देश की मिट्टी जागरुकता रथ की शुरुआत की गई है। यह रथ पूरे देश के किसानों को पेस्टीसाइड से होने वाले दुष्परिणामों से अवगत कराएगा और कृषि वैज्ञानिक उन्हें बताएंगे बिना पेस्टीसाइड के कैसे गुणवत्ता वाली फसल ले सकते हैं।
इस मौके पर नागौर के अतिरिक्त जिलाधिश, चम्पालाल जीनगर, आईसीएआर-एनआरसीएसएस अजमेर के डायरेक्टर डॉ विनय भारद्वाज, कृषि उपज मंडी के सचिव रघुनाथराम चौधरी, आईसीएआर - एनआरसीएसएस अजमेर से कृषि विज्ञान के वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ रविन्द्र सिंह जी, आईसीएआर - एनआरसीएसएस अजमेर से कीट विज्ञान के वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ कृष्ण कान्त गुप्ता, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी जुगल किशोर सैनी और मार्केट टाइम्स से रुपा मैहता कार्यक्रम में उपस्थित रहे। गौरतलब है कि 5 दिसंबर को दिल्ली में केन्द्रीय कृषि एवं किसान कल्याण राज्य मंत्री भागीरथ चौधरी ने एमडीएच मेरे गांव की मिट्टी, जागरुकता अभियान की शुरुआत की थी।